विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
क्वांटम डॉट्स
- 19 May 2020
- 5 min read
प्रीलिम्स के लिये:क्वांटम डॉट्स मेंस के लिये:क्वांटम डॉट्स, उनकी विशेषताएँ, अनुप्रयोग तथा उनसे संबंधित समस्याएँ |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (Department of Science & Technology) के तहत स्वायत्त संस्थान, ‘अगरकर अनुसंधान संस्थान’ (Agharkar Research Institute- ARI), पुणे के शोधकर्त्ताओं ने क्वांटम कुशल तथा जैव-अनुकूल क्वांटम डॉट्स (Quantum Dots- QDs) के संश्लेषण के लिये एक नई प्रक्रिया विकसित की है।
प्रमुख बिंदु
- शोधकर्त्ताओं द्वारा विकसित इस नई प्रक्रिया को ‘एडवांसेज इन कोलॉइड एंड इंटरफेस साइंस’ (Advances in Colloid and Interface Science) नामक जर्नल में प्रकाशित किया गया है।
- इस प्रक्रिया का उपयोग विद्युतचुंबकीय स्पेक्ट्रम (Electromagnetic Spectrum) में दृश्य तरंगदैर्ध्य (Wavelength) का प्रयोग करते हुए कोशिकांगों (Cellular Organelles) तथा उनमें होने वाली गतिविधियों की तस्वीरें लेने में किया जाता है।
- प्रक्रिया में एक निरंतर प्रवाह शामिल है तथा एक सक्रिय माइक्रोरिएक्टर की सहायता से इस प्रवाह की निरंतरता को बनाए रखा जाता है।
- वर्तमान समय में जैव-प्रतिबिंबन (Bio Imaging) अनुप्रयोगों जैसे-कोशिकीय अंगों का दृश्य, कोशिकीय प्रक्रियाओं पर नज़र रखना इत्यादि पारंपरिक फ्लूरोफोर/फ्लोरोफोरे (Fluorophore) पर निर्भर है।
- फ्लूरोफोर/फ्लोरोफोरे प्रतिदीप्त रासायनिक यौगिक हैं जो उत्तेजित होने पर फिर से प्रकाश उत्सर्जित कर सकते हैं।
- ये फ्लोरोफोरे फोटोब्लीचिंग से कमज़ोर या ख़राब हो जाते हैं, इनकी संकेत तीव्रता कम होती है और इनका अतिव्यापी वर्णक्रम/स्पेक्ट्रा इनके उपयोग (विशेष रूप से मल्टीस्पेक्ट्रल बायोइमेजिंग में) को सीमित करता है।
- क्वांटम दक्षता, प्रकाश और रासायनिक स्थिरता के संदर्भ में पारंपरिक फ्लोरोफोरे की तुलना में क्वांटम डॉट्स के विशेष लाभ हैं। साथ ही एक सरफेस कोटिंग द्वारा इनकी विषाक्तता से भी निपटा जा सकता है।
- यह मल्टीस्पेक्ट्रल बायोइमेजिंग के दौरान विभिन्न अंगों को लक्षित करते हुए विभिन्न जैव-सूचकों (Biomarker) के संयुग्मन की संभावना को बढ़ाता है।
- जैवसूचक/बायोमार्कर प्रमुख आणविक या कोशिकीय घटनाएँ हैं जो किसी विशिष्ट पर्यावरणीय आवरण को स्वास्थ्य के लक्षणों से जोड़ती हैं।
क्वांटम डॉट्स (QDs)-
- क्वांटम डॉट्स मानव निर्मित नैनोस्केल क्रिस्टल हैं, जो इलेक्ट्रॉनों का एक स्थान से दूसरे स्थान पर संचरण करते हैं।
- क्वांटम डॉट्स कृत्रिम नैनो संरचनाएँ हैं।
- जब पराबैंगनी प्रकाश इन अर्द्धचालक नैनो-कणों से टकराता है, तो इनके द्वारा विभिन्न रंगों के प्रकाश का उत्सर्जन किया जाता हैं।
- एकल अणु के स्तर पर ये कोशिकीय प्रक्रियाओं का अध्ययन करने में सक्षम हैं तथा कैंसर जैसे रोगों के निदान और उपचार में सहायक हो सकते हैं।
संश्लेषित क्वांटम डॉट्स की विषेशता:
- संश्लेषित क्वांटम डॉट्स पर सिलिकॉन की कोटिंग कर उन्हें जैव-अनुकूल बनाया गया है।
- संश्लेषित क्वांटम डॉट्स द्वारा क्वांटम दक्षता और फोटोस्टेबिलिटी क्षमता को भी बढ़ाया गया है। साथ ही मल्टीस्पेक्ट्रल बायोइमेजिंग के लिये इनका उपयोग सफलतापूर्वक किया जा सकता है।
क्वांटम डॉट्स के अनुप्रयोग में समस्या :
- क्वांटम डॉट्स के संश्लेषण के दौरान इसके कुछ आवश्यक/महत्त्वपूर्ण गुणों को पुनः प्राप्त करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है।
- वाणिज्य की दृष्टि से पारंपरिक फ्लोरोफोरे की तुलना में इसका प्रयोग उतना संभव नहीं है।