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भारतीय अर्थव्यवस्था

10 बैंकों के विलय की घोषणा

  • 31 Aug 2019
  • 5 min read

चर्चा में क्यों?

अर्थव्यवस्था की गति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हाल ही में केंद्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों का विलय करने की घोषणा की है।

  • केंद्र सरकार के इस कदम के परिणामस्वरूप देश में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (Public Sector Banks-PSBs) की कुल संख्या 18 से घटकर 12 हो जाएगी।

किन बैंकों का होगा विलय?

1. ओरियन्टल बैंक ऑफ कॉमर्स (Oriental Bank of Commerce) तथा यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया (United Bank of India) का विलय पंजाब नेशनल बैंक (Punjab National Bank) में।

  • विलय के पश्चात् पंजाब नेशनल बैंक भारत का दूसरा सबसे बड़ा सार्वजनिक क्षेत्रक बैंक बन जाएगा।
  • इसके अतिरिक्त बैंक शाखाओं के मामले में भी यह बैंक देश का सबसे बड़ा बैंक होगा, जिसकी 11,437 शाखाएँ होंगी।
  • तीनों बैंकों के विलय के पश्चात् पंजाब नेशनल बैंक का कुल कारोबार 17.95 लाख करोड़ रुपए का हो जाएगा।

2. सिंडिकेट बैंक (Syndicate Bank) का विलय केनरा बैंक (Canara Bank) में।

  • इस विलय के पश्चात् केनरा बैंक देश का चौथा सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा।
  • इस बैंक का कुल कारोबार 15.20 लाख करोड़ रुपए का होगा एवं इसकी कुल शाखाओं की संख्या 10,342 हो जाएगी।

3. आंध्रा बैंक (Andhra Bank) तथा कॉर्पोरेशन बैंक (Corporation Bank) का विलय यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India) में।

  • विलय के पश्चात् यूनियन बैंक ऑफ इंडिया देश का पाँचवां सबसे बड़ा बैंक होगा।
  • इसका कुल कारोबार 14.59 लाख करोड़ रुपए का होगा एवं इसकी कुल शाखाओं की संख्या 9,609 होगी।

4. इलाहाबाद बैंक (Allahabad Bank) का विलय इंडियन बैंक (Indian Bank) में।

  • विलय के पश्चात् यह देश का सातवाँ सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा।
  • इसका कुल कारोबार 8.08 लाख करोड़ रुपए का होगा एवं इसकी शाखाओं की कुल संख्या 6,104 होगी।

विलय के कारण

  • केंद्र सरकार के अनुसार, देश के 10 बैंकों का विलय करने से बैंकों के कर्ज देने की क्षमता बढ़ेगी और उनका तुलन-पत्र (Balance sheet) भी मज़बूत होगी।
  • इस फैसले के परिणामस्वरूप देश के बड़े सार्वजनिक बैंक अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिता करने में सक्षम हो जाएंगे।
  • देश की बैंकिंग प्रणाली भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने में योगदान दे सकेगी।

इसके पहले भी हुए हैं विलय

  • सरकार ने बैंकों के विलय की प्रक्रिया को वर्ष 2017 में शुरू किया था। वर्ष 2017 में भारतीय स्टेट बैंक के सहयोगी बैंकों– स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर और भारतीय महिला बैंक का स्टेट बैंक के साथ एकीकरण किया गया था।
  • बैंकों के विलय के दूसरे चरण में सरकार ने जनवरी 2019 में देना बैंक और विजया बैंक का विलय बैंक ऑफ बड़ौदा में करने को स्वीकृति दी गई थी जोकि 1 अप्रैल, 2019 से प्रभाव में आया। यह वर्तमान में सार्वजनिक क्षेत्र का दूसरा सबसे बड़ा बैंक है।

वित्त मंत्री द्वारा की गई अन्य घोषणाएँ

  • बैंक प्रबंधन को निदेशक मंडल (Board of Directors) के प्रति जवाबदेह बनाने हेतु एक बोर्ड समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें प्रबंध निदेशक सहित महाप्रबंधक और उससे उच्च रैंक वाले अधिकारियों के प्रदर्शन का मूल्यांकन किया जाएगा।
  • साथ ही बैंकों को एक मुख्य जोखिम अधिकारी की नियुक्ति करने का भी आदेश दिया गया है। मुख्य जोखिम अधिकारी की नियुक्ति बाज़ार के अनुकूल पारितोषिक पर की जाएगी।

स्रोत: द हिंदू

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