प्रोविज़नल स्टेट ऑफ ग्लोबल क्लाइमेट रिपोर्ट, 2022 | 08 Nov 2022
प्रिलिम्स के लिये:प्रोविज़नल स्टेट ऑफ ग्लोबल क्लाइमेट रिपोर्ट, विश्व मौसम विज्ञान संगठन, ग्रीनहाउस गैसें मेन्स के लिये:बढ़ती आपदा से संबंधित मुद्दे और इस संबंध में कदम उठाने की ज़रूरत। |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) ने प्रोविज़नल स्टेट ऑफ द ग्लोबल क्लाइमेट रिपोर्ट, 2022 जारी की।
- पूर्ण और अंतिम रिपोर्ट अप्रैल 2023 में प्रकाशित होने की उम्मीद है।
WMO स्टेट ऑफ द ग्लोबल क्लाइमेट रिपोर्ट:
- यह रिपोर्ट वार्षिक आधार पर तैयार की जाती है, जो छठी IPCC आकलन रिपोर्ट द्वारा प्रदान किये गए हाल के मूल्यांकन चक्र का पूरक है।
- रिपोर्ट प्रमुख जलवायु संकेतकों और चरम घटनाओं एवं उनके प्रभावों पर रिपोर्टिंग का उपयोग करके जलवायु की वर्तमान स्थिति पर एक आधिकारिक सहयोग प्रदान करती है।
प्रमुख बिंदु
- ग्रीनहाउस गैसों की सांद्रता में वृद्धि:
- तीन मुख्य ग्रीनहाउस गैसों- कार्बन डाइऑक्साइड (CO2), मीथेन (CH4) और नाइट्रस ऑक्साइड (NO2) की सांद्रता वर्ष 2021 में रिकॉर्ड स्तर पर थी।
- मीथेन, जो कि ग्लोबल वार्मिंग की स्थिति उत्पन्न करने में कार्बन डाइऑक्साइड की तुलना में 25 गुना अधिक शक्तिशाली है, के उत्सर्जन में सबसे तेज़ गति से वृद्धि हुई है।
- ग्लासगो में जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में देशों ने वर्ष 2030 तक वैश्विक मीथेन उत्सर्जन में कम-से-कम 30% की कटौती करने का संकल्प लिया था।
- तापमान:
- वर्ष 2022 में वैश्विक औसत तापमान वर्ष 1850-1900 औसत से लगभग 1.15 डिग्री सेल्सियस अधिक होने का अनुमान है।
- वर्ष 2015 से 2022 तक आठ सबसे गर्म वर्ष रहने का अनुमान है।
- ला नीना (भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह के जल का ठंडा होना) की स्थिति वर्ष 2020 के अंत से प्रभावी है और वर्ष 2022 के अंत तक जारी रहने की उम्मीद है।
- ला नीना ने पिछले दो वर्षों से निरंतर वैश्विक तापमान को अपेक्षाकृत कम किया है, फिर भी वर्ष 2011 में पिछले महत्त्वपूर्ण ला नीना की तुलना में यह अधिक है।
- ग्लेशियर और बर्फ:
- वर्ष 2022 में यूरोपीय आल्प्स में ग्लेशियर पिघलने का रिकॉर्ड टूट गया। पूरे आल्प्स में 3 और 4 मीटर से अधिक की औसत मोटाई के ग्लेशियर के नुकसान के साथ वर्ष 2003 के पिछले रिकॉर्ड की तुलना में यह काफी अधिक मापा गया है।
- प्रारंभिक माप के अनुसार, स्विट्ज़रलैंड में वर्ष 2021 और 2022 के बीच ग्लेशियर की बर्फ 6% पिघल गई।
- इतिहास में पहली बार उच्चतम माप स्थलों पर भी गर्मी के मौसम में बर्फ नहीं गिरी और इस प्रकार नवीन बर्फ का संचय नहीं हुआ।
- समुद्र स्तर में वृद्धि:
- उपग्रह altimeter रिकॉर्ड के 30 वर्षों (1993-2022) के दौरान वैश्विक औसत समुद्र स्तर में अनुमानित 3.4 ± 0.3 मिमी प्रतिवर्ष की वृद्धि हुई है।
- वर्ष 1993-2002 और 2013-2022 के बीच यह दर दोगुनी हो गई है तथा जनवरी 2021 एवं अगस्त 2022 के बीच समुद्र के स्तर में लगभग 5 मिमी. की वृद्धि हुई है।
- महासागरीय ऊष्मा:
- मानव द्वारा ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जन के परिणामस्वरूप संचित ऊष्मा का लगभग 90% समुद्र में जमा हो जाता है।
- ऐसा पाया गया कि वर्ष 2021 में समुद्र के ऊपरी सतह से लेकर 2000 मीटर तक अभूतपूर्व स्तर तक गर्म हुआ।
- कुल मिलाकर, समुद्री सतह के 55% हिस्से ने वर्ष 2022 में कम -से-कम एक समुद्री हीटवेव का अनुभव किया।
- जबकि समुद्र की सतह के केवल 22% हिस्से में ही समुद्री ठंड का अनुभव हुआ। शीत लहरों की तुलना में समुद्री हीटवेव लगातार अधिक होती जा रही है।
- खराब मौसम:
- विगत 40 वर्षों की तुलना में पूर्वी अफ्रीका में लगातार चार वर्षों से बारिश औसत से कम रही है जो इस बात का संकेत हो सकती है कि वर्तमान मौसम भी शुष्क हो सकता है।
- जुलाई और अगस्त, 2022 में रिकॉर्ड तोड़ बारिश के कारण पाकिस्तान में बाढ़ की स्थिति बन गई ।
- भारत और पाकिस्तान दोनों देशों में मार्च और अप्रैल में हीटवेव के बाद बाढ़ आई थी।
- उत्तरी गोलार्द्ध के बड़े हिस्से असाधारण रूप से गर्म और शुष्क रहे थे।
- राष्ट्रीय रिकॉर्ड दर्ज किये जाने के बाद से चीन में सबसे व्यापक और दीर्घकालिक हीटवेव को दर्ज किया गया और रिकॉर्ड के अनुसार यहाँ दूसरी सबसे शुष्क गर्मी थी।
- यूरोप के बड़े हिस्से को बार-बार भीषण गर्मी का सामना करना पड़ रहा है।
- यूनाइटेड किंगडम ने 19 जुलाई, 2022 को रिकॉर्ड गर्मी का अनुभव किया जब वहाँ का तापमान पहली बार 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुँच गया।
जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिये उठाए गए कदम:
- राष्ट्रीय:
- NAPCCC:
- जलवायु परिवर्तन से उभरते खतरों का सामना करने के लिये भारत ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिये राष्ट्रीय कार्ययोजना (NAPCC) जारी की। इसमें राष्ट्रीय सौर मिशन, राष्ट्रीय जल मिशन आदि सहित 8 उप मिशन हैं।
- इंडिया कूलिंग एक्शन प्लान: यह शीतलक मांग में कमी लाने सहित शीतलक और संबंधित क्षेत्रों के लिये एक एकीकृत दृष्टिकोण प्रदान करता है। इससे उत्सर्जन को कम करने में मदद मिलेगी जिससे ग्लोबल वार्मिंग से निपटने में मदद मिलेगी।
- NAPCCC:
- वैश्विक:
- पेरिस समझौता:
- इसका उद्देश्य वैश्विक तापमान वृद्धि को पूर्व-औद्योगिक स्तरों से 2 डिग्री सेल्सियस से कम रखना है, जबकि इसे 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित करने के लिये आवश्यक कदम उठाना है।
- संयुक्त राष्ट्र सतत् विकास लक्ष्य:
- सतत् विकास को प्राप्त करने के लिये इसके अंतर्गत 17 व्यापक लक्ष्य शामिल हैं। इनमें से लक्ष्य संख्या 13 , विशेष रूप से जलवायु परिवर्तन के समाधान पर केंद्रित है।
- ग्लासगो संधि:
- इसे अंततः COP26 वार्ता के दौरान वर्ष 2021 में 197 सदस्यों द्वारा अपनाया गया था।
- इसमें इस बात पर ज़ोर दिया गया कि 1.5 डिग्री के लक्ष्य को हासिल करने के लिये मौजूदा दशक में इस दिशा में मज़बूत निर्णायक कार्रवाई करना आवश्यक है।
- पेरिस समझौता:
विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO):
- विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) 192 देशों की सदस्यता वाला एक अंतर-सरकारी संगठन है।
- भारत विश्व मौसम विज्ञान संगठन का सदस्य देश है।
- इसकी उत्पत्ति अंतर्राष्ट्रीय मौसम विज्ञान संगठन (IMO) से हुई है, जिसे वर्ष 1873 के वियना अंतर्राष्ट्रीय मौसम विज्ञान कॉन्ग्रेस के बाद स्थापित किया गया था।
- 23 मार्च, 1950 को WMO कन्वेंशन के अनुसमर्थन द्वारा स्थापित WMO, मौसम विज्ञान (मौसम और जलवायु), जल विज्ञान तथा इससे संबंधित भू-भौतिकीय विज्ञान हेतु संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसी बन गई है।
- WMO का मुख्यालय जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड में है।
आगे की राह
- ऐसी महत्त्वपूर्ण नीतियों और उपायों से संबंधित प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है जो संसाधनों के उत्पादन और उपभोग के तरीके को तीव्रता से बदल सकते हैं।
- लोगों के साथ साझेदारियों वाले दृष्टिकोण को प्रमुखता देना चाहिये जिससे न केवल नौकरियाँ सृजित होने के साथ संसाधनों तक सुलभ पहुँच होगी बल्कि स्वच्छ और हरित वातावरण का भी विकास होगा।
विगत वर्षों के प्रश्नप्रिलिम्स:प्रश्न- ‘मोमेंटम फॉर चेंज: क्लाइमेट न्यूट्रल नाउ” किसके द्वारा शुरू की गई एक पहल है? (2018) (a) जलवायु परिवर्तन पर अंतर-सरकारी पैनल उत्तर: c प्रश्न- निम्नलिखित में से कौन संयुक्त राष्ट्र से संबंधित नहीं है? (2010) (a) बहुपक्षीय निवेश गारंटी एजेंसी उत्तर: (d) मेन्स:Q. वैश्विक तापन का प्रवाल जीवन तंत्र पर प्रभाव का उदाहरणों के साथ आकलन कीजिये। (2019) Q. ग्लोबल वार्मिंग (वैश्विक तापन) की चर्चा कीजिये और वैश्विक जलवायु पर इसके प्रभावों का उल्लेख कीजिये। क्योटो प्रोटोकॉल, 1997 के आलोक में ग्लोबल वार्मिंग का कारण बनने वाली ग्रीनहाउस गैसों के स्तर को कम करने के लिये नियंत्रण उपायों को समझाइये। (2022) |