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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

भारत और ई.ए.ई.यू. के बीच मुक्त व्यापार समझौता प्रस्तावित (FTA)

  • 29 May 2017
  • 5 min read

संदर्भ
1 जून को रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में, रूस के नेतृत्व वाले यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन (EAEU) की भारत के साथ बैठक होने वाली है। इस बैठक में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ‘मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement - FTA) पर चर्चा करेंगें। इस बात की पर्याप्त संभावना है कि भारत इस मुक्त व्यापार समझौते में ई-कॉमर्स (Electronic Commerce) को शामिल किये जाने का विरोध करेगा। 

महत्त्वपूर्ण बिंदु 

  • उल्लेखनीय है कि ई.ए.ई.यू. के सदस्य देशों के साथ भारत का व्यापार करीब 10 अरब डॉलर का है।
  • अगर ई-कॉमर्स की बात करें तो एक संयुक्त व्यवहार्यता अध्ययन (जे.एफ.एस.) समूह ने ई-कॉमर्स को मुक्त व्यापार समझौते में शामिल करने का समर्थन किया है।
  • ई.ए.ई.यू. जिसमें अर्मेनिया, बेलारूस, कज़ाकिस्तान और किर्गिस्तान भी शामिल हैं, ने प्रस्तावित एफ.टी.ए. के तहत ई-कॉमर्स पर भारत के साथ ‘एक सामान्य कानूनी ढाँचा’ तैयार करने की मांग की है, लेकिन ई-कॉमर्स कानूनों और विनियमों की दिनोंदिन विकसित हो रही प्रकृति को देखते हुए भारत इसमें ‘बाज़ार तक पहुँच सुनिश्चित करने वाले तत्त्वो’ (Market access elements) को शामिल करने के लिये तैयार नहीं है।
  • इस तरह के कानूनी ढाँचे से व्यापार बढ़ेगा, व्यापार सुव्यवस्थित होगा, सीमा-पार वाणिज्यिक गतिविधियों में निश्चितता आएगी तथा व्यापार में देरी और लागत को कम करने में भी मदद मिलेगी। यह प्रशासन के आधुनिकीकरण में वाहक का काम करेगा।
  • जे.एफ.एस. (JFS) का कहना है कि ई.ए.ई.यू. और भारत इलेक्ट्रॉनिक प्रमाणीकरण और डिजिटल हस्ताक्षर जैसे मुद्दों पर भी चर्चा कर सकते हैं। इसके अलवा,  निजी डेटा संरक्षण, ई-कॉमर्स प्रतिभागी संरक्षण, सीमा-पार डेटा  प्रवाह तथा इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज़ो के उपयोग पर भी चर्चा की जाएगी।
  • ज्ञातव्य है कि ई.ए.ई.यू. ने वियतनाम के साथ एफटीए में ई-कॉमर्स के मुद्दों को शामिल किया हुआ है, खासकर इलेक्ट्रॉनिक हस्ताक्षर और इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज़ों की पारस्परिक मान्यता के मुद्दों को।
  • हालाँकि, भारत ने ई-कॉमर्स पर ई.ए.ई.यू. के साथ द्विपक्षीय सहयोग के मुद्दों पर चर्चा करने तथा ई-कॉमर्स पर सर्वोत्तम अभ्यासों को साझा करने पर अपनी सहमति व्यक्त की है।
  • वर्तमान में, देश में ई-कॉमर्स के व्यापार से व्यापार (B2B) संबंधी गतिविधियों में स्वचालित मार्ग से 100% विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफ.डी.आई.) की अनुमति प्रदान की गई है, लेकिन ई-कॉमर्स के बिज़नेस-टू-कंज़ूमर (B2C) में एफ.डी.आई. की अनुमति नहीं है।

भारत की क्या है आपत्ति ?

  • हालाँकि, भारत इस बढ़ते ऑनलाइन कारोबार के महत्त्व को समझ रहा है लेकिन ई-कॉमर्स पर देश में आम सहमति की कमी है।
  • भारत को बहुपक्षीय स्तर (Multilateral Level) पर ई-कॉमर्स पर, बाज़ार पहुँच के मुद्दे पर होने वाली वार्ताओं को शामिल करने पर भी आपत्ति है।  

यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन (EAEU)

  • यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन मुख्यतः उत्तरी यूरेशिया में स्थित राज्यों का आर्थिक संघ है।
  • ई.ए.ई.यू. की स्थापना के लिये हुई संधि पर  बेलारूस, कज़ाकिस्तान और रूस के नेताओं ने 29 मई, 2014 को हस्ताक्षर किये थे और 1 जनवरी, 2015 से यह संधि लागू हो गई थी। आर्मेनिया और किर्गिस्तान को इस समूह में बाद में प्रवेश दिया गया था।
  • ज्ञातव्य है कि 1994 में ही, कज़ाकिस्तान के राष्ट्रपति, नर्सुल्तान नज़रबेयव ने सबसे पहले "यूरेशियन यूनियन" बनाने का विचार प्रस्तुत किया था।
  • सदस्य देश: आर्मेनिया, बेलारूस, कज़ाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस।
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