इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


भारतीय अर्थव्यवस्था

फास्टैग (FASTag)

  • 20 Jul 2019
  • 4 min read

चर्चा में क्यों ?

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इस वर्ष 1 दिसंबर, 2019 से देश के सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्थित टोल फ्री प्लाज़ा पर सभी लेन को ‘फास्टैग लेन’ (FASTag Lanes) घोषित करने का निर्णय किया है।

प्रमुख बिंदु :

  • राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दर निर्धारण एवं संग्रह) नियम, 2008 के अनुसार टोल प्लाज़ा में फास्टैग लेन केवल फास्टैग उपयोगकर्त्ताओं की आवाजाही के लिये आरक्षित होती है। इस नियम के अंतर्गत प्रावधान है कि गैर-फास्टैग उपयोगकर्त्ताओं द्वारा फास्टैग लेन से गुजरने पर उनसे दोहरा शुल्क वसूला जाता है।
  • हालाँकि प्रत्येक टोल प्लाज़ा पर बहुत बड़े आकार (Oversized) के वाहनों के सुगम आवागमन व निगरानी के लिये एक हाइब्रिड लेन होगी जिसे समयबद्ध रूप से फास्टैग लेन में परिवर्तित किया जा सकेगा। इस लेन में भुगतान के लिये फास्टैग के अलावा अन्य माध्यम भी स्वीकार किये जाएंगे।
  • उपरोक्त निर्णय डिजिटल माध्यम से त्वरित शुल्क भुगतान को बढ़ावा देने, वाहनों की सुचारू आवाजाही को सुनिश्चित करने और टोल प्लाज़ा पर लगने वाले ट्रैफिक जाम को रोकने के उद्देश्य से लिया गया है।
  • आर.एफ.आई.डी. (RFID) आधारित फास्टैग वाहन की विंडस्क्रीन पर लगाए जाते है। इसमें प्रीपेड भुगतान अथवा संबद्ध बचत खाते से शुल्क के सीधे भुगतान की सुविधा होती है और वाहनों को लेन-देन के लिये रुके बिना आवागमन की सुविधा मिलती है।
  • वर्तमान में बिना फास्टैग वाले वाहनचालक भी फास्टैग लेन का उपयोग करते हैं जिसके कारण इस लेन में ट्रैफिक जाम की स्थिति बन जाती है और फास्टैग लगाने का उद्देश्य विफल हो जाता है। इसके परिणामस्वरूप फास्टैग के माध्यम से टोल उगाही में वांछित वृद्धि नहीं हो पाती है।
  • 1 दिसंबर, 2019 से इसके कार्यान्वयन के लिये सभी टोल प्लाज़ा पर आवश्यक व्यक्तियों की नियुक्ति एवं इलेक्ट्रॉनिक अवसंरचना का प्रावधान किया जाएगा।

फास्टैग क्या है?

  • फास्ट टैग एक रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) कार्ड होता है जिसे वाहन की विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है।
  • वाहनों को रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) कार्ड के रूप में एक रेडियो फ्रीक्वेंसी टैग (Radio Frequency Tag) जारी किया जाता है।
  • प्रत्येक टोल प्लाज़ा पर एक RFID रीडर लगा होता है जो एक सेंसर के रूप में कार्य करता है और रेडियो फ्रीक्वेंसी द्वारा कार्ड की वैधता एवं धनराशि की जाँच करता है।
  • यदि कार्ड में धनराशि उपलब्ध है तो टोल शुल्क का भुगतान स्वतः ही कार्ड से हो जाता है और वाहन टोल पर बिना रुके वहाँ से गुज़र जाता है।

स्रोत: पी.आई.बी.

close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2