बच्चों को यौन उत्पीड़न से बचाने के लिये ‘प्रोजेक्ट अंब्रेला’ | 28 Apr 2018
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कानपुर ने छोटे बच्चों को यौन उत्पीड़न से बचाने के लिये ‘प्रोजेक्ट अंब्रेला’ के रूप में एक विशेष सेफ्टी किट विकसित किया है। ध्यातव्य है कि विभिन्न राज्यों के अलावा राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने भी आईआईटी से इस किट के लिये संपर्क किया है।
प्रोजेक्ट अंब्रेला क्या है?
- प्रोजेक्ट अंब्रेला नामक इस किट में ऑडियो विज़ुअल सामग्री के रूप में प्लेइंग कार्ड, कार्टून, फन गेम्स, वीडियो, ऑडियो, कहानियाँ, चित्र आदि को शामिल किया गया है।
- मनोवैज्ञानिक शोध पर आधारित किट की सामग्री के माध्यम से बच्चों को गुड-टच, बैड टच के बारे में बताया जाता है।
- इसका मुख्य उद्देश्य अबोध बच्चों को यौन उत्पीड़न को लेकर सावधान और सजग बनाया जाना है ताकि समय रहते वे स्वयं को इससे बचा सकें।
- इसके साथ ही बच्चे अपने अभिभावकों और शिक्षकों को तुरंत ऐसे मामलों को बता सकें और समुचित मदद हासिल कर सकें।
- इस किट के माध्यम से शिक्षकों और अभिभावकों को भी प्रशिक्षित करने की योजना है ताकि वे सतर्क रहें और बच्चे की मनोदशा को तुरंत भाँप सकें तथा समय रहते उनकी समुचित मदद कर सकें।
- इस किट के अभ्यास द्वारा बच्चों को यौन उत्पीड़न के विरुद्ध व्यावहारिक तौर पर सचेत किया जा सकता है अतः इसे देश भर के स्कूलों में लागू करने की तैयारी चल रही है।
- यह किट मुख्यतः तीन अलग-अलग आयु वर्ग के बच्चों से संबंधित है:
♦ 8 साल से कम उम्र के बच्चों के लिये
♦ 8 से 10 साल की उम्र के बच्चों के लिये
♦ 11 से 13 साल की उम्र के बच्चों के लिये - गौरतलब है कि कानपुर आइआइटी द्वारा किये गए इस शोध को मनोचिकित्सकों के एसोसिएशन ने भी प्रमाणित किया है
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR)
संरचना
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