समर्थन परियोजना(Project ‘Samarthan’) | 16 Apr 2018
चर्चा में क्यों?
तिहाड़ जेल शीघ्र ही अपने कैदियों को मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति संवेदनशील बनाने के लिये विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) के मनोवैज्ञानिक प्राथमिक चिकित्सा कार्यक्रम (पीएफए प्रोग्राम) को अपनाएगा, जिसे प्रोजेक्ट समर्थन (Project ‘Samarthan’) का नाम दिया गया है।
प्रमुख बिंदु
- प्रोजेक्ट समर्थन (Project ‘Samarthan’) के तहत, जेल के कर्मचारियों को उन लोगों को सहायता प्रदान करने के लिये प्रशिक्षित किया जाएगा जो निराशाग्रस्त या मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
- यह कार्यक्रम एम्स के मनोचिकित्सा विभाग के प्रोफेसर डॉ नंद कुमार के मार्गदर्शन में मानसिक स्वास्थ्य फाउंडेशन, चिकित्सा पेशेवर और तिहाड़ में काम करने वाले जेल स्टाफ के सहयोग से संचालित किया जाएगा।
- जेल कर्मचारियों को उन लोगों को सहायता प्रदान करने के लिये प्रशिक्षित किया जाएगा जो मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) द्वारा विकसित पीएफए प्रोग्राम का उद्देश्य उन लोगों को ‘सहायक और व्यावहारिक’(‘supportive and practical’) सहायता प्रदान करना है, जिन्हें संकट की स्थिति का सामना करना पड़ा है।
- ध्यातव्य है कि पेंसिल्वेनिया राज्य (Pennsylvania State) की जेल के बाद तिहाड़ जेल इस कार्यक्रम को अपनाने वाली दूसरी संस्था बन जाएगी।