STARS प्रोजेक्ट के तहत कई कार्यक्रमों को मंज़ूरी | 15 Oct 2020
प्रिलिम्स के लिये:STARS प्रोजेक्ट, राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र- ‘परख’, अंतर्राष्ट्रीय छात्र मूल्यांकन कार्यक्रम' मेन्स के लिये:STARS प्रोजेक्ट |
चर्चा में क्यों?
हाल ही में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में ‘केंद्रीय मंत्रिमंडल’ द्वारा विश्व बैंक समर्थित ‘STARS प्रोजेक्ट’ से जुड़े कई कार्यक्रमों को मंज़ूरी दी गई।
प्रमुख बिंदु:
- मंत्रिमंडल द्वारा 5,718 करोड़ रुपए की कुल परियोजना लागत वाले STARS (Strengthening Teaching-Learning and Results for States) प्रोजेक्ट को मंज़ूरी दी गई है।
- प्रोजेक्ट लागत में से लगभग 3700 करोड़ रुपए की सहायता राशी विश्व बैंक से प्राप्त होगी।
- STARS प्रोजेक्ट को शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग के तहत एक नवीन केंद्र प्रायोजित योजना के रूप में लागू किया जाएगा।
- स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग’ के तहत एक स्वतंत्र और स्वायत्त संस्थान के रूप में ‘परख’ (PARAKH) नामक ‘राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र’ की स्थापना।
- 'परख', ‘नवीन शिक्षा नीति’ (NEP)- 2020 में प्रस्तावित मूल्यांकन सुधारों में से एक है। NEP का एक प्रमुख उद्देश्य सामूहिक रूप से स्कूलों, बोर्डों को हाई-स्टैक की परीक्षाओं से दूर रखना और समग्र मूल्यांकन की ओर ले जाना है।
STARS प्रोजेक्ट:
- STARS प्रोजेक्ट 6 राज्यों- हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, केरल और ओडिशा को छात्रों के बुनियादी पठन और गणित कौशल को बेहतर बनाने तथा मूल्यांकन सुधारों का समर्थन करेगा।
- इस परियोजना के अलावा 5 राज्यों- गुजरात, तमिलनाडु, उत्तराखंड, झारखंड और असम में भी इसी तरह के एक प्रोजेक्ट को 'एशियाई विकास बैंक' (Asian Development Bank- ADB) के वित्तपोषण से लागू करने की परिकल्पना की गई है।
- सभी राज्य अपने अनुभवों और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिये एक-दूसरे राज्य के साथ भागीदारी करेंगे।
- STARS परियोजना के तहत सरकार द्वारा प्रबंधित स्कूल शिक्षा प्रणाली को मज़बूत करने के लिये निर्देशित किया गया है, जो मुख्य रूप से हाशिये पर स्थित समूहों की लड़कियों और छात्रों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करती है।
- छह राज्यों के लिये STARS प्रोजेक्ट के तहत कई हस्तक्षेप (Intervention) का प्रस्ताव किया है:
- जिसमें शिक्षकों की क्षमता विकसित करने;
- शिक्षण-शिक्षण सामग्री और बोर्ड परीक्षाओं को अधिक योग्यता-आधारित बनाना आदि शामिल है।
STARS प्रोजेक्ट के घटक:
STARS प्रोजेक्ट के दो प्रमुख घटक हैं:
- राष्ट्रीय स्तर पर हस्तक्षेप: राष्ट्रीय स्तर पर परियोजना में निम्नलिखित हस्तक्षेप की परिकल्पना की गई है जिससे सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को लाभ होगा:
- छात्रों के प्रतिधारण (Retention), संक्रमण (Transition) और पूर्णता (Completion) दर पर ठोस और प्रामाणिक डेटा कैप्चर करने के लिये शिक्षा मंत्रालय (MoE) की 'राष्ट्रीय डेटा प्रणाली' को मज़बूत करना।
- 'राज्य प्रोत्साहन अनुदान' (State Incentive Grants- SIG) के माध्यम से राज्यों के शासन सुधार एजेंडा को प्रोत्साहन देकर राज्यों के 'परफॉरमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स' (PGI) स्कोर में सुधार लाने में शिक्षा मंत्रालय की मदद करना।
- अधिगम मूल्यांकन प्रणाली के सुदृढ़ीकरण का समर्थन करना।
- शिक्षा मंत्रालय को 'राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र' (PARAKH) स्थापित करने में मदद करना।
- राज्य स्तर पर परिकल्पना: राज्य स्तर पर STARS प्रोजेक्ट के तहत निम्नलिखित परिकल्पना की गई है:
- प्रारंभिक बाल्यावस्था देख-रेख और शिक्षा (ईसीसीई) तथा मूलभूत शिक्षा को मज़बूती प्रदान करना।
- शिक्षण मूल्यांकन/आकलन प्रणालियों में सुधार लाना।
- शिक्षक विकास और स्कूल नेतृत्व के माध्यम से कक्षा में निर्देश प्रणाली और उपशमन को मज़बूत करना।
- उन्नत सेवा आपूर्ति के लिये शासन एवं विकेंद्रित प्रबंधन दृष्टिकोण का समर्थन करना।
- स्कूल जाने से वंचित बच्चों को मुख्यधारा में शामिल करना, करियर मार्गदर्शन तथा परामर्श देना और इंटर्नशिप देकर स्कूलों में व्यवसायिक शिक्षा को सशक्त बनाना।
STARS प्रोजेक्ट का कार्य क्षेत्र:
- पहुँच और प्रतिधारण;
- शिक्षा के अधिकार का अधिकारिता;
- गुणवत्ता में हस्तक्षेप;
- शिक्षक की शिक्षा;
- लिंग और इक्विटी;
- समावेशी शिक्षा;
- एंटाइटेलमेंट/अधिकारिता (वर्दी, पाठ्य-पुस्तकें, छात्रवृत्ति आदि);
- सीखने के परिवेश का उन्नयन।
प्रोजेक्ट के मापन योग्य परिणाम:
- चयनित राज्यों में ग्रेड 3 में भाषा में न्यूनतम प्रवीणता प्राप्त करने वाले छात्रों में वृद्धि;
- माध्यमिक विद्यालय तक शिक्षा पूर्ण करने की दर में सुधार;
- शासन सूचकांक में सुधार;
- सुदृढ़ अधिगम मूल्यांकन प्रणाली;
- राज्यों के बीच क्रॉस-लर्निंग की सुविधा के लिये साझेदारी विकसित करना;
- राज्य स्तरीय सेवा वितरण में सुधार जैसे- प्रमुख शिक्षकों और प्रधानाचार्यों के प्रशिक्षण द्वारा स्कूल प्रबंधन को मज़बूत करना।
STARS प्रोजेक्ट और PISA:
- इस परियोजना द्वारा 'अंतर्राष्ट्रीय छात्र मूल्यांकन कार्यक्रम' ( Programme for International Student Assessment- PISA) सर्वेक्षण के वर्ष 2022 के चक्र में भारत की भागीदारी को भी वित्तपोषित किया जाएगा।
'अंतर्राष्ट्रीय छात्र मूल्यांकन कार्यक्रम'
(Programme for International Student Assessment- PISA):
- PISA की शुरुआत 'आर्थिक सहयोग और विकास संगठन' (OECD) द्वारा वर्ष 2000 में की गई थी।
- यह अधिगम गणित और विज्ञान में 15 वर्षीय बच्चों के सीखने के स्तर का परीक्षण करता है।
- परीक्षण हर तीन वर्ष में आयोजित किया जाता है।
- भारत ने वर्ष 2009 में अपने निराशाजनक प्रदर्शन के बाद वर्ष 2012 और वर्ष 2015 में PISA में भाग नहीं लिया।
- वर्ष 2009 में भारत 74 प्रतिभागी देशों के बीच 72वें स्थान पर रहा था। सरकार ने वर्ष 2019 में PISA में भाग लेने का निर्णय लिया है।
निष्कर्ष:
- STARS प्रोजेक्ट के कार्यान्वयन से भारतीय स्कूली शिक्षा प्रणाली में समग्र निगरानी और मापक गतिविधियों में सुधार लाने में मदद मिलेगी तथा इससे भारत को PISA मूल्यांकन प्रणाली में अपनी रैंकिंग सुधारने में भी मदद मिलेगी।