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COVID-19 के दौरान आदिवासी समुदाय की सहायता हेतु TRIFED की पहल

  • 23 Apr 2020
  • 7 min read

प्रीलिम्स के लिये:

वन धन सामाजिक जागरूकता अभियान, TRIFED

मेन्स के लिये:

COVID-19 से उत्पन्न चुनौतियों के समाधान हेतु सरकार के प्रयास

र्चा में क्यों?

हाल ही में COVID-19 की महामारी और इसके प्रसार को रोकने के हेतु देशभर में लागू लॉकडाउन के कारण प्रभावित आदिवासी समुदाय की समस्याओं के समाधान के लिये ‘केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय’ (Ministry of Tribal Affairs) ने कई महत्त्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत की है।

मुख्य बिंदु:

  • देश में लागू लॉकडाउन ने वनों पर आश्रित आदिवासी समुदाय की आजीविका को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।
  • देश के विभिन्न भागों में वर्तमान में वन्य उत्पादों के पकने और उनकी कटाई या एकत्र करने का मौसम है, ऐसे में यह समय वर्ष भर के लिये इस समुदाय की व्यापारिक गतिविधियों और उनकी सुरक्षा को निर्धारित करता है।
  • वर्तमान में लॉकडाउन से उत्पन्न समस्याओं को दूर करने के लिये ‘केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय’ के तहत संचालित ‘भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास परिसंघ’ (The Tribal Cooperative Marketing Development Federation of India- TRIFED) ने कई महत्त्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
  • TRIFED द्वारा आदिवासी समुदाय की सहायता के लिये किये जा रहे प्रयासों को निम्नलिखित तीन बिंदुओं के आधार पर समझा जा सकता है:
    1. प्रचार और जागरूकता (Publicity and Awareness Generation) 
    2. व्यक्तिगत सुरक्षा हेतु स्वास्थ्य सुविधा  (Personal Protective Healthcare)
    3. गैर-काष्ठ वन उत्पादों की खरीद {Non-Timber Forest Product (NTFP) Procurement}
  • TRIFED ने समुदाय को इन चुनौतियों से निपटने हेतु अतिरिक्त सहायता प्रदान करने हेतु आवश्यकता के अनुसार तात्कालिक, मध्यम अवधि और दीर्घकालिक पहलों की शुरुआत की है।   
    • तात्कालिक/लघु अवधि के उपाय: सोशल डिस्टेंसिंग अवेयरनेस (Social Distancing Awareness)

1. वन धन सामाजिक दूरी जागरूकता अभियान (Van Dhan Samajik Doori Jagrookta Abhiyaan): 

  • इसके तहत गैर-काष्ठ वन उत्पादों को एकत्र करने वाले लोगों को COVID-19 से बचाव के लिये डिजिटल माध्यमों जैसे- वेबिनार और फेसबुक लाइव आदि  से सुरक्षात्मक व्यवहार जैसे- सोशल डिस्टेंसिंग, क्वारंटीन और स्वच्छता के संबंध में दो स्तरीय (प्रशिक्षकों और स्वयं सहायता समूहों द्वारा) प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।
  • ‘वन धन स्वयं सहायता समूहों’ (Van Dhan Self Help Groups) को सुरक्षात्मक ढंग से कार्य करने के लिये मास्क और स्वच्छता से जुड़े उत्पाद जैसे- साबुन, कीटाणुनाशक आदि उपलब्ध कराया गया है। 

वन धन सामाजिक दूरी जागरूकता अभियान

(Van Dhan Samajik Doori Jagrookta Abhiyaan): 

  • इस अभियान के माध्यम से ‘प्रधानमंत्री वन धन योजना’ (Pradhan Mantri Van Dhan Yojana) के तहत लगभग 15,000 स्वयं सहायता समूहों के सहयोग से देश के 28 राज्यों/ केंद्रशासित प्रदेशों में आदिवासियों को जागरूक करने का प्रयास किया गया है
  • इसके तहत TRIFED ने यूनिसेफ (UNICEF) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation- WHO) के सहयोग से COVID-19 संकट के दौरान ‘सोशल डिस्टेंसिंग’ (Docial Distancing) के महत्त्व के संदर्भ में जागरूकता फैलाने हेतु एक डिजिटल अभियान शुरू किया है
  • यूनिसेफ ने ‘वन धन सामाजिक दूरी  जागरूकता अभियान (Van Dhan Social Distancing Awareness Movement) हेतु जागरूकता, शिक्षा और संवाद (Information, Education and Communication-IEC) के लिये आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई है
  • इसके तहत COVID-19 से बचने के लिये प्रशिक्षकों तथा वेबिनार के माध्यम से  सोशल डिस्टेंसिंग, होम क्वारंटीन आदि से जुड़े व्यापक अभियान चलाए गए हैं 
  • मध्यम और दीर्घकालिक उपाय: आजीविका
    • इसके तहत वन्य उत्पाद पर आश्रित करोड़ों आदिवासियों के हितों की रक्षा के लिये लॉकडाउन के दूसरे चरण में समुदाय को कुछ छूट दिये जाने के लिये गृह मंत्रालय से संपर्क किया गया था
    • गृह मंत्रालय द्वारा 16 अप्रैल, 2020 को आवश्यक परिवर्तनों के बाद संशोधित दिशा-निर्देश जारी किये गए, जिसके तहत अनुसूचित जनजातियों और वनों पर आश्रित अन्य समुदायों को ‘गैर-काष्ठ लघु वन उत्पाद’ {Non - Timber Minor Forest Produce (MFP)} की कटाई या एकत्र करने के लिये कुछ छूट प्रदान की गई है
    • साथ ही ‘केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय’ ने TRIFED को वन्य उत्पादों के ‘न्यूनतम समर्थन मूल्य’ (Minimum Support Price- MSP) में आवश्यक सुधार करने के निर्देश दिये, जिससे वनों पर आश्रित समुदायों को अपने उत्पादों के लिये बाज़ार के बराबर लाभ मिल सके।
    • ‘केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्रालय’ के 17 अप्रैल, 2020 के आदेशों के अनुसार, TRIFED ने सभी राज्यों के ‘हाट बाज़ार’ नामक प्राथमिक बाज़ारों में उचित MSP देने, उत्पादों की खरीद के लिये तौल, परिवहन और आवश्यकता के अनुरूप कोल्ड या ड्राई स्टोरेज (Cold and Dry Storage) सुविधा युक्त खरीद केंद्रों की स्थापना हेतु महत्त्वपूर्ण कदम उठाए हैं।    

स्रोत: पीआईबी

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