प्रधानमंत्री का 15 सूत्रीय कार्यक्रम | 20 Mar 2020
प्रीलिम्स के लिये:15 सूत्रीय कार्यक्रम, अल्पसंख्यकों से जुड़ी योजनाएँ मेन्स के लिये:अल्पसंख्यकों से संबंधित मुद्दे |
चर्चा मे क्यों?
हाल ही में केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री (Union Minister of Minority Affairs- UMMA) ने लोकसभा में अतारांकित प्रश्न (जिनका जवाब लिखित मे दिया आता है) के जवाब में बताया कि अल्पसंख्यक मंत्रालय, अल्पसंख्यक समुदायों के लिये क्रियान्वित की जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का विभिन्न तरीकों से समय- समय पर मूल्यांकन करता है ताकि विभिन्न योजनाओं के तहत किये जाने वाले परिव्यय का 15% अनिवार्य रूप से अल्पसंख्यकों के लिये आवंटित किया जा सके।
मुख्य बिंदु:
- ‘प्रधानमंत्री का नवीन 15 सूत्रीय कार्यक्रम’ (PM’s New 15 PP) अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिये एक व्यापक कार्यक्रम है, जो विभिन्न मंत्रालयों/विभागों की योजनाओं एवं पहलों को शामिल करता है।
- प्रधानमंत्री के नवीन 15 सूत्रीय कार्यक्रम में शामिल मंत्रालयों/विभागों की योजनाओं/पहलों का संबंधित मंत्रालय/विभाग द्वारा सतत् मूल्यांकन किया जाता है।
अल्पसंख्यक समुदाय:
- अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय (Ministry of Minority Affairs- MMA) की योजनाएँ विशेष रूप से केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदायों के लिये होती हैं।
- अल्पसंख्यक समुदायों में मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध, पारसी एवं जैन धर्म शामिल हैं।
प्रमुख योजनाएँ
- अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन के लिये एक बहु-आयामी रणनीति अपनाई है, जिसका उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदाय का शैक्षिक सशक्तीकरण, रोजगारोन्मुखी कौशल विकास तथा बुनियादी ढाँचे का निर्माण करना हैं। प्रमुख योजनाओं का विवरण निम्नानुसार है:
शैक्षिक सशक्तीकरण:
1. छात्रवृत्ति योजनाएँ:
- प्री- मैट्रिक छात्रवृत्ति, पोस्ट- मैट्रिक छात्रवृत्ति और मेरिट आधारित छात्रवृत्ति।
2. नया सवेरा:
- सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की नौकरियों पाने के लिये कौशल प्रदान करना तथा प्रतिष्ठित संस्थानों के तकनीकी एवं व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश पाने के लिये अल्पसंख्यक समुदायों के छात्रों एवं उम्मीदवारों को नि:शुल्क कोचिंग व अन्य सहायता प्रदान करना।
3. नई उड़ान:
- संघ लोक सेवा आयोग (Union Public Service Commission- UPSC) एवं राज्य लोक सेवा आयोगों (State Public Service Commissions) द्वारा आयोजित प्रारंभिक परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के उम्मीदवारों को सहायता प्रदान करना।
4. पढ़ो परदेश:
- विदेश मे अध्ययन हेतु ‘ब्याज सब्सिडी’ प्रदान करने के लिये वर्ष 2013-14 में प्रारंभ की गई एक योजना है।
5. मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय फेलोशिप योजना (Maulana Azad National Fellowship Scheme):
- अल्पसंख्यक समुदायों के छात्रों को M. Phil एवं Ph. D. के दौरान वित्तीय सहायता प्रदान करना।
6. मौलाना आज़ाद एजुकेशन फाउंडेशन निम्नलिखित दो अन्य योजनाओं को क्रियान्वित किया जा रहा हैं-
a. बेगम हज़रत महल राष्ट्रीय छात्रवृति योजना:
- कक्षा 9 से 12 के लिये।
b. गरीब नवाज़ रोज़गार कार्यक्रम
आर्थिक सशक्तीकरण:
रोज़गारोन्मुखी कौशल विकास कार्यक्रम:
a. सीखो और कमाओ योजना:
- इस योजना में अल्पसंख्यक युवाओं को उनकी योग्यता के अनुसार आधुनिक और पारंपरिक कौशल प्रदान किया जाता है।
b. उस्ताद (USTAAD):
- इस योजना का उद्देश्य अल्पसंख्यकों की परंपरागत कला के संरक्षण के लिये प्रशिक्षण एवं कौशल में सुधार करना है।
c. नई मंज़िल:
- मदरसे एवं मुख्य धारा के छात्रों के मध्य शैक्षणिक एवं कौशल अंतराल को कम करने के लिये एक सेतु पाठ्यक्रम (Bridge Course) है।
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास वित्त निगम (National Minorities Development Finance Corporation- NMDFC) ऋण योजनाएँ:
- यह निगम अल्पसंख्यकों में पिछड़े वर्गों के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिये रियायती दर पर ऋण प्रदान करती हैं।
बैंकों द्वारा प्राथमिकता क्षेत्र ऋण
अवसंरचना सहायता (Infrastructure Support):
प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम (Pradhan Mantri Jan Vikas Karyakram- PMJ VK):
- इस योजना का उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदायों को शिक्षा, स्वास्थ्य एवं कौशल के क्षेत्र में बेहतर सामाजिक-आर्थिक अवसंरचना प्रदान करना है।
योजनाओं की निगरानी:
- विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन की निगरानी विभिन्न तंत्रों एवं बाहरी एजेंसियों द्वारा समय-समय पर की जा रही है ताकि इन योजनाओं की प्रभावशीलता एवं दक्षता सुनिश्चित की जा सके। कुछ उपाय इस प्रकार हैं:
- थर्ड पार्टी स्टडी/मॉनिटरिंग
- ज़िला/राज्य स्तरीय समिति
- अधिकार प्राप्त समिति
- अधिकारियों द्वारा फील्ड/क्षेत्र भ्रमण
- क्षेत्रीय समन्वय बैठक का आयोजन
सांस्कृतिक एवं सामाजिक सद्भाव सुनिश्चित किये बगैर देश में विकास सुनिश्चित नहीं किया जा सकता, अत: समाज में सामाजिक सौहार्द का माहौल बनाना होगा तभी ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास’ के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है।