हड्डी प्रत्यारोपण की कीमतों पर सख्ती का प्रावधान | 03 Aug 2017

संदर्भ
गौरतलब है कि कार्डियक स्टेंट (cardiac stents) की कीमत निर्धारण के पश्चात् राष्ट्रीय औषध मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (National Pharmaceutical Pricing Authority) के द्वारा हड्डी प्रत्यारोपण (orthopaedic implants) के संबंध में अभ्यास आरंभ कर दिया गया है| कार्डियक स्टेंट के समान प्रत्यारोपण की कीमतें भी अत्यधिक उच्च स्तरीय होती है, स्पष्ट है कि प्रत्यारोपण की कीमतें अधिक होने के कारण ये आम आदमी की पहुँच से स्वतः ही दूर हो जाती है| यही कारण है कि व्यक्ति प्रत्यारोपण के स्थान पर या तो दर्द सहने के विकल्प को चुनता है या फिर अधिक-से-अधिक दवाओं के सेवन पर निर्भर हो जाता है| परंतु, यदि इस संबंध में एक सीमा तक कीमत का निर्धारण कर दिया जाए तो आम जनता को इसका लाभ मिलने की संभावनाएँ बढ़ जाएँगी|

प्रमुख बिंदु

  • जैसा की हम सभी जानते हैं कि प्रत्यारोपण की विशाल विविधता इसे एक बहुत ही जटिल कार्य बना देती है।
  • इस जटिलता का कारण यह है मानव शरीर में 206 हड्डियाँ होती हैं, जिनमें जांघ की सबसे लंबी हड्डी से लेकर कान की सबसे छोटी एवं हाथ में उंगलियों के पीछे के हिस्से की हड्डी और 700 से अधिक जोड़ों की हड्डियाँ भी शामिल होती हैं| 
  • वर्तमान समय में हड्डियों में किसी भी प्रकार के फ्रैक्चर आने या किसी और स्थिति में हड्डियों को पुन: उनके स्थान पर स्थापित करने हेतु आधुनिक प्रत्यारोपण तकनीक की सहायता ली जाती है|
  • स्पष्ट है कि इस कार्य की लागत भी बहुत अधिक आती है| यदि आयातित प्रत्यारोपण का इस्तेमाल किया जाता है तो वह स्वदेशी की अपेक्षा कहीं अधिक महँगा होता है| 

राष्ट्रीय औषध मूल्य निर्धारण प्राधिकरण 

  • राष्ट्रीय औषध मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (National Pharmaceutical Pricing Authority - NPPA) एक सरकारी नियामक एजेंसी है (कार्यकारी आदेश के अनुसार स्थापित की जाती है और इस तरह कोई वैधानिक निकाय नहीं) जिसका कार्य भारत में दवाइयों की कीमतों पर नियंत्रण स्थापित करना है| 
  • इसकी स्थापना एक कार्यकारी आदेश के अनुसार की गई है, स्पष्ट है कि यह कोई वैधानिक निकाय नहीं है|
  • यह भारत सरकार को दवा संबंधी नीति बनाने तथा इनकी कीमत निर्धारण के विषय में सलाह प्रदान करने का कार्य भी करती है| 

विशेषताएँ

  • दवाइयों के मूल्य नियंत्रण संबंधी सभी प्रावधानों को सुचारू रूप से कार्यान्वित करना|
  • प्राधिकरण के निर्णय से उत्पन्न सभी कानूनी मामलों का निपटान करना|
  • दवाओं की उपलब्धता संबंधी सभी आयामों पर नज़र रखना|
  • दवाओं की आपूर्ति और फार्मूलेशन के लिये उत्पादन, निर्यात - आयात, इससे संबद्ध कंपनियों की बाज़ार में हिस्सेदारी, कंपनियों की लाभप्रदता इत्यादि पर डेटा एकत्रित करना उसका रखरखाव करना|
  • दवाओं/फार्मास्यूटिकल्स की कीमत के संबंध में संबंधित अध्ययनों को आरंभ करना|
  • सरकार द्वारा निर्धारित नियमों और प्रक्रियाओं के अनुसार प्राधिकरण के अधिकारियों और अन्य स्टाफ सदस्यों की भर्ती/नियुक्ति करना इत्यादि कार्य किये जाते हैं| 

भारत का पक्ष

  • ध्यातव्य है कि समस्त संसार में भारत में सबसे अधिक संख्या में ऐसे लोग रहते हैं जिनमें प्रत्यारोपण की आवश्यकता है| परंतु, बीमा सुविधाओं, जागरुकता एवं धन की कमी होने के कारण बहुत से लोग जीवन से समझौता करने के विकल्प को अधिक महत्त्व प्रदान करते हैं|  
  • ऐसी स्थिति में यदि प्रत्यारोपण की कीमतों में वृद्धि की सीमा तय कर दी जाती है तो इसका प्रत्यक्ष लाभ आम जनता को प्राप्त होगा|