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भारतीय अर्थव्यवस्था

सबसे बड़े आईपीओ लॉन्च की तैयारी

  • 23 Jun 2020
  • 7 min read

प्रीलिम्स के लिये:

इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग, भारतीय जीवन बीमा निगम

मेन्स के लिये:

भारतीय जीवन बीमा निगम के IPO जारी करने का महत्त्व 

चर्चा में क्यों? 

भारत सरकार द्वारा वर्ष 2020 में ‘भारतीय जीवन बीमा निगम’(Life Insurance Corporation- LIC) के ‘इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग’ (Initial Public Offer-IPO) को जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

प्रमुख बिंदु:

  • देश के सबसे पुराने और सबसे बड़े जीवन बीमाकर्त्ता के आकार और पैमाने को देखते हुए भारतीय पूंजी बाज़ार में भारतीय जीवन बीमा निगम का IPO सबसे बड़ा होने की उम्मीद है क्योंकि LIC का IPO देश का सबसे बड़ा IPO माना जाता है।
  • वित्त मंत्रालय द्वारा हाल ही में LIC के प्रस्तावित IPO की प्रक्रिया में परामर्श देने के लिये फर्मों, निवेश बैंकरों एवं वित्तीय संस्थानों सहित लेन देन और सलाहकारों से आवदेन प्राप्त किये गए हैं ।
  • सरकार द्वारा  ‘निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग’ (Department of Investment and Public Asset Management- DIPAM) की मदद से  LIC के IPO को ज़ारी करने से पहले दो सलाहकारों प्री-आईपीओ की नियुक्ति की मांग की गई है। जिन्हें कम से कम 5,000 करोड़ रूपए  के आकार के आईपीओ के लेन-देन का सफल प्रबंधन या कम से कम 15,000 करोड़ रूपए के पूंजी बाज़ार  के लेन-देन का सफलतापूर्वक प्रबंधन करने का अनुभव हो।

बीमा बाज़ार में  LIC का आकार और स्थिति:

  • केंद्र सरकार द्वारा IPO के माध्यम से LIC में अपनी इक्विटी/हिस्सेदारी का 5-10 प्रतिशत बेचने पर LIC के शेयर बिक्री सर्वाधिक  होने की उम्मीद की जा रही है।
  • वर्ष 2018-19 में 9.4 प्रतिशत की वृद्धि के साथ LIC की कुल संपत्ति 31.11 लाख करोड़ रूपए के उच्चतम स्तर पर रही थी।
    • LIC को वर्ष 2018-19 के दौरान अपने इक्विटी निवेश से 23,621 करोड़ रूपए का लाभ प्राप्त हुआ, जो पिछले वर्ष के 25,646 करोड़  रूपए से 7.89 प्रतिशत कम रहा था।
  • कुल प्रथम वर्ष के प्रीमियम (Total First-Year Premium ) में निगम की बाज़ार हिस्सेदारी 66.24 प्रतिशत तथा वर्ष 2018-19 में नई नीतियों में हिस्सेदारी 74.71 प्रतिशत रही।

समग्र विनिवेश रोडमैप में LIC की भूमिका:

  • बजट वर्ष 2020-21 में, सरकार द्वारा LIC के IPO को जारी करने के लिये एक योजना की घोषणा की गई थी । 
  • इस योजना के तहत स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से निजी, खुदरा एवं  संस्थागत निवेशकों को आईडीबीआई बैंक में सरकार की इक्विटी बेचने का प्रस्ताव दिया गया।
  • भारत सरकार को LIC और आईडीबीआई बैंक में अपनी हिस्सेदारी बेचने से 90,000 करोड़ रुपए और अन्य विनिवेश के माध्यम से 1.2 लाख करोड़ रूपए प्राप्त/जुटाने की उम्मीद है।
  • सरकार द्वारा तीन वर्ष पूर्व इससे पहले भी IPO के माध्यम से ‘जनरल इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन’ (General Insurance Corporation)और न्यू इंडिया एश्योरेंस (New India Assurance) के शेयरों को सूचीबद्ध किया गया था।

इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग:

  • IPO एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके तहत कोई कंपनी पूंजी जुटाने के लिये पहली बार सार्वजनिक तौर पर अपने शेयरों की बिक्री करती है।
  • यह नई या पुरानी कंपनी हो सकती है जो किसी एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने का फैसला करती है और इसके साथ ही वह पब्लिक लिस्टेड कंपनी बन जाती है। इसके बाद शेयर बाज़ार में उसके शेयरों की खरीद फरोख्त होती है।
  • कंपनियाँ इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) के द्वारा सार्वजनिक रूप से नए शेयर जारी करके पूँजी जुटा सकती हैं या फिर मौज़ूदा शेयरधारक अपने शेयर जनता को बेच सकते हैं।
  • इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) के बाद कंपनी के शेयरों का खुले बाज़ार में कारोबार होता है।

भारतीय जीवन बीमा निगम:

  •  यह भारत की सबसे बड़ी जीवन बीमा कंपनी है तथा देश की सबसे बड़ी निवेशक कंपनी भी है।
  • इसकी स्थापना वर्ष 1956 में भारतीय संसद में भारतीय जीवन बीमा अधिनियम पारित करके की गई थी। 
  • इसका मुख्यालय मुंबई में है।
  • भारतीय जीवन बीमा निगम को बाज़ार में लगातार नवीन और लाभदायक नीतियों को लाने के लिये जाना जाता है। 
  • सामान्य तौर पर, LIC पॉलिसी को बीमा बाज़ार में एक बेंचमार्क माना जाता है।

IPO के माध्यम से  प्राप्त अपेक्षित लाभ:

  • IPO निश्चित रूप से LIC के मामलों में पारदर्शिता लाएगा।
  • यह स्टॉक एक्सचेंजों को समय पर वित्तीय संख्या(Financial Numbers) और अन्य बाज़ार से संबंधित घटनाओं को सूचित करने के लिये महत्त्वपूर्ण होगा।
  • IPO के माध्यम से वे निवेशक जो अंडरराइटिंग लाभ (Underwriting Profit) के साथ-साथ अपने निवेशों पर लाभ कमा रहे है। वे निवेशक बीमा क्षेत्र की इक्विटी लेने से भी लाभ अर्जित कर सकते हैं।
  • एक्सचेंजों के सूचीबद्ध होने के बाद विभिन्न इक्विटी एवं बॉन्ड इंस्ट्रूमेंट्स में LIC निवेश (LIC’s Investment) भी कड़ी जाँच के दायरे में आ जाएगा जिससे पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस

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