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प्रीलिम्स फैक्ट्स : 31 दिसंबर, 2018

  • 31 Dec 2018
  • 6 min read

‘एक ज़िला, एक उत्पाद’ क्षेत्रीय शिखर सम्मेलन


प्रधानमंत्री ने वाराणसी में ‘एक ज़िला, एक उत्पाद’ (One District One Product) क्षेत्रीय शिखर सम्मेलन को संबोधित किया।

One District One Product

  • राज्य के छोटे शहरों और छोटे ज़िलों के स्थानीय लोगों का कौशल बढ़ाना और देशी व्यापारों, हस्तकलाओं और उत्पादों की पहुँच बढ़ाना ‘एक ज़िला, एक उत्पाद’ योजना का लक्ष्य है। 
  • इनमें हस्तशिल्प, खाद्य प्रसंस्करण, अभियंत्रण सामग्री, दरी, सिले-सिलाए कपड़े, चमड़े के सामान आदि शामिल हैं। इनसे विदेशी मुद्रा अर्जित होने के साथ-साथ लोगों को रोज़गार के अवसर भी मिलते हैं।
  • इस अवसर पर उन्होंने राष्ट्रीय बीज शोध और प्रशिक्षण केंद्र में अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (International Rice Research Institute-IRRI) के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र के परिसर को राष्ट्र को समर्पित किया।
  • यह दक्षिण एशिया और सार्क क्षेत्र में चावल शोध और प्रशिक्षण के प्रमुख केंद्र के रूप में काम करेगा। भारत 1960 से अंतर्राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान (IRRI) से जुड़ा है।
  • भारत के पूर्वी हिस्से में स्थापित सबसे पहले अंतर्राष्ट्रीय केंद्र से इस क्षेत्र में चावल का उत्पादन बढ़ाने और उसे टिकाऊ बनाने में मदद मिलने की उम्मीद है।
  • प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश सरकार की ‘एक ज़िला, एक उत्‍पाद’ योजना को ‘मेक इन इंडिया’ का एक विस्‍तार बताया।
  • इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने दूर संचार विभाग के पेंशनधारकों के लिये ‘‘संपन्‍न’’ ‘द सिस्‍टम फॉर अथॉरिटी एंड मैनेजमेंट ऑफ पेंशन योजना’ (The system for authority and management of pension scheme) की शुरुआत की।
  • यह योजना दूर संचार विभाग के पेंशनधारकों के लिये काफी मददगार होगी और पेंशन के समयबद्ध संवितरण में मदद करेगी।
  • केंद्र सरकार जीवन की सरलता को बेहतर बनाने तथा लोकोन्‍मुखी सेवा से संबंधित सुविधाओं को और अधिक आसान बनाने के लिये प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रही है।
  • डाक घरों के जरिए बैंकिंग सेवाओं को विस्‍तारित करने के लिये इंडिया पोस्‍ट पेमेंट्स बैंक का उपयोग किया जा रहा है।
  • तीन लाख से अधिक कॉमन सर्विस सेंटर के एक नेटवर्क द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को डिजिटल तरीके से कई प्रकार की सेवाएँ उपलब्‍ध कराने में मदद की जा रही है। 
  • लोगों को सुविधाएँ प्रदान करने के अतिरिक्‍त डिजिटल इंडिया सरकारी कामकाज में पारदर्शिता ला रहा है और भ्रष्‍टाचार पर अंकुश लगा रहा है। 
  • ई-मार्केट प्लेस एमएसएमई के लिये कारगर साबित हो रहा है।

तिरंगा फहराने की 75वीं वर्षगाँठ


नेताजी सुभाष चन्‍द्र बोस द्वारा भारतीय भूमि पर तिरंगा फहराने के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित एक सार्वजनिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने एक स्‍मारक डाक टिकट, सिक्‍का एवं ‘फर्स्‍ट डे कवर’ जारी किया।

Tricolor Hoist

  • इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने अंडमान और निकोबार के तीन द्वीपों के नाम बदलने की घोषणा की।
  • रॉस द्वीप का नाम बदलकर नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप, नील द्वीप को शहीद द्वीप और हैवलॉक द्वीप को स्वराज द्वीप के नाम से जाना जाएगा।
  • इस मौके पर प्रधानमंत्री ने एक स्मारक डाक टिकट, 'फर्स्ट डे कवर' और 75 रुपए का सिक्का भी जारी किया। 35 ग्राम के इस सिक्के में 50 प्रतिशत चांदी, 40 प्रतिशत तांबा तथा 5-5 प्रतिशत निकल और जस्ता होंगे।
  • इस सिक्के में 'नेताजी सुभाषचंद्र बोस' की तस्वीर, सेलुलर जेल की पृष्ठभूमि में ध्वज को सलाम करते हुए दिखेगी। चित्र के नीचे ‘वर्षगांठ' के साथ 75 का अंक छपा होगा।
  • सिक्के पर देवनागरी लिपि और अंग्रेज़ी भाषा में 'पहला तिरंगा फहराने का दिन' छपा होगा।
  • प्रधानमंत्री ने ऊर्जा, कनेक्टिविटी एवं स्‍वास्‍थ्‍य क्षेत्रों से संबंधित विकास परियोजनाओं की एक श्रृंखला का भी अनावरण किया।
  • उल्लेखनीय है कि 30 दिसंबर, 1943 को सुभाष चंद्र बोस ने पहली बार सेलुलर जेल, पोर्ट ब्लेयर में तिरंगा फहराया था।
  • आजाद हिंद फ़ौज की स्थापना 21 अक्टूबर, 1943 को की गई थी।
  • गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने 21 अक्तूबर, 2018 को लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया था और सुभाष चंद्र बोस द्वारा बनाई गई आज़ाद हिंद फौज की 75वीं वर्षगाँठ के मौके पर एक पट्टिका का अनावरण किया था।
  • प्रधानमंत्री ने बोस के नाम पर एक मानद विश्वविद्यालय की स्थापना की भी घोषणा की।

स्रोत : पी.आई.बी.

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