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प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स: 27 सितंबर 2018

  • 27 Sep 2018
  • 8 min read

वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क (GSTN)

  • हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जीएसटी नेटवर्क (GSTN) को 100 प्रतिशत सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी में बदलने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी।
  • GSTN के पुनर्गठन के बाद इसका स्वामित्त्व केंद्र तथा राज्यों के बीच बराबर रूप से बाँटा जाएगा। हर राज्य की हिस्सेदारी समानुपातिक आधार पर काम करेगी।
  • GSTN नई अप्रत्यक्ष कर प्रणाली जीएसटी के लिये आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करता है।
  • वर्तमान में केंद्र तथा राज्यों के पास जीएसटी नेटवर्क की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है। शेष 51 प्रतिशत की हिस्सेदारी पाँच निजी वित्तीय संस्थानों- एचडीएफसी लिमिटेड, एचडीएफसी बैंक लिमिटेड, आईसीआईसीआई बैंक लिमिटेड, एनएसई सामरिक निवेश कंपनी और एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के पास है।
  • GSTN बोर्ड निजी कंपनियों द्वारा धारण किये गए इक्विटी के अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू करेगा।
  • बोर्ड की मौजूदा संरचना में बदलाव कर इसमें केंद्र और राज्यों के तीन निदेशकों, बोर्ड द्वारा मनोनीत तीन अन्य स्वतंत्र निदेशकों एवं एक अध्यक्ष तथा एक सीईओ को शामिल किया जाएगा। इस प्रकार अब निदेशकों की कुल संख्या 11 हो जाएगी।
  • GSTN को 28 मार्च, 2013 को यूपीए सरकार द्वारा एक निजी लिमिटेड कंपनी के रूप में शामिल किया गया था।

एगमार्क हेतु ऑनलाइन एप्लीकेशन की शुरुआत

हाल ही में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने कृषि उत्पादों हेतु एगमार्क प्रमाणीकरण के लिये ऑनलाइन सॉफ्टवेयर की शुरुआत की है।

  • एगमार्क प्रमाणीकरण से संबंधित आवेदन प्रक्रिया विपणन व निरीक्षण निदेशालय (डीएमआई) द्वारा ऑनलाइन की जाएगी। आवेदन की प्रक्रिया सरल, त्वरित, पारदर्शी और 24x7 होगी।
  • ऑनलाइन एगमार्क प्रणाली के माध्यम से अधिकार प्रमाण पत्र, प्रिंटिंग प्रेस की अनुमति, प्रयोगशालाओं की अनुमति और प्रयोगशाला सूचना प्रबंधन प्रणाली से संबंधित सेवाएँ प्रदान की जाएंगी।
  • एग्मार्क एक प्रमाणन चिन्ह है जो सरकारी एजेंसी विपणन व निरीक्षण निदेशालय द्वारा अनुमोदित मानकों के समूह के अनुरूप है।
  • एग्मार्क प्रमाणन के लिये मौजूदा प्रक्रिया के तहत आवेदनकर्त्ता को स्वयं उपस्थित होना पड़ता था। साथ ही इस प्रक्रिया में समय भी अधिक लगता था।
  • राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र द्वारा आधुनिक प्रौद्योगिकियों के उपयोग ने इन प्रक्रियाओं को ऑनलाइन इलेक्ट्रॉनिक सुविधा प्रदान करके आसान, भरोसेमंद और किफायती बना दिया है।
  • नई ऑनलाइन आवेदन प्रणाली में आवेदकों के लिये शुल्क की रसीद ऑनलाइन प्राप्त करने का भी प्रावधान हैं। भुगतान gov.in वेबसाइट के द्वारा डिजिटल मोड में प्राप्त किया जाएगा।

अस्त्र बियॉन्ड विज़ुअल रेंज मिसाइल

हाल ही में भारतीय वायुसेना ने स्वदेशी रूप से तैयार की गई बियॉन्ड विज़ुअल रेंज एयर-टू-एयर मिसाइल (BVRAAM) का सुखोई- 30 (SU-30) लड़ाकू विमान के ज़रिये सफल परीक्षण किया।

  • यह परीक्षण पश्चिम बंगाल में पश्चिम मेदनीपुर ज़िले के खड़कपुर स्थित कलाईकुंडा एयरफोर्स स्टेशन से किया गया।
  • कृत्रिम लक्ष्य के साथ किया गया यह परीक्षण मिशन के सभी मानकों और उद्देश्यों पर खरा उतरा।
  • अभी तक किये गए परीक्षणों की श्रृंखला में ‘अस्त्र’ को पूरी तरह से SU- 30 लड़ाकू विमान द्वारा छोड़ा गया था।
  • यह हवाई परीक्षण इसलिये भी महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यह पूर्व में किये गए परीक्षणों की श्रृंखला का अंतिम हिस्सा था।
  • ‘अस्त्र’ मिसाइल हथियार प्रणाली में सर्वश्रेष्ठ है और अब तक इसके 20 से अधिक परीक्षण हो चुके हैं।
  • अस्त्र भारत का पहला स्वदेश निर्मित दृश्य सीमा से परे हवा-से-हवा में मार करने वाला मिसाइल है। इसे DRDO द्वारा विकसित किया गया है।
  • यह उन्नत प्रक्षेपास्त्र लड़ाकू विमान चालकों को 80 किलोमीटर की दूरी से दुश्मन के विमानों पर निशाना लगाने और उन्हें मार गिराने की क्षमता प्रदान करता है।
  • DRDO ने ‘अस्त्र’ प्रक्षेपास्त्र को मिराज 2000 H, मिग 29, सी हैरियर, मिग 21, HAL तेजस और SU-30 विमानो में लगाने के लिये विकसित किया है।
  • इसमें ठोस ईंधन प्रणोदक का इस्तेमाल किया जाता है।

हिंद महासागर नौसैनिक संगोष्ठी

लोकोपकारी सहायता और आपदा राहत (Humanitarian Assistance and Disaster Relief- HADR) पर हिंद महासागर नौसैनिक संगोष्ठी के कार्यकारी समूह (IWG) की बैठकों की श्रृंखला में तीसरी बैठक का आयोजन पूर्वी नौसेना कमान के मुख्यालय, विशाखापत्तनम में 27-28 सितंबर, 2018 को निर्धारित है।

  • हिंद महासागर क्षेत्र के देशों की क्षेत्रीय ताकत को भुनाने के लिये फरवरी 2008 में हिंद महासागर नौसैनिक संगोष्ठी की शुरुआत की गई थी।
  • यह 21वीं सदी की पहली महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा पहल थी।
  • इसमें हिंद महासागर क्षेत्र के 35 तटीय देशों को चार उपक्षेत्रों – दक्षिण एशिया, पश्चिम एशिया, पूर्वी अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया सहित दक्षिण-पूर्व एशिया में बाँटा गया था। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में इसमें 24 सदस्य और आठ पर्यवेक्षक नौसेनाएँ हैं।
  • IONS एक क्षेत्रीय मंच उपलब्ध कराता है जहाँ सभी तटीय देशों के नौसेना प्रमुख समय-समय पर रचनात्मक तौर पर एक दूसरे से मिलते हैं जिससे कि क्षेत्र के लिये ज़रूरी तंत्र, कार्यक्रम एवं गतिविधियों का सृजन किया जा सके अथवा उन्हें आगे बढाया जा सके।

IONS की अध्यक्षता

  • IONS के अध्यक्ष का पद चारों उप-क्षेत्रों में क्रमिक रूप से स्थानांतरित होता रहता है।
  • 2008 से 2010 - भारत
  • 2010 से 2012 – संयुक्त अरब अमीरात
  • 2012 से 2014 – दक्षिण अफ्रीका
  • 2014 से 2016 – ऑस्ट्रेलिया
  • 2016 से 2018 – बांग्लादेश
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