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प्रीलिम्स फैक्ट्स: 26 सितंबर 2018

  • 26 Sep 2018
  • 9 min read

यूनिवर्सिटी ऑफ़ वाशिंगटन द्वारा जारी मानव पूंजी रैंकिंग में भारत 158वें स्थान पर

साप्ताहिक पत्रिका द लांसेट में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि मानव पूंजी के स्तर पर भारत 2016 में 195 देशों में से 158वें स्थान पर था, जबकि 1990 में इसका रैंक 162वाँ था। यह अध्ययन किसी देश द्वारा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर किये गए खर्च के आधार पर रैंक निर्धारित करता है।

  • अध्ययन के मुताबिक, भारत का स्थान सूडान (157वाँ स्थान) के बाद है और नामीबिया (159वाँ स्थान) से आगे है। अमेरिका 27वें स्थान पर, जबकि चीन 44वें स्थान पर और पाकिस्तान 164वें स्थान पर है।
  • अध्ययन के मुताबिक, भारत अपने कार्यबल की शिक्षा और स्वास्थ्य के मामले में पीछे है। जो संभावित रूप से अर्थव्यवस्था पर नकारत्मक प्रभाव डाल सकता है।
  • इस अध्ययन में सरकारी संस्थाओं, स्कूलों तथा स्वास्थ्य सेवाओं से प्राप्त आँकड़ों का प्रयोग किया गया था।
  • विश्व बैंक के अनुरोध पर यूनिवर्सिटी ऑफ़ वाशिंगटन के स्वास्थ्य मेट्रिक्स और मूल्यांकन संस्थान (IHME) द्वारा आयोजित यह अध्ययन देशों की ‘मानव पूंजी’ के स्तर को मापने और उनकी तुलना हेतु इस तरह का पहला अध्ययन है।
  • यह अध्ययन इस तथ्य का भी खुलासा करता है कि किसी देश की मानव पूंजी में बढ़ोतरी के साथ उसकी अर्थव्यवस्था में भी वृद्धि होती है।

नेशनल ई-विधान एप्‍लीकेशन (नेवा)

हाल ही में नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन (National e-Vidhan Application- NeVA) पर एक राष्ट्रीय ओरिएंटेशन कार्यशाला का आयोजन किया गया। उल्लेखनीय है कि इस कार्यशाला का आयोजन संसदीय मामलों के मंत्रालय ने किया।

  • कार्यशाला का प्रमुख उद्देश्य सभी राज्य विधान पालिकाओं को ई-विधान प्लेटफॉर्म अपनाने के लिये प्रोत्साहित करना और विधान पालिकाओं के कामकाज में पारदर्शिता और उत्तरदायित्त्व लाना था।
  • नेवा विकेंद्रीकृत डिजिटल एप्लीकेशन है, जो विधानमंडलों के दैनिक कामकाज से संबंधित सूचना डिजिटल प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराती है।
  • यह डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का एक हिस्सा है और संसदीय मामलों का मंत्रालय इसके लिये नोडल एजेंसी के रूप में कार्य कर रहा है तथा इसकी योजना ‘एक राष्ट्र एक एप्लीकेशन’ के सिद्धांत के अनुरूप ई-विधान को संसद के दोनों सदनों सहित 40 विधानमंडलों में लागू करने की है।
  • यह पहल हिमाचल प्रदेश में केंद्रीय सहायता द्वारा निष्पादित एक पायलट परियोजना के साथ शुरू हुई जिसने 2014 में शिमला विधानसभा को भारत की पहली पेपरलेस विधानसभा बनाया।

अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस

संयुक्त राष्ट्र की घोषणा का अनुसरण करते हुए बधिरों के अंतर्राष्ट्रीय सप्ताह के हिस्से के रूप में दुनिया भर में हर साल 23 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस मनाया जाता है।

  • इस वर्ष अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस की थीम “सांकेतिक भाषा के साथ, सभी लोग सम्मिलित हैं” (With Sign Language, Everyone is Included) है।
  • भारत में अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस सामाजिक न्याय और सशक्तीकरण मंत्रालय के तहत दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग के भारतीय सांकेतिक भाषा अनुसंधान और प्रशिक्षण केंद्र (Indian Sign Language Research and Training Centre- ISLRTC) द्वारा मनाया जाता है।
  • सांकेतिक भाषाएँ पूर्ण रूप से विकसित प्राकृतिक भाषाएँ हैं, जो बोली जाने वाली भाषाओं से संरचनात्मक रूप से अलग होती हैं।
  • एक अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा भी है, जिसका प्रयोग अंतर्राष्ट्रीय बैठकों में और अनौपचारिक रूप से यात्राओं तथा लोगों से घुलने मिलने के दौरान बधिर लोगों द्वारा किया जाता है।
  • कन्वेंशन ऑन द राइट्स ऑफ पर्सन्स विथ डिसेबिलिटीज़ सांकेतिक भाषा की पहचान करने और उनके प्रयोग को बढ़ावा देने का कार्य करता है। साथ ही यह भी स्पष्ट करता है कि सांकेतिक भाषा और बोली जाने वाली भाषाओं की स्थिति समान होती है और राज्यों की पार्टियों को सांकेतिक भाषा सिखाने और बधिर समुदाय की भाषायी पहचान को बढ़ावा देने के लिये बाध्य करता है।
  • सांकेतिक भाषाएँ लोगों द्वारा बोली जाने वाली भाषाओँ की तरह ही जटिल व्याकरण युक्त भाषाएँ हैं। इनका स्वयं का व्याकरण तथा शब्दकोश होता है। सांकेतिक भाषा का कोई भी रूप सार्वभौमिक नहीं है। अलग-अलग देशों या क्षेत्रों में अलग-अलग सांकेतिक भाषाएँ प्रयोग की जाती हैं। जैसे- ब्रिटिश सांकेतिक भाषा (BSL) तथा अमेरिकन सांकेतिक भाषा (ASL), जो लोग ASL को समझते हैं वे BSL को नहीं समझ सकते।

वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ द डेफ (WFD)

  • विश्व फेडरेशन ऑफ द डेफ (WFD) 133 देशों के बधिर संघों का एक अंतर्राष्ट्रीय गैर-लाभकारी और गैर-सरकारी संगठन है।
  • इसके अलावा, इसकी सदस्यता में सहयोगी सदस्य, अंतर्राष्ट्रीय सदस्य और व्यक्तिगत सदस्य और युवा सदस्य शामिल हैं। इसका विधिक केंद्र फिनलैंड के हेलसिंकी में है जहाँ WFD सचिवालय संचालित होता है।
  • संयुक्त राष्ट्र में डब्ल्यूएफडी की स्थिति परामर्शदाता की है और यह अंतर्राष्ट्रीय विकलांगता गठबंधन (IDA) का संस्थापक सदस्य है।
  • यह संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों और उद्देश्यों, मानवाधिकार संधियों, मानवाधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा, विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन और 2030 सतत् विकास लक्ष्य के अनुसार बधिर लोगों के मानवाधिकारों को बढ़ावा देता है।

पराक्रम पर्व

भारतीय सशस्त्र सेना नियंत्रण रेखा (Line of Control- LOC) पर आतंकवादी शिविरों के खिलाफ किये गए सर्जिकल हमलों की दूसरी सालगिरह और सशस्त्र बलों के साहस, बहादुरी और बलिदान को प्रदर्शित करने के लिये 28-30 सितंबर तक 'पराक्रम पर्व' का आयोजन करेगी।

  • भारतीय सेना ने 2016 में सर्जिकल हमले किये थे, जो सामरिक रूप से अत्यधिक जटिल था। इसका उद्देश्य देश में शांति का माहौल सुनिश्चित करना और हिंसा का मार्ग अपनाकर दुश्मन को विचलित करना था।
  • मुख्य कार्यक्रम का आयोजन नई दिल्ली के राजपथ मपर इंडिया गेट परिसर में किया जाएगा। इसी प्रकार, देश भर के 51 शहरों में 53 स्थानों पर भारतीय सशस्त्र बलों और स्पेशल फोर्सेज़ की बहादुरी वाली सामान्य तथा विशेष घटनाओं को प्रमुखता से प्रदर्शित करने वाले कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।
  • आगंतुकों को सेना द्वारा कब्ज़े में लिये गए हथियारों (जिनका प्रयोग आतंकवादियों द्वारा किया गया) के अलावा सेना का तोपखाना, बंदूकें और छोटे हथियारों जैसे सैन्य उपकरण भी देखने को मिलेंगे।
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