हाल ही में संयुक्त राष्ट्र ने अपनी ग्लोबल सस्टेनेबल सिटीज़ 2025 पहल में भागीदारी के लिये नोएडा और ग्रेटर नोएडा को चुना है।
शहरों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिये संयुक्त राष्ट्र ग्लोबल सस्टेनेबिलिटी इंडेक्स इंस्टीट्यूट से एक पत्र गौतमबुद्ध नगर ज़िला मजिस्ट्रेट को भेजा गया था जिसे राज्य सरकार को अग्रेसित कर दिया जाएगा।
ये दोनों शहर उन 25 शहरों में शामिल हैं जिन्हें पाँच श्रेणियों में ग्लोबल सस्टेनेबल सिटीज 2025 पहल में भागीदारी के लिये चुना गया है।
इस पहल के एक हिस्से के रूप में सतत विकास लक्ष्य (SDG) को साकार करने हेतु कई मिलियन डॉलर का वित्तपोषण प्रदान करने के लिये संयुक्त राष्ट्र, शहर के प्रशासन के साथ एक समझौता करेगा।
संयुक्त राष्ट्र नोएडा में ऐसे 51 छात्रों को पीएचडी के लिये आर्थिक संरक्षण भी प्रदान करेगा जो अपने अनुसंधान के माध्यम से योजना में योगदान देंगे।
खारे पानी का मगरमच्छ
हाल ही में आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में एक महीने के अंदर दो मगरमच्छों को देखा गया है।
गौरतलब है कि ये मगरमच्छ आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम तट तथा श्रीकाकुलम तट पर देखे गए हैं।
खारे पानी के मगरमच्छ आमतौर पर ओडिशा के तटीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
ऐसे में यह कयास लगाया जा रहा है कि यह प्रजाति ओडिशा तट से प्रवास कर रही है।
भारत में सुंदरबन तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह खारे पानी के मगरमच्छों के प्रमुख आवास हैं।
सभी जीवित सरीसृपों में से यह मगरमच्छ सबसे बड़ा होता है जो लगभग 7 मीटर तक लंबा हो सकता है।
यह दक्षिण-पूर्व एशिया, ऑस्ट्रेलिया में भी पाया जाता है।
भीतरकनिका राष्ट्रीय उद्यान-
भीतरकनिका राष्ट्रीय उद्यान ओडिशा के बेहतरीन जैव विविधता हॉटस्पॉट में से एक है और यह अपने हरे मैंग्रोव, प्रवासी पक्षियों, कछुए, एस्चुराइन मगरमच्छ तथा अनगिनत संकरी खाड़ियों (creeks) के लिये प्रसिद्ध है।
भीतरकनिका ब्राह्मणी, वैतरणी, धामरा और महानदी नदी के मुहाने पर स्थित है।
ऐसा माना जाता है कि यह उद्यान देश के 70 फीसदी एस्चुराइन या खारे पानी के मगरमच्छों का आवास है।