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प्रीलिम्स फैक्ट्स: 24 सितंबर 2018

  • 24 Sep 2018
  • 7 min read

दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा

हाल ही में दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर नई दिल्ली में शताब्दी समारोह का आयोजन किया गया।

  • दक्षिणी राज्यों में हिंदी का प्रचार करने के एकमात्र उद्देश्य के साथ महात्मा गांधी ने 1918 में ‘दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा’ की स्थापना की थी।
  • इसके प्रथम प्रचारक कोई और नहीं बल्कि महात्मा गांधी के पुत्र देवदास गांधी थे।
  • 1927 में दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा एक स्वतंत्र संगठन के रूप में उभरकर सामने आई और महात्मा गांधी अपने जीवन के अंतिम समय तक इसके अध्यक्ष रहे।
  • 1920 तक इस सभा का कार्यालय मद्रास के जॉर्ज टाउन में था उसके कुछ सालों बाद बाद यह मायलापोर में स्थानांतरित हो गया और बाद में यह त्रिपुलीन में स्थानांतरित हुआ जहाँ यह 1936 तक काम करता रहा।
  • इस सभा की प्रांतीय शाखाओं की स्थापना 1936 में की गई थी और उसी वर्ष सभा के सदन को मद्रास के तत्कालीन नए शहर त्यागराज नगर में स्थापित किया गया था। इस इमारत की नींव अब्दुल हमीद खान ने रखी थी और इमारत का उद्घाटन 7 अक्तूबर, 1936 को भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष पंडित जवाहरलाल नेहरू ने किया था।
  • वर्ष 1946 में इस सभा का रजत जयंती समारोह आयोजित किया गया जिसकी अध्यक्षता महात्मा गांधी ने की थी।
  • रजत जयंती समारोह के दौरान गांधीजी की उपस्थिति को स्मरणीय बनाने हेतु उस स्थान पर गांधी मंडप का निर्माण किया गया जहाँ गांधीजी ने अपनी उपस्थिति दर्ज की थी। इस मंडप का उद्घाटन 9 जून, 1963 को मोरारजी देसाई ने किया था।
  • वर्ष 1993 में इस सभा की प्लैटिनम जुबिली का आयोजन अमृतोत्सव नाम से किया गया था।

14वीं राष्‍ट्रीय युवा संसद प्रतियोगिता

हाल ही में 14वीं राष्‍ट्रीय युवा संसद प्रतियोगिता, 2017 के पुरस्‍कार वितरित किये गए। उल्लेखनीय है कि 14वीं राष्‍ट्रीय युवा संसद प्रतियोगिता का आयोजन वर्ष 2017-18 के दौरान पूरे भारत के 74 संस्थानों के बीच किया गया।

  • डीएवी महाविद्यालय, जालंधर के छात्रों ने प्रतियोगिता में प्रथम आने पर रनिंग पार्लियामेंटरी शील्ड एवं ट्रॉफी जीती, इसके अलावा संबंधित समूहों में प्रथम आने वाले विश्वविद्यालयों/महाविद्यालयों को मेरिट ट्रॉफी प्रदान की गई।
  • युवा संसद प्रतियोगिता
  • संसदीय मामलों का मंत्रालय 1997-98 से विश्‍वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के लिये युवा संसद प्रतियोगिता का आयोजन कर रहा है।
  • उद्देश्य
  • युवा पीढ़ी को संसद की प्रक्रिया एवं कार्यवाहियों, बहस एवं चर्चा की तकनीकों से अवगत करना।
  • उनमें नेतृत्व के गुणों, आत्म अनुशासन की भावना, विविध विचारों के प्रति सहिष्णुता एवं स्वस्थ प्रतिस्पर्द्धा का विकास करना।
  • युवाओं में प्रभावी भाषण कला, विचारों की ईमानदार अभिव्यक्ति एवं जीवन के लोकतांत्रिक तरीकों के अन्य गुणों (जिनमें सभी लोकतंत्र की विशिष्टता हैं) को समावेशित करना।

तिरुमाला ब्रह्मोत्सवम

हिंदुओं द्वारा मनाए जाने वाले ‘ब्रह्मोत्सव’ का आयोजन हर साल आंध्र प्रदेश के तिरुमाला में किया जाता है।

  • ब्रह्मोत्सव तिरुमाला का वार्षिक उत्सव है जो ब्रह्मा के नेतृत्व में भगवान श्रीनिवास के आविर्भाव का स्मरण करने के लिये मनाया जाता है।
  • आमतौर पर इस त्योहार का आयोजन सितंबर या अक्तूबर के माह में किया जाता है।
  • नौ दिनों तक चलने वाले वार्षिक उत्सव ‘ब्रह्मोत्सव’ के दौरान तिरुमाला में रथोत्सव का आयोजन किया जाता है।
  • इन नौ दिनों के दौरान प्रत्येक दिन भगवान वेंकेटश्वर की मूर्ति को अलग-अलग रथों पर घुमाया जाता है।
  • त्योहार के पहले दिन "अनुरार्पण" अनुष्ठान का आयोजन किया जाता है। "अनुरार्पण" अनुष्ठान प्रजनन क्षमता, बहुतायत और समृद्धि का प्रतीक है।
  • इस उत्सव को मनाने का मुख्य कारण भगवान से ऐसे जीवन के लिये प्रार्थना करना है जो उच्च मूल्यों और नैतिकता से भरा हुआ हो।

गोल्डन ग्लोब रेस

हाल ही में भारतीय नौसेना ने नौसेना कमांडर अभिलष टॉमी के लिए एक खोज और बचाव अभियान शुरू किया, जो कन्याकुमारी के दक्षिण में 2500 से अधिक समुद्री मील की दूरी पर अपने नौकायन पोत में फँसे हुए थे। उल्लेखनीय है कि भारतीय नौसेना के कमांडर अभिलाष टॉमी स्वदेश निर्मित नौकायन पोत ‘थुरिया’ पर गोल्डन ग्लोब रेस 2018 (GGR) में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे थे।

गोल्डन ग्लोब रेस के बारे में

  • गोल्डन ग्लोब रेस (Golden globe race) 2018 एक नौकायन दौड़ है। इस दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन सर्वप्रथम 1968-69 में किया गया था। यह एक नॉन-स्टॉप, एकल संचालनीय (single handed), विश्व के चारों तरफ भ्रमण करने वाली नौका दौड़ है।
  • गोल्डन ग्लोब रेस (Golden globe race) 2018 की शुरुआत 1 जुलाई, 2018 को फ्राँस के लेस सेबल्स-डीओलोन (les sables-d'olonne) नामक बंदरगाह से हुई।
  • इस दौड़ की विशेषता यह है कि इसमें आधुनिक तकनीकों का प्रयोग वर्जित है और इस नौका की तकनीक 1968 के बाद की न हो।
  • उल्लेखनीय है कि भारतीय नौसेना के कमांडर अभिलाष टॉमी (Abhilash Tomy) इस दौड़ प्रतियोगिता में भाग लेने वाले एशिया के एकमात्र प्रतियोगी हैं। कमांडर अभिलाष ने अपनी नौका ‘थूरिया’ (Thuriya) के साथ इस प्रतियोगिता में भाग लिया।
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