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प्रीलिम्स फैक्ट्स : 22 नवंबर, 2018

  • 22 Nov 2018
  • 4 min read

उच्च शिक्षण संस्थानों के लिये नवोन्मेष प्रकोष्ठ (Innovation Cell)

हाल ही में केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने नवोन्मेष प्रकोष्ठ (Innovation Cell) के अंतर्गत ‘प्रतिष्ठान की नवोन्मेष परिषद’ (Institution’s Innovation Council-IIC) कार्यक्रम की शुरूआत की।

    • मंत्रालय ने AICTE में एक ‘नवोन्मेष प्रकोष्ठ’ स्थापित किया है जिसका उद्देश्य देश भर के उच्च शिक्षण संस्थानों में नवाचार की संस्कृति को व्यवस्थित ढंग से प्रोत्साहित करना है।
    • यह देश में नवाचार (Innovation) को संस्थागत बनाने और एक वैज्ञानिक प्रकृति विकसित करने की दिशा में महत्त्वपूर्ण कदम है।
    • प्रतिष्‍ठान की नवोन्मेष परिषद (IIC) का नेटवर्क बनाने का उद्देश्य युवा छात्रों के प्रारंभिक वर्षों में उनकी अद्भुत कल्‍पनाओं और कार्य विधियों को प्रदर्शित करके उन्‍हें प्रोत्‍साहित, प्रेरित और विकसित करना है।
    • उल्लेखनीय है कि 1000 से अधिक उच्च शिक्षण संस्थानों ने पहले से ही अपने परिसरों में IIC का गठन कर लिया है और मंत्रालय के नवोन्मेष प्रकोष्ठ द्वारा व्यवस्थित IIC नेटवर्क के लिये इन्हें नामांकित किया है।

बिना मूविंग पार्ट्स के उड़ने वाला विमान (Plane Flying with No Moving Parts)

एक क्रांतिकारी परिवर्तन में, मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (Massachusetts Institute of Technology- MIT) के इंजीनियरों ने बिना मूविंग पार्ट्स वाले विमान की प्रतिकृति (Prototype) तैयार की है और उसे उड़ाया भी है।

    • नोदक (Propeller) या टरबाइन की बजा, विमान इलेक्ट्रो-हाइड्रो-डायनेमिक प्रेरण (thrust) या तथाकथित ‘आयनिक हवा’ (Ionic Air) द्वारा संचालित होता है जिसकी पहचान पहली बार 1960 के दशक में की गई थी।
    • जब धारा दो इलेक्ट्रोड के बीच से गुज़रती है, तो दोनों इलेक्ट्रोडों के बीच के स्थान में यह अधोवायु (wind) का निर्माण करती है। यदि पर्याप्त वोल्टेज का उपयोग किया जाए तो परिणामी ‘आयनिक हवा’ मोटर या ईंधन की मदद के बिना विमान को आगे बढ़ाने का काम कर सकती है और इस प्रकार एक छोटे विमान को ऊर्जा प्रदान कर सकती है।
    • इससे पहले, BAE सिस्टम और मैनचेस्टर यूनिवर्सिटी ने मैग्मा (MAGMA), एक छोटा मानव रहित हवाई वाहन (Unmanned Aerial Vehicle- UAV) के साथ उड़ान परीक्षणों का पहला चरण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया था, यह उड़ान के दौरान विमान को नियंत्रित करने के लिये फ्लैप्स को स्थानांतरित करने हेतु उपयोग किये जाने मूविंग पार्ट्स की आवश्यकता को दूर करता है।
    • उल्लेखनीय है कि एक सदी पहले राइट ब्रदर्स द्वारा निर्मित दुनिया के पहले विमान के उड़ान भरने के बाद से अब तक एयरक्राफ्ट आमतौर पर प्रोपेलर्स, टरबाइन ब्लेड और पंखों जैसे मूविंग पार्ट्स की मदद से उड़ाए जाते हैं और जीवाश्म ईंधन के दहन या बैटरी पैक द्वारा संचालित होते हैं।
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