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प्रीलिम्स फैक्ट्स : 21 दिसंबर, 2018

  • 21 Dec 2018
  • 3 min read

पाइका विद्रोह


संस्‍कृति मंत्रालय द्वारा प्रदत्त जानकारी के अनुसार, 24 दिसंबर, 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी IIT भुवनेश्‍वर के परिसर में आयोजित कार्यक्रम में पाइका विद्रोह की याद में स्‍मारक सिक्‍का और डाक टिकट जारी करेंगे। भारत सरकार ने उत्‍कल विश्‍वविद्यालय, भुवनेश्‍वर में इस कार्यक्रम की याद में 5 करोड़ रुपए की लागत से एक पीठ स्‍थापित करने का फैसला किया है।

  • यह धनराशि विश्‍वविद्यालय को संचित निधि के रूप में जारी की जाएगी। पीठ का खर्च संचित निधि पर अर्जित होने वाले ब्‍याज की रकम से वहन किया जाएगा।
  • प्रधानमंत्री पुरातत्‍व संग्रहालय, ललितगिरी का भी उद्घाटन करेंगे, जो निश्चित रूप से क्षेत्र के पर्यटन के फलक में एक नया आयाम जोड़ेगी और रोज़गार के अवसरों की संभावनाओं में अपार वृद्धि करेगी।

पृष्ठभूमि

  • सन 1857 के प्रथम स्‍वाधीनता संग्राम से 40 साल पहले 1817 में बक्सि जगबन्धु ने खोर्धा में दमनकारी ब्रिटिश राज के खिलाफ बहादुर पाइका योद्धाओं को जागृत किया था और जंग में उनका नेतृत्‍व किया था।
  • इस विद्रोह के दो सौ साल पूरे होने के अवसर को उचित ढंग से मनाने के निर्णय की घोषणा 2017-18 के बजट भाषण में की गई थी।

स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV)


हाल ही में थुंबा (Thumba) में इसरो के विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर (Vikram Sarabhai Space Centre-VSSC) द्वारा स्माल

स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (Small Satellite Launch Vehicle-SSLV) का डिज़ाइन तैयार किया गया है। इसरो को उम्मीद है कि छह महीने के अंदर ही इस व्हीकल को लॉन्च भी कर दिया जाएगा।

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    • इस लॉन्च व्हीकल को ‘बेबी रॉकेट’ भी कहा जा रहा है क्योंकि यह छोटे आकार के उपग्रहों के प्रक्षेपण के लिये सबसे छोटा और सबसे तेज़ व्हीकल होगा।
    • लॉन्चपैड पर यह 34 मीटर का होगा जो कि ध्रुवीय उपग्रह लॉन्च व्हीकल (Polar Satellite Launch Vehicle-PSLV) से 10 मीटर छोटा और भू-समकालिक उपग्रह लॉन्च व्हीकल (Geosynchronous Satellite Launch Vehicle-GSLV) के MK-2 संस्करण से लगभग 15 मीटर छोटा होगा।
    • इसके साथ-साथ यह सबसे 'पतला' लॉन्च व्हीकल भी है जिसका व्यास मात्र दो मीटर है।
    • SSLV में तीन ठोस मोटर चरण हैं। ये PSLV एवं GSLV की तरह कई उपग्रहों को ले जा सकने में सक्षम है हालाँकि, ये उपग्रह आकार में छोटे होंगे।
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