प्रीलिम्स फैक्ट्स: 20 सितंबर 2018 | 20 Sep 2018
‘एमएसएमई इनसाइडर’
- हाल ही में सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम मंत्रालय के मासिक ई-न्यूज़लेटर ‘एमएसएमई इनसाइडर’ को लॉन्च किया गया।
- ई-न्यूज़लेटर में मंत्रालय की गतिविधियों से जुड़ी जानकारियाँ उपलब्ध होंगी। साथ ही यह MSME मंत्रालय एवं देश भर में फैली लाखों MSME इकाइयों के बीच एक पुल की भूमिका भी निभाएगा।
- मंत्रालय की योजनाओं से MSME के साथ-साथ आम जनता को भी अवगत कराने के अलावा ई-न्यूज़लेटर प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में नवीनतम नवाचारों, संबंधित माह में होने वाले आगामी कार्यक्रमों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों के बारे में भी आवश्यक जानकारियाँ देगा।
- ई-न्यूज़लेटर में उन उद्यमियों की सफलता की गाथाएँ भी होंगी जो मंत्रालय की योजनाओं से लाभान्वित हुए हैं।
- इसके अलावा, उद्योग आधार मेमोरेंडम पोर्टल पर पंजीकृत हो चुके लगभग 50 लाख MSMEs के बीच ई-न्यूज़लेटर का वितरण भी किया जाएगा।
अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना
रोज़गार पद्धति में बदलाव तथा भारत में रोज़गार के वर्तमान परिदृश्य पर विचार करते हुए कर्मचारी राज्य बीमा निगम (Employees’ State Insurance Corporation- ESIC) ने कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम 1948 के तहत कवर किये जाने वाले बीमित व्यक्तियों (Insured Persons) के लिये ‘अटल बीमित व्यक्ति कल्याण योजना’ नामक एक योजना को मंज़ूरी दी है।
- इस योजना के अंतर्गत नौकरी चली जाने की स्थिति में और नई नौकरी की तलाश के दौरान बीमित व्यक्ति के बैंक खाते में राहत राशि भेजी जाएगी।
ESIC के अन्य फैसले
- ESIC ने कर्मचारियों को प्रति व्यक्ति दस रुपए की प्रतिपूर्ति के प्रस्ताव को भी मंज़ूरी दी है, जिससे कि उन श्रमिकों एवं उनके परिवार के सदस्यों के ESIC डाटा बेस में आधार (UID) के जोड़े जाने को प्रोत्साहित किया जा सके। यह कदम एक ही बीमित व्यक्ति के विविध पंजीकरणों में कमी लाएगा तथा दीर्घकालिक अंशदायी स्थितियों का आवश्यक लाभ उठाने में उन्हें सक्षम बनाएगा।
- ESIC ने सुपर स्पेशियलिटी उपचार का लाभ उठाने के लिये अर्हता स्थिति में रियायत देने के प्रस्ताव को भी मंज़ूरी दी है, जिसमें पहले के दो वर्षों के बीमा योग्य रोज़गार अवधि को घटाकर छह महीने कर दिया गया है और इसमें केवल 78 दिनों के अंशदान की आवश्यकता होगी।
- इसके अतिरिक्त, बीमित व्यक्तियों के आश्रितों के लिये सुपर स्पेशियलिटी उपचार का लाभ उठाने की अर्हता में छूट देकर अब इसे एक वर्ष के बीमा योग्य रोज़गार तक सीमित कर दिया गया है, जिसमें 156 दिनों का अंशदान शामिल होगा। इस छूट से बीमित व्यक्तियों एवं उनके लाभार्थियों को संशोधित अर्हता के अनुसार नि:शुल्क सुपर स्पेशियलिटी उपचार प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
- ESIC ने बीमित व्यक्तियों की मृत्यु पर भुगतान किये जाने वाले अंत्येष्टि व्यय में बढ़ोतरी कर इसे वर्तमान 10,000 रुपए से बढ़ाकर 15,000 रुपए करने के प्रस्ताव को भी मंज़ूरी दे दी है।
अन्ना राजम मल्होत्रा
स्वतंत्र भारत की पहली महिला आईएएस अधिकारी अन्ना राजम मल्होत्रा का 91 वर्ष की उम्र में निधन हो गया।
- उनका जन्म जुलाई 1927 में केरल के एर्नाकुलम ज़िले में हुआ था।
- अन्ना राजम मल्होत्रा 1951 में सिविल सेवा में शामिल हुई और मद्रास कैडर का चयन किया।
- उनका विवाह आर.एन. मल्होत्रा के साथ हुआ था, उल्लेखनीय है कि आर.एन. मल्होत्रा ने 1985 से 1990 तक भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर के रूप में कार्य किया था।
- अन्ना राजम मल्होत्रा, जिन्हें घुड़सवारी और शूटिंग में प्रशिक्षित किया गया था, को सबसे पहले होसुर में उप जिलाधिकारी के रूप में तैनात किया गया था।
- उन्होंने 7 मुख्यमंत्रियों के अधीन कार्य किया था जिनमें सी.राजगोपालाचारी सबसे प्रमुख थे। उल्लेखनीय है कि सी. राजगोपालाचारी सिविल सेवाओं में महिलाओं के प्रवेश के खिलाफ थे लेकिन बाद में उन्होंने स्वयं अन्ना राजम मल्होत्रा की प्रशंसा की थी।
- अध्यक्ष के रूप में उन्होंने भारत के प्रथम कंप्यूटरीकृत बंदरगाह न्हावा शेवा के निर्माण का कार्य पूरा करवाया।
- वर्ष 1990 में उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था।
हाल ही में जम्मू में भारत-पाक अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर स्मार्ट बाड़ के लिये दो प्रायोगिक परियोजनाओं की शुरुआत की गई।
- स्मार्ट सीमा बाड़ परियोजना देश में व्यापक एकीकृत सीमा प्रबंधन प्रणाली (CIBMS) कार्यक्रम के तहत शुरू की जाने वाली अपनी तरह की पहली परियोजना है।
- सीमा पर 5.5 किलोमीटर लंबी दूरी की दो सीमा बाड़ परियोजनाओं की निगरानी व्यवस्था तकनीक तौर पर काफी उन्नत है जिसमें भूमि, जल और यहाँ तक की हवा में भी अदृश्य इलेक्ट्रॉनिक बाधाएँ लगाई गई हैं।
- इससे BSF को काफी दुर्गम क्षेत्रों में खतरों की पहचान करने और घुसपैठ की कोशिशों को रोकने में मदद मिलेगी।
- CIBMS निगरानी, संचार और डाटा संग्रहण में बड़ी संख्या में अलग-अलग यंत्रों का इस्तेमाल करता है।
- इसकी सहायता से BSF सीमा पर सभी प्रकार के मौसम में 24 घंटे निगरानी करने में सक्षम होगा।