प्रीलिम्स फैक्ट्स : 17 नवंबर, 2018 | 17 Nov 2018
फिच रेटिंग
फिच रेटिंग एजेंसी ने बड़े आर्थिक मोर्चे पर जोखिमों को देखते हुए भारत की रेटिंग को फिलहाल स्थिर परिदृश्य के साथ BBB जो कि निवेश की श्रेणी में सबसे निम्न स्तर है, पर बनाए रखने की घोषणा की।
- यह लगातार 12वाँ साल है जब फिच रेटिंग ने भारत की रेटिंग को अपग्रेड करने से इनकार किया है।
- रेटिंग एजेंसी के अनुसार, भारत का वृहत् आर्थिक परिदृश्य बहुत अधिक जोखिम से भरा हुआ है और भारत की रेटिंग में सुधार न होने का कारण देश की कमज़ोर राजकोषीय स्थिति है।
- उल्लेखनीय है कि फिच रेटिंग एजेंसी की प्रतिद्वंदी एजेंसी मूडीज ने नवंबर 2017 में भारत की रेटिंग में सुधार किया था। उसके बाद से भारत सरकार फिच रेटिंग एजेंसी द्वारा भी भारत को बेहतर रैंकिंग देने की वकालत कर रही है।
- रेटिंग एजेंसी का मानना है कि कर्ज कारोबार में निम्न वृद्धि के कारण बैंकिंग और गैर-बैंकिंग वित्तीय क्षेत्र के लिये अधिक परेशानी होगी।
- सरकारी क़र्ज़ सकल घरेलू उत्पाद के 70% के स्तर पर पहुँच गया है।
- वित्तीय वर्ष 2018-19 की पहली छमाही में GST का संग्रह कम होने और आगामी चुनावों के कारण खर्च को नियंत्रित रखना आसान नहीं होगा और इस कारण से राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद अर्थात् GDP के 3.3% पर रखने के लक्ष्य को हासिल करने में कठिनाई होगी।
- फिच का अनुमान है कि भारत की वास्तविक आर्थिक वृद्धि 2017-18 के 6.7 प्रतिशत से बढ़कर 2018-19 में 7.8 प्रतिशत हो सकती है। लेकिन अगले दो वित्तीय वर्षों में वृद्धि दर घटेगी।
- वित्त वर्ष 2019-20 और 2020-21 में वृद्धि दर घटकर 7.3% के स्तर पर पहुँचने का अनुमान भी लगाया गया है।
स्टार्ट-अप इंडिया निवेश गोष्ठी
हाल ही में चीन स्थित भारतीय दूतावास ने स्टार्ट-अप इंडिया संघ और वेंचर गुरुकुल के सहयोग से पेईचिंग में दूसरी स्टार्ट-अप इंडिया निवेश गोष्ठी का आयोजन किया।
- इसका उद्देश्य भारतीय युवाओं में नवाचार और उद्यमशीलता को प्रोत्साहन देना है।
- पहली बार स्टार्ट-अप इंडिया निवेश कार्यक्रम का आयोजन नवंबर 2017 में किया गया था।
- इस आयोजन के तहत चीन की उद्यम पूंजी और निवेशकों को भारत के स्टार्ट-अप से परिचित कराने का लक्ष्य निर्धारित किया जाता है ताकि भारतीय स्टार्ट-अप को अपनी कंपनियों के लिये चीन के निवेशकों तक पहुँचने का अवसर मिल सके।
- इस निवेश गोष्ठी में 20 भारतीय स्टार्ट-अप से जुड़े 42 भारतीय उद्यमियों ने हिस्सा लिया और चीन के निवेशकों से अपनी कंपनियों में निवेश करने के लिये संपर्क किया। उल्लेखनीय है कि पहली स्टार्ट-अप इंडिया निवेश गोष्ठी में 12 भारतीय स्टार्ट-अप ने हिस्सा लिया था, जिनमें से 4 स्टार्ट-अप को चीन की उद्यम पूंजी की तरफ से 15 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश प्राप्त हुआ था।
- वर्तमान गोष्ठी और परिचय सत्रों में चीन के 350 से अधिक उद्यम पूंजी निधियों और निजी निवेशकों ने हिस्सा लिया।