प्रारंभिक परीक्षा
प्रीलिम्स फैक्ट्स :1 सितंबर,2018
- 01 Sep 2018
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कृष्ण कुटीर
- कृष्ण कुटीर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा मंत्रालय की स्वाधार गृह योजना के तहत 1000 विधवाओं के लिये निर्मित एक विशेष गृह है और किसी सरकारी संगठन द्वारा सृजित अपनी तरह का अब तक का सबसे बड़ा सुविधा केंद्र है।
- विधवाओं हेतु गृह ‘कृष्ण कुटीर’ का निर्माण उत्तर प्रदेश स्थित मथुरा के वृंदावन में राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम (NBCC) द्वारा 57.48 करोड़ रुपए (भूमि की लागत सहित) की लागत से 1.4 हेक्टेयर भूमि पर किया गया है।
- इसके निर्माण हेतु वित्तपोषण केंद्र सरकार द्वारा किया गया है और इसका प्रबंधन उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किया जाएगा।
चौथा अंतर्राष्ट्रीय आयुर्वेद कॉन्ग्रेस
- आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री श्रीपद येस्सो नाइक नीदरलैंड में चौथे अंतरराष्ट्रीय आयुर्वेद कॉन्ग्रेस का उद्घाटन करेंगे।
- 1-4 सितंबर, 2018 तक चलने वाली इस कॉन्ग्रेस का आयोजन अंतर्राष्ट्रीय महर्षि आयुर्वेद फाउंडेशन, नीदरलैंड; अखिल भारतीय आयुर्वेदिक कॉन्ग्रेस, नई दिल्ली एवं अंतर्राष्ट्रीय आयुर्वेद अकादमी, पुणे द्वारा नीदरलैंड में भारतीय दूतावास के सहयोग से संयुक्त रूप से किया जा रहा है
- यह कॉन्ग्रेस नीदरलैंड एवं यूरोप को उसके पड़ोसी देशों में आयुर्वेद के संवर्द्धन एवं प्रचार पर फोकस करेगी।
- भारतीय दूतावास द्वारा ‘आयुर्वेद सहित स्वास्थ्य देखभाल में भारत-नीदरलैंड सहयोग’ विषय पर एक विशेष संगोष्ठी का आयोजन 3 सितंबर, 2018 को किया जाएगा।
- इस संगोष्ठी को आयुष मंत्री और नीदरलैंड के मेडिकल केयर एवं स्पोर्ट मंत्री ब्रुनो ब्रुनीस द्वारा संयुक्त रूप से संबोधित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री ने किया पशुपतिनाथ धर्मशाला का उद्घाटन
- प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल के प्रधानमंत्री श्री के.पी. ओली के साथ काठमांडू में संयुक्त रूप से पशुपतिनाथ धर्मशाला का उद्घाटन किया।
- यह धर्मशाला भारत-नेपाल मैत्री की प्रतीक है।
- प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में पशुपतिनाथ, मुक्तिनाथ एवं जानकी धाम के मंदिरों का उल्लेख किया।
- उल्लेखनीय है कि ये तीनों मंदिर नेपाल में अवस्थित हैं।
- वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने अपनी पहली नेपाल यात्रा के दौरान इस धर्मशाला के निर्माण का ऐलान किया था।
वर्ष 2018-19 की प्रथम तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत
- केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने वित्त वर्ष 2018-19 की प्रथम तिमाही के लिये जीडीपी के अनुमान जारी किये।
- जीडीपी वृद्धि दर वर्ष 2018-19 की प्रथम तिमाही में 8.2 प्रतिशत रही जो वित्त वर्ष 2017-18 की अंतिम तिमाही में दर्ज की गई 7.7 प्रतिशत के मुकाबले और ज्यादा बेहतरी को दर्शाती है।
- इस विकास का आधार काफी व्यापक है और यह उपभोग व्यय में 8.4 प्रतिशत की वृद्धि तथा नियत (फिक्स्ड) निवेश में 10.0 प्रतिशत की बढ़ोतरी की बदौलत संभव हो पाया है।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (CSO)
- विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों एवं राज्य सरकारों के सांख्यिकीय गतिविधियों के मध्य समन्वयन एवं सांख्यिकीय मानकों के संवर्द्धन हेतु मई 1951 में ‘केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय’ (CSO) की स्थापना की गई थी।
- यह राष्ट्रीय खातों को तैयार करने, औद्योगिक आँकडों को संकलित एवं प्रकाशित करने के साथ-साथ ही आर्थिक जनगणना एवं सर्वेक्षण कार्य भी आयोजित करता है।
- यह देश में सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) की सांख्यिकीय निगरानी के लिये भी उत्तरदायी है।
प्रधानमंत्री विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं नवाचार सलाहकार परिषद (PM-STIAC)
हाल ही में केंद्र सरकार ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार से संबंधित नीतिगत मामलों पर सलाह देने के लिये एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है।
- PM-STIAC (Prime Minister’s Science, Technology and Innovation Advisory Council) के रूप में नामित 21 सदस्यीय समिति, जिसमें एक दर्जन सदस्य विशेष रूप से आमंत्रित हैं, की अध्यक्षता मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. के. विजय राघवन करेंगे।
- इस परिषद के 9 प्रमुख सदस्य - वी.के. सारस्वत (DRDO के पूर्व प्रमुख, तथा नीति आयोग के सदस्य), ए.एस. किरण कुमार (ISRO के पूर्व अध्यक्ष), बाबा कल्याणी (भारत फोर्ज के MD), प्रो. संघमित्र बंदोपाध्याय (भारतीय सांख्यिकी संस्थान के निदेशक), मंजुल भार्गव (प्रिंसटन यूनिवर्सिटी अमेरिका के प्रोफेसर तथा गणित के फील्ड मेडल विजेता), प्रो. अजय कुमार सूद (भारतीय विज्ञान संस्थान बंगलूरू के प्रोफ़ेसर), मेजर जनरल माधुरी कानितकर (आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज की डीन), सुभाष काक (ओक्लाहोमा यूनिवर्सिटी, अमेरिका के प्रोफेसर) शामिल हैं।
- आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी से संबंधित सभी मंत्रालयों के सचिव विशेष आमंत्रितों के रूप में शामिल होंगे। इनमें परमाणु ऊर्जा, अंतरिक्ष, जैव प्रौद्योगिकी, नवीन तथा नवीकरणीय ऊर्जा, पर्यावरण एवं वन, कृषि, स्वास्थ्य और उच्च शिक्षा शामिल हैं।
- यह समिति नीतियों और निर्णयों के निर्माण और कार्यान्वयन की सुविधा प्रदान करेगी, कार्रवाई-उन्मुख और आने वाले समय के अनुकूल सलाह प्रदान करेगी तथा देश में सामाजिक आर्थिक समस्याओं को हल करने के लिये विज्ञान और तकनीकी को निर्देशित करने में सहायता करेगी।
- यह शिक्षा, अनुसंधान, उद्योग इत्यादि में नवाचार लाने पर भी ध्यान केंद्रित करेगी।
- PM-STIAC प्रभावी रूप से SAC-कैबिनेट और SAC-PM (2014 से चल रही वैज्ञानिक सलाहकार समितियाँ) को भंग कर देगा।