प्रीलिम्स फैक्ट्स : 30 मार्च, 2018 | 30 Mar 2018
प्रधानमंत्री रोज़गार प्रोत्साहन योजना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों पर मंत्रिमंडलीय समिति ने प्रधानमंत्री रोज़गार प्रोत्साहन योजना (पीएमआरपीवाई) के कार्य क्षेत्र में वृद्धि को अपनी मंज़ूरी दी है। भारत सरकार अब सभी क्षेत्रों के लिये नए कर्मचारी के पंजीकरण की तिथि से पहले तीन वर्षों के लिये नियोक्ता के पूर्ण ग्राह्य योगदान में योगदान देगी, जिसमें वर्तमान लाभार्थियों के तीन वर्षों की उनकी शेष अवधि का योगदान भी शामिल है।
लाभ
- एक अनुमान के अनुसार, अनौपचारिक क्षेत्र के कामगार सामाजिक सुरक्षा के दायरे में आ जाएंगे तथा और अधिक रोज़गार का सृजन होगा।
- अभी तक, इस योजना के काफी प्रेरणादायी परिणाम प्राप्त हुए हैं। औपचारिक रोज़गार में लगभग 31 लाख लाभार्थी सम्मिलित हुए हैं, जिसमें 500 करोड़ रुपए से अधिक का व्यय शामिल है।
पृष्ठभूमि
- पीएमआरपीवाई अगस्त 2016 से ही परिचालन में है। इस योजना में, सरकार 15 हज़ार रुपए प्रति महीने तक के वेतन के साथ, एक नए सार्वभौमिक खाता नंबर (यूएएन) रखने वाले नए कर्मचारियों (जो 01 अप्रैल, 2016 या उसके बाद नियुक्त हुए हैं) के संदर्भ में कर्मचारी पेंशन योजना में नियोक्ताओं के 8.33 प्रतिशत योगदान का भुगतान कर रही है।
- इस योजना के दोहरे लाभ हैं। एक तरफ नियोक्ताओं को प्रतिष्ठानों में कामगारों के रोज़गार आधार में वृद्धि करने के लिये प्रोत्साहन दिया जाता है, तो दूसरी तरफ बड़ी संख्या में कामगार ऐसे प्रतिष्ठानों में रोज़गार पा सकेंगे।
- इसका एक प्रत्यक्ष लाभ यह है कि इन कामगारों को संगठित क्षेत्र के सामाजिक सुरक्षा लाभों की सुविधा प्राप्त हो सकेगी।
भारत सरकार ने राजपत्र अधिसूचना संख्या 20, दिनांक 02 जनवरी, 2018 द्वारा चुनावी बॉण्ड योजना-2018 को अधिसूचित किया है। योजना के प्रावधानों के अनुसार चुनावी बॉण्ड की खरीद ऐसे व्यक्ति द्वारा की जा सकती है, जो भारत का नागरिक हो या भारत में निगमित या स्थापित हो।
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