प्रीलिम्स फैक्ट्स : 29 अगस्त, 2018 | 29 Aug 2018
हस्तसाल मीनार
- हस्तसाल की लाट या मीनार का निर्माण मुगल सम्राट शाहजहाँ द्वारा 17वीं शताब्दी में बनवाया गया था।
- यह मीनार दिल्ली के निकट हस्तसाल गाँव में स्थित है।
- इस मीनार का उपयोग शिकारखाना के रूप किया जाता था।
- हस्तसाल मीनार के निर्माण में लखोरी ईंट का प्रयोग किया गया है। यह एक ऊपर उठे हुए मंच पर 16.87 मीटर ऊँची तीन मंजिला मीनार है। प्रत्यके मीनार का व्यास निचले मंज़िल से कम है, जहाँ तक संकीर्ण सीढ़ियों के माध्यम से पहुँचा जा सकता है।
- कुतुबमीनार की भाँति ही मीनार का प्रत्येक मंज़िल अष्टकोणीय अंगूठी से घिरा है साथ ही लाल बलुआ पत्थर से निर्मित छज्जा भी लगा हुआ है।
- उल्लेखनीय है कि इसे ‘मिनी क़ुतुब मीनार’ भी कहा जाता है।
- कला एवं सांस्कृतिक विरासत के लिये भारतीय राष्ट्रीय ट्रस्ट (INTACH) द्वारा मीनार की पुनर्स्थापना के लिये विस्तृत योजना तैयार की गई है।
कला एवं सांस्कृतिक विरासत के लिये भारतीय राष्ट्रीय ट्रस्ट (INTACH)
- यह सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत पंजीकृत एक गैर-लाभकारी धर्मार्थ संगठन है।
- इसे भारत में विरासत जागरूकता और संरक्षण का नेतृत्व करने के दृष्टिकोण से 1 9 84 में नई दिल्ली में स्थापित किया गया था।
- वर्ष 2007 में, संयुक्त राष्ट्र ने इसे संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद के साथ एक विशेष सलाहकार दर्जे से सम्मानित किया था।
- रूस सितंबर माह (11-15 सितंबर) में पिछले चार दशकों में सबसे बड़े युद्धाभ्यास आयोजित करने की योजना बना रहा है। इस युद्धाभ्यास में चीनी और मंगोलियाई सेनाएँ भी शामिल होंगी।
- वोस्टोक – 2018 या पूर्व – 2018 नामक यह युद्धाभ्यास केंद्रीय और पूर्वी रूसी सैन्य ज़िलों में आयोजित होगा और इस अभ्यास में लगभग 300,000 सैनिक, 1000 से अधिक सैन्य विमान, दो रूसी नौसेना बेड़े और इसके सभी हवाई फौज इकाइयाँ शामिल होगी।
- उल्लेखनीय है कि सोवियत संघ द्वारा सन 1981 में ‘जापद- 81’ नामक अभ्यास आयोजित किया गया था। यह सोवियत संघ का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास था जिसमें लगभग 100,000 से 150,000 सैनिकों से भाग लिया था।
- यह फसल कटाई के दौरान मनाया जाने वाला त्योहार है जो असम राज्य में प्रत्येक पाँच साल की अवधि में एक बार मनाया जाता है।
- इस त्योहर में विभिन्न समुदाय के लोग समाज की समृद्धि एवं कल्याण तथा अच्छी फसल की कामना के लिये एकत्रित होते हैं।
- संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (FAO) चीन से दक्षिण पूर्व एशिया या कोरियाई प्रायद्वीप तक अफ्रीकी स्वाइन फीवर के फैलने की चेतावनी ज़ारी किया है।
- चीन ने एक महीने से भी कम समय में अपने चार प्रांतों में अत्यधिक संक्रामक बीमारी के प्रसार की सूचना दी है।
- अफ्रीकी स्वाइन बुखार घरेलू सूअरों की एक बेहद संक्रामक तीव्र रक्तस्राव वाली बीमारी है।
- यह बीमारी टिक द्वारा प्रसारित होती है।
- इस बीमारी के प्रसार को रोकने के लिये कोई औषधि या टीका नहीं है, इसके लिए एकमात्र ज्ञात विधि संक्रमित पशुधन को बड़े पैमाने पर मारना है।
- अफ्रीकी स्वाइन बुखार मनुष्यों के लिए कोई प्रत्यक्ष खतरा उत्पन्न नहीं करता है।