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प्रीलिम्स फैक्ट्स: 29 जून, 2018

  • 29 Jun 2018
  • 6 min read

कट्टुपल्ली बंदरगाह

हाल ही में अदानी पोर्ट्स और स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड (एपीएसईजेड) ने मरीन इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड (एमआईपीडीएल) में 97% हिस्सेदारी हासिल करने के लिये लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड (एलएंडटी) के साथ शेयर खरीद समझौता किया है।

प्रमुख बिंदु

  • इस समझौते का मुख्य उद्देश्य चेन्नई के पास स्थित कट्टुपल्ली बंदरगाह का विकास और संचालन करना है।
  • इस बंदरगाह के विकास की अनुमानित लागत ₹ 1,950 करोड़ है। 
  • गौरतलब है कि ₹ 1,950 करोड़ की इस राशि में एपीएसईजेड,एमआईडीपीएल की बकाया राशि के निपटारे के लिये ₹ 1,562 करोड़ का भुगतान करेगा और ₹ 388 करोड़ शेयरों के अधिग्रहण के माध्यम से भुगतान किया जाएगा।
  • अदानी समूह इस समझौते के बाद इस बंदरगाह को दक्षिणी भारत के सबसे बड़े बंदरगाहों में से बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
  • उल्लेखनीय है कि कट्टुपल्ली बंदरगाह भारत के सबसे आधुनिक बंदरगाहों में से एक है और चेन्नई/बंगलौर क्षेत्र में एक्ज़िम व्यापार के लिये एक नए प्रवेश द्वार के रूप में उभर रहा है।

आईआईटी चेन्नई ने तैयार किया मानव रहित वायुयान

  • आईआईटी चेन्नई के छात्रों ने ड्रोन प्लेन के रूप में एक विशेष प्रकार का मानव रहित वायुयान (अनमैन्ड एयर व्हीकल-यूएवी) तैयार किया है जो शत्रु के ठिकानों की निगरानी कर रिपोर्ट भेजने में सक्षम होगा।
  • यदि किसी प्रकार के हमले में घायल होकर इस यान का कोई हिस्सा टूट भी जाता है तो इसके हिस्से अपने आप जुड़ जाएंगे। हालाँकि ऐसा तभी संभव हो पाएगा, जब वह एक निश्चित दूरी में गिरे।
  • यह मानव रहित वायुयान मैग्नेटिक तकनीक पर काम करता है।
  • इसमें 5000 एमएएच की बैटरी लगी है जिससे यह 100 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकता है।
  • इसकी तुलना में ड्रोन क्षमता वाली बैट्री में महज़ 5 से 7 किलोमीटर तक की ही दूरी तय कर सकता है।
  • इस यान को अधिक प्रभावी बनाने के लिये इसमें कम-से-कम लंबी वायरिंग का इस्तेमाल किया गया है।
  • इस पर साधारण गुलेल या किसी पिलर के टकराने से कोई विशेष प्रभाव नहीं पड़ेगा, हालाँकि फायरिंग में यह अवश्य प्रभावित हो सकता है।

कबीर की 500वीं पुण्य तिथि

  • प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर के मगहर में महान संत और कवि कबीर को श्रद्धांजलि अर्पित की।
  • गौरतलब है कि महान संत और कवि कबीर की यह 500वीं पुण्य तिथि का अवसर था।
  • इस दौरान प्रधानमंत्री संत कबीर गुफा भी गए और पट्टिका का अनावरण करते हुए ‘संत कबीर अकादमी’ की आधारशिला रखी।
  • यह अकादमी संत कबीर की विरासत के साथ-साथ क्षेत्रीय बोलियों और लोक कलाओं का संरक्षण संस्थान होगी।
  • इस अकादमी की आधारशिला का मुख्य लक्ष्य महान संत की शिक्षाओं और विचारों का प्रसारित करना है।

मगहर के बारे में

  • प्रशासनिक रूप में ये एक नगर पंचायत है और ख़लीलाबाद संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आता है लेकिन यहाँ का मुख्य आकर्षण और पर्यटन केंद्र कबीर चौरा या कबीर धाम ही है।
  • उल्लेखनीय है कि सोलहवीं सदी के महान संत कबीरदास का जन्म वाराणसी में हुआ था और लगभग पूरा जीवन उन्होंने वाराणसी यानी काशी में ही बिताया था।
  • जीवन के आख़िरी समय में कबीर मगहर चले आए और यहीं 1518 में उनकी मृत्यु हुई।
  • दरअसल कबीर स्वेच्छा से उस अंधविश्वास को तोड़ना चाहते थे कि जिसमें कहा जाता था कि काशी में मोक्ष मिलता है और मगहर में नरक।
  • मगहर ही वह स्थान है जहाँ पर कबीर की समाधि और उनकी मज़ार दोनों इमारतें एक ही परिसर में स्थित हैं। 

पोषण अभियान के लिये टेक-थॉन का आयोजन

  • हाल ही में महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने नई दिल्ली में पोषण अभियान के लिये टेक-थॉन का आयोजन किया।
  • इस सेमिनार में सरकार, बहुपक्षीय संगठनों, आईटी उद्योग, माईगव, यूआईडीएआई इत्यादि के विभिन्न हितधारक एकजुट हुए तथा सेमिनार में जन आंदोलन संबंधी दिशा-निर्देश जारी किए गए।
  • ध्यातव्य है कि वित्तीय वर्ष 2017-18 से राष्ट्रीय पोषण मिशन (National Nutrition Mission-NNM) की शुरुआत की गई थी।

रणनीति एवं लक्ष्य 

  • एनएनएम एक शीर्षस्थ निकाय के रूप में मंत्रालयों के पोषण संबंधी हस्तक्षेपों की निगरानी, पर्यवेक्षण, लक्ष्य निर्धारित करने तथा मार्गदर्शन का काम करता है।
  • राष्ट्रीय पोषण मिशन का लक्ष्य ठिगनापन, अल्पपोषण, रक्ताल्पता (छोटे बच्चों, महिलाओं एवं किशोरियों में) को कम करना तथा प्रतिवर्ष अल्पवज़नी बच्चों में क्रमश: 2%, 2%, 3% तथा 2% की कमी लाना है।
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