प्रीलिम्स फैक्ट्स : 28 मई, 2018 | 28 May 2018
क्लीन एयर इंडिया पहल
नवाचार एवं उद्यमिता की भावना को आगे बढ़ाने के प्रयास में इन्वेस्ट इंडिया (वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत, भारत सरकार की पहल स्टार्ट अप इंडिया का मेजबान) और नीदरलैंड की सरकार संयुक्त रूप से इंडो-डच#स्टार्ट-अप लिंक पहल शुरू कर रहे हैं। इसकी आधिकारिक शुरुआत 25 मई, 2018 को हुई।
इस पहल से नवाचार एवं उद्यमिता की संयुक्त चेतना को प्रोत्साहन देने के साथ ही दोनों देशों में स्टार्ट-अप्स के लिये बाज़ार के विस्तार का दोहरा उद्देश्य पूरा होगा।
- इंडो-डच#स्टार्ट-अप लिंक को भारत और नीदरलैंड स्टार्ट-अप्स के लिये विकसित किया गया है जो एक-दूसरे के बाज़ार का विस्तार कर रहे हैं और संबंधित स्टार्ट-अप के लिये महत्त्वपूर्ण सूचना, आवश्यक नेटवर्क, प्रायोगिक सुअवसर और संचालक तक पहुँच का जरिया बन रहा है।
- इन्वेस्ट इंडिया के तहत, स्टार्ट-अप इंडिया केंद्र और आर्थिक मामले एवं जलवायु परिवर्तन मामले के तहत नीदरलैंड्स उद्योग एजेंसी अपने-अपने देशों में संपर्क साधने और संचालकों का एकमात्र माध्यम होगा।
- इंडो-डच#स्टार्ट-अप लिंक का एक महत्त्वपूर्ण घटक क्लीन एयर इंडिया रिंग की शुरुआत 24 मई को नई दिल्ली में की गई।
- इंडो-डच#स्टार्ट-अप लिंक के एक सहयोगी के रूप में जुड़ा है, जिसका उद्देश्य भारत को सतत् ऊर्जा भविष्य की ओर बदलाव की गति को बढ़ाना है।
- शैल ने शैल ई4 गठित की है जो ऊर्जा उदयमियों को उनके प्रभावी हल के लिये सशक्त और योग्य बनाएगी।
- भारत में पहला ऊर्जा केंद्रित स्टार्ट अप केन्द्र के रूप में शैल ई4 इन्फ्रास्ट्रक्चर (प्रयोगशाला + सह कार्य स्थल), उद्योग से संबंधित जानकारी, विषय पर विशेषज्ञता, फंडिंग, वैश्विक संपर्क एवं ब्रांड की पहचान जैसी सेवाएँ देगा।
- यह गेट इन द रिंग, स्टार्ट-अप इंडिया, नीदरलैंड सरकार, भारतीय एवं डच व्यावसायिकों का मंच, इंडस फोरम के बीच एक सहयोगी परियोजना है।
- ‘इंडस इम्पैक्ट परियोजना’ के अंतर्गत, भारत एवं नीदरलैंड के मध्य व्यावसायिक साझेदारी को बढ़ावा प्रदान किया गया है। इस परियोजना का उद्देश्य धान की पराली को जलाने से उत्पन्न होने वाले खतरनाक ज्वलन से रोकथाम प्रदान करना है।
राजस्थान सरकार ने सरकारी अस्पतालों में बीमारी की निगरानी एवं टेली-मेडिसिन सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिये ‘निदान’ नामक एक नए सॉफ्टवेयर को लॉन्च किया है। यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत क्रियान्वित कार्यक्रमों की एक साथ निगरानी करने तथा स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रभावी नीति तैयार करने में सहायक सिद्ध होगा।
- यह सॉफ़्टवेयर विभिन्न संस्थानों में उपलब्ध 46 बीमारियों और स्वास्थ्य सेवाओं की निगरानी हेतु ऑनलाइन प्रविष्टियों की सुविधा प्रदान करेगा।
- यह बीमारियों के नियंत्रण के लिये विशिष्ट कार्य योजनाओं के निर्माण में भी सहायता प्रदान करेगा।
- यह ज़िला प्रारंभिक हस्तक्षेप केंद्रों की गतिविधियों की निगरानी सुनिश्चित करेगा ताकि रोगों की समय पर रोकथाम की जा सके और गुणवत्तायुक्त स्वास्थ्य सेवा की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
स्वच्छ भारत के लिये विज्ञापन अभियान
जाने-माने फिल्म अभिनेता श्री अक्षय कुमार ने देश की राजधानी नई दिल्ली में स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के लिये एक विज्ञापन अभियान लॉन्च किया। यह अभियान नई दिल्ली में आयोजित ‘शौचालय प्रौद्योगिकी के लिये कलक्टर्स कन्वेंशन’ नामक कार्यक्रम के दौरान शुरू किया गया।
- यह अभियान ग्रामीण भारत में दोहरे गड्ढों वाली शौचालय प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। इस विज्ञापन में श्री कुमार के साथ-साथ अभिनेत्री सुश्री भूमि पेडनेकर भी शामिल हैं।
- पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय की घोषणानुसार श्री कुमार अभिनीत फिल्म ‘टॉयलेट एक प्रेम कथा’ को स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की सभी राज्य और ज़िला टीमों द्वारा गैर-वाणिज्यिक आधार पर प्रयोग करने का अधिकार प्रदान किया गया।
- अर्थात् अब ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छ भारत अभियान को प्रमोट करने के लिये अब इस फिल्म का इस्तेमाल किया जा सकता है।
पृष्ठभूमि
- दोहरे गड्ढों वाली शौचालय प्रौद्योगिकी का आविष्कार भारत में किया गया था। यह ग्रामीण भारत के लिये सबसे उपयुक्त शौचालय तकनीक है। भारत सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा भी इस तकनीक को अपनाने की सिफारिश की जाती रही है।
- इतना ही नहीं, यह वैज्ञानिक रूप से भी सिद्ध हो चुका है कि:
♦ मानक दोहरे गड्ढों वाले शौचालय मॉडल में एक गड्ढा 6 सदस्यों वाले परिवार द्वारा उपयोग करने पर मोटे तौर पर 5 वर्षों में भर जाता है।
♦ इसके बाद इस अपशिष्ट को आसानी से दूसरे गड्ढे में डाला जा सकता है।
♦ 6 माह से लेकर 1 वर्ष में भरे हुए गड्ढे में अपशिष्ट पूरी तरह से नष्ट हो जाता है।
♦ यह विघटित अपशिष्ट संचालन की दृष्टि से सुरक्षित होता है। साथ ही इसमें बड़ी मात्रा में एनपीके (नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटेशियम) पोषक तत्त्व भी मौजूद होते हैं जो इसे कृषि में उपयोग के लिये उपयुक्त बनाते हैं।
क्वांटम वर्चस्व या ‘क्वांटम लाभ’, क्वांटम कंप्यूटिंग उपकरणों में समस्याओं के निवारण हेतु प्रयोग की जाने वाली संभावित क्षमता होती है।
- विशेषज्ञों के अनुसार, "क्वांटम वर्चस्व" बहुत हद तक ऐसी अवस्था होती है, जहाँ क्वांटम कंप्यूटर पारंपरिक मशीनों की क्षमता से परे कार्य करने लगते हैं।
- Google के शोधकर्त्ताओं द्वारा 72 क्वांटम बिट्स या क्युबिट्स (Quantum Bits, or Qubits) वाले एक क्वांटम कंप्यूटर का परीक्षण किया जा रहा है, यह कंपनी के पिछले नौ क्युबिट्स चिप की तुलना में काफी बड़ा है।
- जनवरी 2018 में इंटेल द्वारा क्वांटम-कंप्यूटिंग सिस्टम बनाने में सफलता हासिल की गई है। इतना ही नहीं, इस कंपनी द्वारा 49 क्युबिट्स वाली एक सुपरकंडक्टिंग क्वांटम टेस्ट चिप का भी अनावरण किया गया है।