प्रीलिम्स फैक्ट्स: 27 अगस्त, 2018 | 27 Aug 2018
विश्व हिंदी सम्मलेन
- भारत सरकार ने विदेश मंत्रालय और मॉरीशस सरकार के सहयोग से 11वें विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन 18-20 अगस्त 2018 तक मॉरीशस में किया गया।
- भारत के अतिरिक्त मॉरीशस विश्व का एकमात्र ऐसा देश है जो 11वें विश्व हिंदी सम्मलेन के साथ तीसरी बार इस आयोजन की मेज़बानी कर रहा है।
- इस अवसर पर मॉरीशस के पूर्व प्रधानमंत्री अनिरूद्ध जगन्नाथ ने कहा कि हम भारत की संतान हैं और भारत हमारी माता है। इस तरह एक बेटे की ज़िम्मेदारी पूरी करते समय हम हिंदी को संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा बनाने के प्रयासों का समर्थन करते हैं।
अभी तक आयोजित विश्व हिंदी सम्मलेन इस प्रकार हैं-
1. | प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन | नागपुर, भारत | 10-12 जनवरी,1975 |
2. | द्वितीय विश्व हिंदी सम्मेलन | पोर्ट लुई, मॉरीशस | 28-30 अगस्त,1976 |
3. | तृतीय विश्व हिंदी सम्मेलन | नई दिल्ली, भारत | 28-30 अक्तूबर,1983 |
4. | चतुर्थ विश्व हिंदी सम्मेलन | पोर्ट लुई, मॉरीशस | 02-04 दिसंबर,1993 |
5. | पाँचवाँ विश्व हिंदी सम्मेलन | पोर्ट ऑफ स्पेन, ट्रिनिडाड एण्ड टोबेगो | 04-08 अप्रैल,1996 |
6. | छठा विश्व हिंदी सम्मेलन | लंदन,यू. के. | 14-18 सितंबर,1999 |
7. | सातवाँ विश्व हिंदी सम्मेलन | पारामारिबो,सूरीनाम | 06-09 जून, 2003 |
8. | आठवाँ विश्व हिंदी सम्मेलन | न्यूयार्क,संयुक्त राज्य अमरीका | 13-15 जुलाई, 2007 |
9. | नौवाँ विश्व हिंदी सम्मेलन | जोहांसबर्ग, दक्षिण अफ्रीका | 22-24 सितंबर, 2012 |
10. | दसवाँ विश्व हिंदी सम्मेलन | भोपाल, भारत | 10-12 सितंबर, 2015 |
- हाल ही में मध्य प्रदेश सरकार के वन विभाग ने राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण को राज्य के नौरदेही अभयारण्य में चीता को फिर से प्रवेश कराने की योजना को पुनर्जीवित करने के लिये पत्र लिखा है।
- इस महत्त्वाकांक्षी परियोजना की कल्पना वर्ष 2009 में की गई थी जो निधियन में कमी के कारण बाधित हो गई थी।
- देश की आखिरी मादा चीता की मौत 1947 में छत्तीसगढ़ में हुई थी। इसके उपरांत धरती के सबस तेज़ जानवर को सन् 1952 में भारत से विलुप्त (Extinct) घोषित कर दिया गया।
- उल्लेखनीय है कि आईयूसीएन की रेड डाटा बुक में इसे सुभेद्य (Vulnarable) वर्ग में रखा गया है।
- भारत के वन्यजीवन संस्थान ने देहरादून में छः साल पहले ₹ 260 करोड़ की लागत से चीता के पुन: प्रवेश परियोजना तैयार की थी।
- उल्लेखनीय है नौरदेही अभयारण्य चीता के लिये सबसे उपयुक्त स्थलों में से एक है क्योंकि इसके कम घने जंगल तेज़ गति से दौड़ने के लिये अनुकूल हैं। इसके अलावा अभयारण्य में चीता के लिये शिकार भी बहुतायत मात्रा में उपलब्ध है।
- पूर्व कार्य-योजना के अनुसार लगभग 20 चीतों को अफ्रीका के नामीबिया से नौरदेही स्थानांतरित किया जाना था। गौरतलब है कि नामीबिया चीता संरक्षण कोष ने तब भारत को मादा चीता दान करने की इच्छा जाहिर की थी।
- पुनर्खरीद एक ऐसा तंत्र है जिसके माध्यम से एक सूचीबद्ध कंपनी बाज़ार से शेयर वापस खरीदती है। पुनर्खरीद को खुली बाज़ार खरीद या निविदा प्रस्ताव मार्ग के माध्यम से किया जा सकता है।
- खुले बाज़ार तंत्र के तहत कंपनी द्वितीयक बाज़ार से शेयरों की पुनर्खरीद करती है जबकि निविदा प्रस्ताव के तहत शेयरधारक पुनर्खरीद प्रस्ताव के दौरान अपने शेयरों की निविदा दे सकते हैं।
- ऐतिहासिक रूप से अधिकांश कंपनियों ने खुले बाज़ार मार्ग को प्राथमिकता दी थी।
कंपनियाँ क्यों करती है पुनर्खरीद?
- साधारण रूप में कोई भी कंपनी तभी पुनर्खरीद करती है जब उसके पास पर्याप्त नकद आरक्षित मौजूद होता है या उसे ऐसा प्रतीत होता है कि बाज़ार में उसके शेयर का सही मूल्य नहीं मिल पा रहा है।
- इस तंत्र को अपनाने के लिये कंपनी को सामान्य बैठक में विशेष प्रस्ताव पारित करने की आवश्यकता होती है। कोई कंपनी शेयरों की पुनर्खरीद के लिये अपनी कुल मुक्त आरक्षित (Free reserve) और भुगतान पूंजी (Paid-up capital) का अधिकतम 25% का ही उपयोग कर सकती है।
- हाल ही में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने पुनर्खरीद के नियमों में संशोधन किया है जो खुदरा निवेशकों को प्रस्ताव में उचित हिस्सा देता है और पुनर्खरीद प्रस्ताव में खुदरा शेयरधारकों के लिये 15% आरक्षण निर्धारित करता है।
लाभ
- चूँकि पुनः खरीदे गए शेयर समाप्त हो जाते हैं इसलिये प्रति शेयर पर होने वाली कमाई स्वतः बढ़ जाती है।
- शेयरधारकों को एक आकर्षक निकास विकल्प मिलता है, विशेषकर तब जब शेयरों का कारोबार कम-से-कम किया जाता है क्योंकि आमतौर पर पुनर्खरीद मौजूदा बाज़ार कीमत की तुलना में अधिक कीमत पर की जाती है।
- यह शेयरधारकों को पुरस्कृत करने के लिए एक तरीके के रूप में लाभांश से भी अधिक कर-कुशल है।
कमियाँ
- इसके बाद अधिमानी आवंटन (preferential allotment) शेयर जारी करने पर समयबद्ध सीमा भी आरोपित कर दी जाती है।
- एक कंपनी पुनर्खरीद बंद होने की अंतिम तारीख से एक वर्ष के भीतर दूसरा पुनर्खरीद प्रस्ताव नहीं दे सकती है।
बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी
- बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (BNHS) द्वारा ओडिशा के चिल्का झील के निकट चिल्का विकास प्राधिकरण (CDA) के आर्द्र्भूमि अनुसंधान एवं प्रशिक्षण केंद्र में एक क्षेत्रीय इकाई की शुरुआत की जाएगी।
- BNHS की क्षेत्रीय इकाई पक्षी प्रवासन और जल पक्षियों की गिनती तकनीकों पर स्वयंसेवकों के साथ वन्यजीव और CDA कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान करेगी।
- यह केंद्र नमूनों को इकट्ठा करके एवियन रोग पर शोध करेगा और नालाबाना पक्षी अभयारण्य की निगरानी करेगा।
- 1883 में स्थापित।
- मुंबई आधारित।
- BNHS पूरे देश में वैज्ञानिक अनुसंधान के आधार पर संरक्षण पर काम कर रहा एक अग्रणी गैर-सरकारी संगठन है।