प्रारंभिक परीक्षा
प्रीलिम्स फैक्ट्स : 27 जून, 2018
- 27 Jun 2018
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संयुक्त राष्ट्र एमएसएमई दिवस 27 जून, 2018
(UN MSME Day to be celebrated on 27th June 2018)
सूक्ष्म, लघु एवं मझौले उपक्रम (Ministry of Micro Small & Medium Enterprises - MSME) मंत्रालय द्वारा 27 जून, 2018 को संयुक्त राष्ट्र MSME दिवस के अवसर पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन (उद्यम संगम) का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने किया।
- इस सम्मेलन का उद्देश्य MSME आर्थिक प्रणाली के विभिन्न हितधारकों के बीच संवाद एवं साझेदारी को प्रोत्साहित करना तथा MSME संबंधित मुद्दों पर नवोन्मेषण को बढ़ावा देना एवं ज्ञान साझा करना है।
- इस अवसर पर राष्ट्रपति द्वारा मंत्रालय का सौर चरखा मिशन आरंभ किया गया। यह मिशन 50 क्लस्टर को कवर करेगा तथा प्रत्येक क्लस्टर 400 से 2000 कारीगरों को नियुक्त करेगा
- इस मिशन को भारत सरकार द्वारा अनुमोदित कर दिया गया है, इसके तहत MSME मंत्रालय कारीगारों को 550 करोड़ रुपए की सब्सिडी संवितरित करेगा।
- मंत्रालय का एक वेबसाइट भी लॉन्च किया गया, जो प्रतिभाओं के समूह तथा प्रशिक्षित श्रम शक्ति की मांग करने वाले उपक्रमों के बीच एक सेतु का काम करेगा। पिछले वर्ष MSME मंत्रालय के 18 अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी केंद्रों में लगभग डेढ़ लाख लोगों को प्रशिक्षित किया गया है।
- संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 6 अप्रैल, 2017 को आयोजित अपने 74वें पूर्ण अधिवेशन में सतत् विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने तथा सभी के लिये नवोन्मेषण एवं स्थायी कार्य को बढ़ावा देने में सूक्ष्म, लघु एवं मझौले आकार के उद्यमों के महत्व को स्वीकार करते हुए 27 जून को सूक्ष्म, लघु एवं मझौले आकार के उद्यमों का दिवस मनाए जाने की घोषणा की थी।
मद्यपान और मादक पदार्थों के दुरुपयोग की रोकथाम में उत्कृष्ट सेवाओं के लिये राष्ट्रीय पुरस्कार
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मद्यपान और मादक पदार्थों के दुरुपयोग की रोकथाम में उत्कृष्ट कार्य करने वाले संस्थानों और व्यक्तियों को चौथे अंतर्राष्ट्रीय मादक पदार्थ एवं तस्करी निषेध दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किये। पुरस्कार समारोह का आयोजन सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा किया गया था।
- सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय प्रत्येक वर्ष 26 जून को अंतर्राष्ट्रीय मादक पदार्थ और तस्करी निषेध दिवस मनाता है।
- केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2013 से मद्यपान और मादक पदार्थों के दुरुपयोग की रोकथाम में उत्कृष्ट सेवाएँ प्रदान करने वालों को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। 2014 तक ये पुरस्कार वार्षिक तौर पर प्रदान किये जाते थे। अब ये पुरस्कार द्विवार्षिक तौर पर प्रदान किये जाते हैं।
- इस पुरस्कार योजना के तहत मद्यपान और मादक पदार्थों के दुरुपयोग की रोकथाम के क्षेत्र में काम करने वाले संस्थानों और व्यक्तियों को पुरस्कृत किया जाता है। अब तक तीन बार राष्ट्रीय पुरस्कार वितरण समारोह सफलतापूर्वक संपन्न हो चुके हैं। पुरस्कार वितरण समारोह 26 जून, 2013; 26 जून, 2014 और 26 जून 2016 को संपन्न हुए।
- मादक पदार्थ उत्पादक म्यांमार-लाओस-थाईलैंड के गोल्ड ट्राएंगल और ईरान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान के गोल्डन क्रेसेंट कहे जाने वाले क्षेत्रों के बीच भारत की संवेदनशील भौगोलिक स्थिति के कारण मादक पदार्थों की अवैध तस्करी की समस्या और ज़्यादा चुनौतीपूर्ण हो गई है।
- सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने नशे की लत को छुड़ाने के लिये एक राष्ट्रीय स्तर की टोल फ्री हेल्पलाइन सेवा शुरू की है। 24 घंटे, सातों दिन काम करने वाली इस हेल्पलाइन सेवा से मादक पदार्थों के शिकार एवं उनके परिवारों तथा समाज को मदद प्रदान की जा रही है।
- मंत्रालय ने नशा उन्मूलन के क्षेत्र में काम करने वाले स्वयंसेवी संगठनों तथा गैर-सरकारी संगठनों को अनुदान प्रदान करने के लिये वित्त वर्ष 2014-15 में एक ऑनलाइन प्रणाली की शुरुआत की।
नासा करेगा सौरमंडल के सबसे बड़े ग्रह बृहस्पति पर लाल रंग के विशाल धब्बे का अध्ययन
बृहस्पति (Jupiter) पर देखे गए लाल रंग के विशाल धब्बे (Great Red Spot) का अध्ययन करने के लिये नासा के अत्याधुनिक टेलीस्कोप ‘जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप’ का प्रयोग किया जाएगा।
- इसकी सहायता से ग्रह की सतह पर पिछले 350 वर्षों से उठ रहे रहस्यपूर्ण तूफानों का अध्ययन करने में मदद मिलेगी।
- जेम्स वेब टेलीस्कोप के निर्माणकर्त्ता वैज्ञानिकों द्वारा इस दूरबीन के लक्ष्यों में बृहस्पति के विचित्र तूफानों को भी शामिल किया गया है।
- शोधकर्त्ताओं द्वारा वेब टेलीस्कोप की सहायता से बृहस्पति ग्रह के विशालकाय लाल रंग के धब्बे का मल्टीस्पेक्ट्रल नक़्शा तैयार किया जा सकेगा, साथ ही उसकी तापीय, रासायनिक एवं बादल संरचनाओं का विश्लेषण भी करने में मदद मिलेगी।
- वैज्ञानिक इस टेलीस्कोप की मदद से इंफ्रारेड तरंगदैर्ध्यों का पर्यवेक्षण करने में सक्षम होंगे जिससे यह ज्ञात हो सकेगा कि बृहस्पति के धब्बे का रंग लाल क्यों है।
- अब तक यह माना जाता रहा है कि बृहस्पति पर पे गए के धब्बे के लाल होने का कारण सूर्य की पराबैंगनी किरणों के विकिरण में उपस्थित नाइट्रोजन, सल्फर और फ़ास्फ़रोस युक्त रसायनों के बीच होने वाली अंतःक्रिया है।
- बृहस्पति पर दिखाई देने वाले इस धब्बे का अस्तित्व संभवतः 350 से भी अधिक वर्ष से है तथा वैज्ञानिकों द्वारा 1830 से इस धब्बे पर नज़र रखी जा रही है।
किफायती प्लास्टिक सेंसर करेगा बीमारियों की पहचान
सेमीकंडक्टर प्लास्टिक जिसका उपयोग अब तक केवल सोलर सेल में किया जाता था अब यह चिकित्सकीय कार्यों में भी सहायक होगा। वैज्ञानिकों ने सेमीकंडक्टर (अर्धचालक) प्लास्टिक का इस्तेमाल कर एक किफायती सेंसर विकसित किया है।
- इसकी मदद से सर्जरी में आने वाली समस्याओं और न्यूरोडिजेनेरेटिव बीमारियों समेत कई रोगों की पहचान और रोकथाम की जा सकेगी।
- पहली बार चिकित्सकीय कार्यों में शामिल किये जाने वाले इस सेंसर की कीमत काफी कम है क्योंकि इस सेंसर में किसी महँगी धातु का इस्तेमाल नहीं किया गया है।
- यह सेंसर मेटाबॉल्जिम के लिये ज़रूरी मेटाबोलाइट जैसे -लैक्टेट व ग्लूकोज़ आदि की मात्रा को माप सकता है। लैक्टेट व ग्लूकोज़ मुख्यत: पसीने, आंसू, सलाइवा और रक्त में पाए जाते हैं। इनकी मात्रा का पता लगाने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का शीघ्र पता लगाया जा सकेगा तथा बेहतर निदान प्रदान किया जा सकेगा।
- फिलहाल इस सेंसर का उपयोग लैक्टेट की मात्रा मापने में किया गया है। लैक्टेट का पता लगने से सर्जरी कराने वाले मरीज़ों के स्वास्थ्य की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
- कैंब्रिज यूनिवर्सिटी की शोधकर्त्ता एना मारिया के अनुसार, इसे अन्य मेटाबोलाइट्स जैसे- ग्लूकोज़ व कोलेस्ट्रॉल आदि की पहचान करने के लिये भी आसानी से संशोधित किया जा सकता है।