प्रीलिम्स फैक्ट्स : 27 जनवरी, 2018
विश्व ऊर्जा और पर्यावरण सम्मेलन
- विश्व ऊर्जा और पर्यावरण परिषद (World Energy and Environment Council) द्वारा बहरीन में 5वें विश्व ऊर्जा और पर्यावरण सम्मेलन और प्रदर्शनी (World Energy and Environment Conference and Exhibition), 2018 का आयोजन किया गया।
- इस सम्मेलन के अंतर्गत ऊर्जा एवं पर्यावरण संरक्षण के संबंध में वैश्विक स्तरीय बहस, संवाद और सहयोग हेतु चर्चाएँ की गई।
सम्मेलन की थीम
- इस सम्मेलन की थीम थी- ‘संक्रमण काल में स्वच्छ, नवीकरणीय ऊर्जा की ओर स्थानांतरण’ (Shifting to Clean, Renewable Energy in Time of Transition)
विश्व ऊर्जा और पर्यावरण सम्मेलन
- विश्व ऊर्जा और पर्यावरण सम्मेलन पर्यावरण से संबंधित गंभीर मुद्दों और स्वच्छ एवं नवीकरणीय ऊर्जा के रूप में ऊर्जा के स्थानातंरण संबंधी चुनौतियों का सामना करने के संदर्भ में विचार-विर्मश करने वाला एक वैश्विक मंच है।
- इसके अंतर्गत ऊर्जा नीति, टिकाऊ रणनीतियों, सतत् संसाधनों के विकास और सतत् आर्थिक विकास की संवृद्धि के संबंध में ध्यान केंद्रित करने पर विशेष बल दिया गया है।
- विश्व ऊर्जा और पर्यावरण सम्मेलन का उद्देश्य उपरोक्त के संदर्भ में विनिर्दिष्ट कानूनों और विनियमों के पालन हेतु बेहतर विचार प्राप्त करने के लिये विश्व की सरकारों, उनके नेताओं और नीति-निर्माताओं को अपने दायित्वों के लिये प्रतिबद्ध बनाना है ताकि इस क्षेत्र में प्रभावी कार्यवाही की जा सके।
- इस संदर्भ में देश की सरकारों के साथ-साथ निजी क्षेत्रों से पर्याप्त सहयोग और भागीदारी की आशा व्यक्त की गई है ताकि पर्यावरण संरक्षण एवं स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में प्रभावकारी कार्य किया जा सके।
एनर्जी ग्लोब वर्ल्ड अवार्ड (Energy Globe World Award)
हाल ही में कलिंग इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज़ (Kalinga Institute of Social Sciences -KISS) को 18वें एनर्जी ग्लोब वर्ल्ड अवार्ड (Energy Globe World Award), 2017 से सम्मानित किया गया। इस अवार्ड को पाने वाला यह भारत का एकमात्र संगठन है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु
- इस संस्थान को हरित पहलों के संदर्भ में 'फायर' श्रेणी (बड़े पैमाने पर खाना पकाने के लिये पारिस्थितिक पदचिह्न को कम करने संबंधी) के अंतर्गत पुरस्कृत किया गया है।
- एनर्जी ग्लोब फाउंडेशन (Energy Globe Foundation) द्वारा 1999 में स्थापित ‘एनर्जी ग्लोब वर्ल्ड अवार्ड’ पर्यावरण के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार है।
- इसके अंतर्गत आर्थिक उपयोग हेतु संसाधनों के सावधानीपूर्वक प्रयोग तथा वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों के संबंध में आरंभ की गई परियोजनाओं की पहचान की जाती है।
- भारत, थाईलैंड और स्पेन को 'फायर' श्रेणी के अंतिम दौर के लिये चुना गया था। संपूर्ण मूल्यांकन के बाद उच्च-स्तरीय जूरी ने KISS को अंतिम विजेता घोषित किया।
- KISS ने बायोगैस संयंत्र, भाप-आधारित खाना पकाने की प्रणाली, सोलर हीटिंग सिस्टम और वर्षा जल संरक्षण प्रणाली (Rainwater Conservation System) के माध्यम से 27,000 छात्रों के लिये भोजन बनाने की प्रक्रिया का आधुनिकीकरण किया है।
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ऑपरेशन ओलिव ब्रांच (Operation Olive Branch)
- हाल ही में इस्लामिक स्टेट के विरुद्ध जंग में एक अहम् किरदार निभाने वाले कुर्दिश समूह को ‘आतंकी समूह’ करार देते हुए तुर्की के राष्ट्रपति द्वारा ऑपरेशन ओलिव ब्रांच की घोषणा की गई।
- तुर्की की फौज ने कुर्दिश पीपल्स प्रोटेक्शन यूनिट्स (People’s Protection Units-YPG) के विरुद्ध युद्ध की घोषणा करते हुए सीरिया के अफ्रिन (Afrin) शहर पर हमला बोल दिया है।
- कुर्दिश समूह के विरुद्ध युद्ध की तुर्की ने कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं की है।
हमले का कारण
- तुर्की द्वारा कुर्दिश समूह को एक आतंकी समूह करार दिया गया है।
- तुर्की द्वारा अचानक लिये गये इस निर्णय का मुख्य कारण अमेरिका द्वारा कुर्दिश बॉर्डर सिक्यूरिटी फोर्स के गठन की घोषणा करना है।
- इसमें कुर्दिश पीपल्स प्रोटेक्शन यूनिट्स (People’s Protection Units-YPG) को भी शामिल करने की बात कही गई है।
- तुर्की सीरियाई कुर्दिश समूह YPG को एक आतंकवादी संगठन मानता है और गैर-कानूनी संगठन कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (PKK) का ही विस्तार मानता है जो तुर्की में कुर्दिश स्वायत्तता के लिये युद्धरत है।
ऑपरेशन ओलिव ब्रांच का उद्देश्य
- तुर्की द्वारा इस ऑपरेशन को आरंभ करने का उद्देश्य YPG से संबद्द लगभग 8,000 से 10,000 विद्रोहयों के समूह को बाहर खदेड़ कर अफ्रिन शहर के पश्चिम से लेकर सीरिया की सीमा से सटे तुर्की शहर मंजिब तक एक 30 किलोमीटर लंबे सुरक्षित ज़ोन का निर्माण करना है।
- इस सुरक्षित ज़ोन को स्थापित करने का मूल उद्देश्य न केवल तुर्की की इस्लामिक स्टेट से रक्षा करना है बल्कि भविष्य के संदर्भ में तुर्की को कुर्दिश समूह से भी सुरक्षा प्रदान करना है।
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वर्ष 2016 के प्रधानमंत्री श्रम पुरस्कार घोषित
भारत सरकार ने 25 जनवरी को वर्ष 2016 के लिये प्रधानमंत्री श्रम पुरस्कारों की घोषणा की है। ये पुरस्कार विभागीय उपक्रमों, केन्द्र और राज्य सरकारों के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों तथा निजी क्षेत्र की इकाइयों में कार्यरत 50 श्रमिकों को प्रदान किए जाएंगे।
महत्त्वपूर्ण बिंदु
- इन पुरस्कारों हेतु चयन उन्हीं उपक्रमों से किया जाता है जिनमें 500 या उससे ज्यादा श्रमिक कार्यरत हों।
- हालाँकि, इस वर्ष प्रदान किये जाने वाले श्रम पुरस्कारों की कुल संख्या 32 है, लेकिन 3 महिलाओं सहित 50 श्रमिक ये पुरस्कार प्राप्त करेंगे। इनमें सार्वजनिक क्षेत्र के 34 श्रमिक और निजी क्षेत्र के 16 श्रमिक शामिल हैं।
- श्रम पुरस्कार चार श्रेणियों में प्रदान किये जाते हैं, जो कि निम्नलिखित है:
► श्रम रत्न पुरस्कार : 2,00,000 रुपए नकद और एक सनद (प्रमाण-पत्र) दिया जाता है। ► श्रम भूषण पुरस्कार : 1,00,000 रुपए का नकद पुरस्कार और एक सनद दिया जाता है। ► श्रम वीर/श्रम वीरांगना पुरस्कार : 60 हज़ार रुपए नकद और एक सनद दिया जाता है। ► श्रम श्री/श्रम देवी पुरस्कार : 40,000 रुपए नकद और एक सनद प्रदान किया जाता है।
- इस वर्ष प्रतिष्ठित श्रम रत्न पुरस्कार के लिये किसी भी नामांकन को उपयुक्त नहीं पाया गया।
- ये पुरस्कार 500 या ज्यादा संख्या वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, केन्द्र और राज्य सरकार के विभागीय उपक्रमों तथा निजी क्षेत्र की इकाइयों से श्रमिकों का चयन करके उनके असाधारण कार्यों, नवोन्मेष क्षमता, उत्पादकता के क्षेत्र में उनके उल्लेखनीय योगदान और अत्यधिक साहस दिखाने तथा चौकस रहने के लिये दिए जाते हैं।
- श्रम और रोजगार मंत्रालय हर वर्ष प्रधानमंत्री श्रम पुरस्कारों की घोषणा करता है। इसके अतिरिक्त मंत्रालय द्वारा विश्वकर्मा राष्ट्रीय पुरस्कार और राष्ट्रीय सुरक्षा पुरस्कार भी दिये जाते है।
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