इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स : 26 जून, 2018

  • 26 Jun 2018
  • 10 min read

'रानी रश्मोनी'
(Rani Rashmoni)

हाल ही में भारतीय तट रक्षक 'रानी रश्मोनी' के पाँच फास्ट पेट्रोल वेसल (Fast Patrol Vessel-FPV) प्रोजेक्ट में से अंतिम वेसल को भारतीय तट रक्षक (Indian Coast Guard) में कमीशन किया गया। यह FPV स्वदेशी रूप से हिंदुस्तान शिपयार्ड द्वारा निर्मित है।

  • FPV उन्नत सेंसर और अत्याधुनिक उपकरणों से लैस है। इसके साथ-साथ यह निगरानी, हस्तक्षेप, खोज एवं बचाव, संचालन आदि जैसे बहुत-से कार्यों को करने में भी सक्षम है।
  • रोल्स रॉयस कामवे जेट्स (Rolls Royce Kamewa jets) के साथ-साथ 51 मीटर लंबे  इस जहाज़ को तीन एमटीयू 4,000 श्रृंखला के डीजल इंजनों द्वारा संचालित किया जाएगा।
  • इसके अतिरिक्त अन्य सुविधाओं में एकीकृत पुल सिस्टम, मशीनरी कंट्रोल सिस्टम, इन्फ्रा-रेड कम्युनिकेशन सिस्टम और अग्नि नियंत्रण प्रणाली के साथ-साथ नौसेना में एक सीआरएन 91 बंदूक को भी शामिल किया गया है।

इस प्रोजेक्ट के अन्य जहाज निम्नलिखित हैं:

  • अब तक आईसीजीएस रानी अब्बाका, आईसीजीएस रानी अवंती बाई, आईसीजीएस रानी दुर्गावती और आईसीजीएस रानी गैदिन्लिउ (Gaidinliu) को कमीशन किया गया है ये सभी जहाज़ देश के पूर्वी समुद्र तट पर विभिन्न स्थानों पर सक्रिय हैं।

तैयब एर्दोगन दूसरी बार तुर्की के राष्ट्रपति निर्वाचित

एक बार फिर से तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन ने जीत हासिल कर ली है। एर्दोगन पिछले 15 वर्षों से सत्ता पर काबिज हैं।

तुर्की में संविधानिक सुधारों का प्रभाव

  • जनमत संग्रह के परिणामस्वरुप पहली बार तुर्की में राष्ट्रपति एवं संसदीय चुनाव कराए गए।
  • इन सुधारों के तहत देश में प्रधानमंत्री पद को समाप्त करते हुए सभी फैसले लेने का अधिकार राष्ट्रपति को दिया गया है। तुर्की के अंतिम प्रधानमंत्री बिनाली यिल्दरिम थे।
  • देश के मुख्य न्यायाधीश को चुनने का अधिकार राष्ट्रपति के पास होगा। इतना ही नहीं राष्ट्रपति को न्यायिक प्रक्रिया में अपना निर्णय देने का भी अधिकार होगा।
  • राष्ट्रपति का शासनकाल पाँच साल का होगा और वह अधिकतम दो कार्यकाल तक यह पद धारण कर सकेगा।
  • राष्ट्रपति अपने अधीन एक या उससे अधिक उप-राष्ट्रपति रख सकता है।
  • राष्ट्रपति को देश में आपातकाल लागू करने का पूरा अधिकार होगा।
  • यहाँ सबसे रोचक बात यह है कि तुर्की को यूरोपियन यूनियन में भी शामिल किया जा सकता है।

लिबोर

अर्थव्यवस्था में विकास दर, महँगाई दर और एक्सचेंज दर की तरह ब्याज दरों की भी बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। ऐसी ही एक महत्त्वपूर्ण ब्याज दर है लिबोर, यह  अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में प्रचलित एक ब्याज दर है। लंदन का इंटर-बैंक एक थोक बाज़ार की तरह काम करता है। यहाँ बैंक जिस ब्याज दर पर एक-दूसरे से उधार लेते हैं, उसे लिबोर अर्थात् लंदन इंटर-बैंक ऑफर्ड रेट (london inter-bank offered rate) कहते हैं। 

  • वस्तुतः लिबोर ब्याज दरों के संबंध में एक बेंचमार्क का काम करती है। यह दर इतनी अधिक महत्त्वपूर्ण है कि दुनिया भर में अलग-अलग करेंसी में करीब 350 लाख करोड़ डॉलर कीमत के फाइनेंशियल प्रोडक्ट जैसे- कॉरपोरेट लोन से लेकर क्रेडिट कार्ड, मॉर्टगेज से लेकर सेविंग अकाउंट और इंटरेस्ट रेट स्वैप्स की रेफरेंस दर लिबोर ही होती है।
  • इसमें से तकरीबन 200 लाख करोड़ डॉलर के फाइनेंशियल प्रोडक्ट डॉलर में होते हैं। यही कारण है कि लिबोर में मामूली उतार-चढ़ाव आने से मनी मार्केट में अरबों का नफा-नुकसान हो जाता है। चूँकि डॉलर विश्व की सबसे महत्त्वपूर्ण करेंसी है, इसलिये डॉलर लिबोर सर्वाधिक प्रचलित ब्याज दर है।

लिबोर को कैसे तय किया जाता है?

  • लंदन के इंटर-बैंक बाज़ार में प्रत्येक कारोबारी दिवस को (सार्वजनिक अवकाश को छोड़कर) सुबह 11 बजे से 16 बड़े बैंक आइसीई बैंचमार्क एडमिनिस्ट्रेशन के तत्त्वावधान में एक मंच पर आते हैं और यह सूचित करते हैं कि वे एक-दूसरे से किस ब्याज दर पर उधार लेने को तैयार हैं।
  • ये बैंक 5 करेंसी (डॉलर, यूरो, पौंड, येन व स्विस फ्रेंक) के लिये 7 अवधियों (ओवरनाइट, एक सप्ताह, एक माह, दो माह, तीन माह, छह माह व एक साल) में उधार संबंधी अलग-अलग ब्याज दरें तय करते हैं।
  • उदाहरण के तौर पर, यदि किसी बैंक को डॉलर उधार में लेने हैं तो वह यह स्पष्ट करेगा कि एक सप्ताह या एक माह या एक साल की अवधि के लिये निर्धारित डॉलर राशि उधार लेने के लिये वह कितनी ब्याज दर चुकाने को तैयार है। अन्य 4 करेंसी उधार लेने के संबंध में भी बैंक को यही तरीका अपनाना होता है।
  • बैंकों द्वारा अपनी-अपनी ब्याज दरें स्पष्ट की जाती हैं उसके बाद उन सभी दरों में से 4 उच्चतम तथा 4 न्यूनतम दरों को अलग कर बाकी बची दरों का एक औसत निकाला जाता है।
  • औसत निकालने के बाद प्रत्येक करेंसी के संबंध में 7 अवधियों के लिये सात अलग-अलग ब्याज दरें तय की जाती हैं। चूँकि यही प्रक्रिया सभी पाँचों करेंसी (डॉलर, यूरो, पौंड, येन व स्विस फ्रेंक) के लिये दोहराई जाती है, इसलिये कुल 35 अलग-अलग ब्याज दरें तय की जाती हैं। इन सभी को एक रूप में लिबोर कहा जाता हैं।

गौहर जान

गूगल ने प्रसिद्ध भारतीय गायिका एवं नृत्यांगना गौहर खान (इन्हें गौहर जान के नाम से भी जाना जाता है) को उनके 145वें जन्मदिन पर डूडल बनाकर श्रद्धांजलि दी है। गौहर खान का जन्म 26 जून, 1873 को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ ज़िले में हुआ था। द ग्रामोफोन कंपनी ऑफ इंडिया द्वारा प्रदत्त जानकारी के अनुसार, वह भारत में 78 आरपीएम (78 rpm) पर संगीत रिकॉर्ड करने वाली पहली महिला कलाकार थीं। उनके प्रसिद्ध गीतों में “मोरा नाहक लाए गवनवा” और “रस के भरे तोरे नैन ..” शामिल हैं।

  • गौहर जान का जन्म एक ईसाई परिवार में हुआ था। उनका नाम एंजेलिना योवर्ड था। गौहर के दादा ब्रिटिश थे, जबकि दादी हिंदू थीं। उनके पिता का नाम विलियम योवर्ड और माँ का नाम विक्टोरिया था। गौहर की माँ भी एक प्रशिक्षित गायिका और नृत्यांगना थीं।
  • दुर्भाग्य से उनके माता-पिता की शादी सफल नहीं रही और 1879 में उनका तलाक हो गया, उस समय एंजेलिना केवल 6 वर्ष की थीं।
  • इसके बाद विक्टोरिया ने कलकत्ता निवासी मलक जान से शादी कर इस्लाम धर्म कबूल कर लिया। यहीं से एंजेलिना गौहर जान बन गई।
  • गौहर जान ने नृत्य और गायन की प्रारंभिक शिक्षा अपनी माँ से ग्रहण की। उन्होंने रामपुर के उस्ताद वज़ीर खान और कलकत्ता के प्यारे साहिब से गायन की शिक्षा प्राप्त की।
  • 13 वर्ष की आयु में बलात्कार की शिकार हुई गौहर ध्रुपद, खयाल, ठुमरी और बंगाली कीर्तन में पारंगत थीं।
  • गौहर की कहानी को लेखक विक्रम संपथ ने किताब का रूप देकर 'माई नेम इज गौहर जान' के नाम से प्रकाशित कराया।
  • उन्होंने करीब 600 गीत रिकॉर्ड किये। गौहर के विषय में सबसे रोचक बात यह है कि वह दक्षिण एशिया की पहली गायिका थीं जिनके गाने ग्रामाफोन कंपनी ने रिकॉर्ड किये थे।
  • 1902 से 1920 के बीच 'द ग्रामोफोन कंपनी ऑफ इंडिया' ने गौहर के हिन्दुस्तानी, बांग्ला, गुजराती, मराठी, तमिल, अरबी, फारसी, पश्तो, अंग्रेज़ी और फ्रेंच गीतों के करीब छह सौ डिस्क निकाले थे।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2