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शासन व्यवस्था

प्रीलिम्स फैक्ट्स : 26 मई, 2018

  • 26 May 2018
  • 11 min read

5वाँ भारत-सीएलएमवी व्यवसाय सम्मेलन
(5th India CLMV Business Conclave)

भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने कम्बोडिया के वाणिज्य मंत्रालय के साथ मिलकर 21-22 मई, 2018 को नोम पेन्ह, कम्बोडिया में 5वें भारत-सीएलएमवी (कम्बोडिया, लाओस, म्याँमार, वियतनाम) व्यवसाय सम्मेलन का आयोजन किया। इस क्षेत्र से बेहतर प्रतिभागिता के लिये भारत में व्यवसाय सम्मेलन के चार सत्रों के बाद यह पहल भारत सरकार के वाणिज्य विभाग द्वारा कम्बोडिया में की गई।

  • इस कार्यक्रम में भारतीय उद्योग परिसंघ (Confederation of Indian Industry - CII) संस्थागत साझेदार है।

अध्यक्षता

  • 5वें भारत-सीएलएमवी सम्मेलन के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता कम्बोडिया के उप-प्रधानमंत्री ने की और इसमें भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री सुरेश प्रभु उपस्थित थे।
  • इस अवसर पर कम्बोडिया, म्याँमार, वियतनाम और लाओस पीडीआर के वाणिज्य और उद्योग तथा व्यापार मंत्री भी उपस्थित थे।
  • भारत, कम्बोडिया, म्याँमार, वियतनाम और लाओस के लगभग 400 मंत्रिस्तरीय और व्यावसायिक प्रतिनिधि उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए।

प्रमुख बिंदु

  • भारतीय व्यवसाय प्रमुखों से सीएलएमवी क्षेत्र में अधिक निवेश करने का आग्रह करते हुए भारतीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री ने कहा कि यह पूरे एशियाई देशों का प्रवेश द्वार है और इससे भारत की इन देशों के बड़े बाज़ारों तक पहुँच सुनिश्चित होगी।
  • भारत और सीएलएमवी देशों के साथ द्विपक्षीय व्यवसाय और व्यापारिक संबंधों को संस्थागत बनाने के लिये भारत के वाणिज्य मंत्री ने CII और कम्बोडिया के वाणिज्य परिसंघ के बीच संस्थागत साझेदारी के लिये भारत-कम्बोडिया वाणिज्य परिसंघ स्थापित करने का प्रस्ताव किया।
  • उन्होंने वियतनाम और लाओस में भी इसी प्रकार के द्विपक्षीय व्यवसाय फोरम स्थापित करने का प्रस्ताव रखा।
  • श्री सुरेश प्रभु ने भारत-सीएलएमवी व्यवसाय सम्मेलन और अगले वर्ष से प्रति वर्ष होने वाली भारत-सीएलएमवी व्यवसाय प्रदर्शनी के आयोजन के लिये सहायता कोष को भी बढ़ाने की घोषणा की। इससे इन देशों के व्यापारियों और निर्यातकों के बीच संबंध और सुदृढ़ होंगे।

भुवनेश्‍वर में क्लाउड सक्षम डेटा सेंटर 

राष्‍ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (National Informatics Centre- NIC) ने भुवनेश्‍वर में एक नए अत्‍याधुनिक क्लाउड सक्षम राष्‍ट्रीय डेटा सेंटर की स्‍थापना की है। यह डेटा सेंटर सरकार और इसके विभागों के ई-गवर्नेंस एप्लिकेशन्‍स के लिये सुरक्षित होस्टिंग के साथ 24x7 परिचालन की पेशकश करेगा।
इसमें एकीकृत एवं साझा बुनियादी ढाँचे का उपयोग किया गया है, जो इतना लचीला है कि यह आसानी से बुनियादी ढाँचागत आवश्‍यकताओं के अनुरूप कार्यरत हो सकता है और इसके साथ ही यह भावी तकनीकी संवर्द्धन, वितरित एप्लीकेशंस के साथ-साथ उन क्‍लाउड आधारित एप्लीकेशंस को भी समायोजित कर सकता है, जो मांग पर उपलब्‍ध होते हैं।

  • NIC द्वारा स्‍थापित डेटा केंद्रों से डेटा सेंटर एवं क्‍लाउड सेवाएँ मुहैया कराई जा रही हैं।
  • भुवनेश्‍वर स्थित आईसीटी इन्‍फ्रास्ट्रक्चर (ICT Infrastructure) को सॉफ्टवेयर आधारित आईसीटी इन्‍फ्रास्ट्रक्चर (software defined ICT Infrastructure) के ज़रिये मॉड्यूलर तरीके से सक्रिय किया जाएगा।
  • इससे क्‍लाउड पर सेवाएँ मुहैया कराने में आसानी होगी और यह NIC की राष्‍ट्रीय क्‍लाउड सेवाओं को भी एकीकृत करेगा।

इस नेशनल क्‍लाउड सर्विसेज से निम्‍नलिखित लाभ प्राप्त होंगे :

  • एप्लीकेशंस की आसान उपलब्‍धता और उनकी त्‍वरित तैनाती सुनिश्चित करने के लिये मांग पर आईसीटी बुनियादी ढाँचे तक पहुँच संभव हो सकेगी।
  • व्‍यापक आर्थिक स्‍तर हासिल करने के लिये आईसीटी बुनियादी ढाँचे को साझा करने हेतु सेवा उन्‍मुख दृष्टिकोण।
  • कंप्यूटिंग संसाधनों को साझा करने के लिये किफायती, सेवा उन्‍मुख दृष्टिकोण। 

लैंडिंग क्राफ्ट यूटीलिटी एमके-IV
(Landing Craft Utility MK-IV)

MK-IV

वाइस एडमिरल जी.एस. पब्बी ने पोर्ट ब्लेयर में IN LCU L54  जहाज़ को भारतीय नौसेना के बेड़े में शामिल किया। भारतीय नौसेना में शामिल किया गया IN LCU L54  चौथा लैंडिंग क्राफ्ट यूटीलिटी (Landing Craft Utility - LCU) Mk-IV श्रेणी का जहाज़ है।

  • जहाज़ का डिज़ाइन देश में ही तैयार किया गया है और इसका निर्माण गार्डन रीच शिपबिल्डर एंड इंजीनियर्स, कोलकाता (Garden Reach Shipbuilders and Engineers, Kolkata) ने किया है। एल-54 देश की डिज़ाइन और जहाज़ निर्माण क्षमता का शानदार उदाहरण है।
  • LCU MK-IV एक महत्त्‍वाकांक्षी जहाज़ है, जिसकी प्राथमिक भूमिका परिवहन और मुख्‍य युद्धक टैंक, सशस्‍त्र वाहनों, सैन्य टुकड़ियों और उपकरणों की जहाज़ से तट तक तैनाती करना है।
  • ये जहाज़ अंडमान और निकोबार कमान (Andaman and Nicobar Command) में हैं, इन्‍हें समुद्र तट के अभियानों, तलाशी एवं बचाव, आपदा राहत अभियानों, आपूर्ति और लदान तथा दूर-दराज़ के द्वीपों से लोगों को बाहर निकालने जैसे कई अभियानों में तैनात किया जा सकता है।

महिला उद्यमिता प्‍लेटफॉर्म को बढ़ावा देंगे सुशांत सिंह राजपूत

नीति आयोग के मुख्‍य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) श्री अभिताभ कांत की उपस्थिति में नीति आयोग की सलाहकार (उद्योग) सुश्री अन्‍ना रॉय ने अभिनेता और उद्यमी श्री सुशांत सिंह राजपूत के साथ अपनी महत्त्‍वपूर्ण पहल महिला उद्यमिता प्‍लेटफॉर्म (Women Entrepreneurship Platform - WEP) के सहयोग एवं समर्थन के आशय पत्र पर हस्‍ताक्षर किये।

  • नीति आयोग ने हमेशा सरकार की विभिन्‍न नीतियों तक युवाओं की पहुँच बनाने और उन्‍हें इनके साथ जोड़ने के महत्त्‍व पर बल दिया है। अपने कार्यों से और युवा आदर्श के रूप में श्री सुशांत सिंह राजपूत ऊर्जावान लोगों को देश की वर्तमान विकास गाथा में शामिल करेंगे।
  • WEP के दूत के तौर पर इस साझेदारी से देश की महिलाओं के लिये ऊर्जावान उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र के अनुकूल वातावरण तैयार होने से अभियान को बल मिलेगा। WEP में पहले से ही 1,000 से अधिक महिला उद्यमी शामिल हैं।
  • नीति आयोग महिला उद्यमिता मंच और सरल डिजिटल भुगतान एप भीम शुरू कर नकदी रहित अर्थव्‍यवस्था में क्रांति लाने के ज़रिये देश की लाखों महिलाओं को सशक्‍त करने का असाधारण कार्य कर रहा है।
  • श्री राजपूत नीति आयोग के डिजिटल भुगतान अभियान का भी प्रचार करेंगे, जिससे देश नकदी रहित अर्थव्‍यवस्‍था में परिवर्तित होगा।
  • अभिनेता महिला उद्यमिता प्‍लेटफॉर्म का प्रचार करने तथा भीम (Bharat Interface for Money-BHIM) एप के उपयोग को बढ़ावा देने के नीति आयोग के विभिन्‍न वीडियो, प्रिंट और सोशल मीडिया के अभियानों में नज़र आएंगे।
  • वे भारत परिवर्तनकारी महिला पुरस्‍कार (Women Transforming India Awards), 2018 का प्रचार करने में भी नीति आयोग की सहायता करेंगे। इस वर्ष के पुरस्‍कार का विषय ‘महिलाएँ और उद्यमिता’ (Women and Entrepreneurship) है।

महिला उद्यमिता प्‍लेटफॉर्म 

  • नीति आयोग के महिला उद्यमिता प्‍लेटफॉर्म को 8 मार्च, 2018 को अंतर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर शुरू किया गया था।
  • इस पहल का उद्देश्‍य महिलाओं की उद्यमिता क्षमताओं को समझकर, नवाचार की पहलों को बढ़ावा देकर उनके कारोबार के लिये लंबी अवधि की स्‍थायी रणनीति तैयार कर देशभर में महिलाओं के लिये पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है।
  • इसका लक्ष्‍य उद्योग सहयोग में सहायक नेटवर्क, साझेदारियों, सलाहकारों और साथियों-से-साथियों के संपर्क के ज़रिये ऊर्जावान उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र को सशक्‍त बनाना है।
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