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प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स : 25 मई, 2018

  • 25 May 2018
  • 10 min read

नारी शक्ति पुरस्‍कार 2017

केंद्रीय महिला व बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका संजय गांधी ने आईएनएसवी तारिणी की टीम को प्रतिष्ठित नारी शक्ति पुरस्‍कार 2017 प्रदान किया। तारिणी टीम की सभी सदस्‍य महिलाएँ हैं। टीम सदस्‍य, लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी, लेफ्टिनेंट कमांडर प्रतिभा जामवाल, लेफ्टिनेंट कमांडर स्‍वाति पतरपल्‍ली, लेफ्टिनेंट ऐश्‍वर्या वोडापट्टी, लेफ्टिनेंट एस. एच. विजया देवी तथा लेफ्टिनेंट पायल गुप्‍ता ने मंत्री महोदया से पुरस्‍कार ग्रहण किया।

  • राष्‍ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने अंतर्राष्‍ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च, 2018) के अवसर पर राष्‍ट्रपति भवन में नारी शक्ति पुरस्‍कार प्रदान किये थे। चूँकि आईएनएसवी तारिणी टीम सागर परिक्रमा की यात्रा पर थी इसलिए उस समय उन्हें पुरस्‍कार नहीं दिये जा सके।

‘तारिणी’ अभियान

  • भारतीय नौसेना नौवहन पोत ‘तारिणी’ का चालक दल भारतीय नौसेना के विशिष्‍ट परियोजना ‘नाविका सागर परिक्रमा’ का एक हिस्‍सा है जिसकी सभी सदस्‍य महिलाएँ होती हैं।
  • इस परियोजना के तहत सागर की परिक्रमा की जाती है, समुद्री नौवहन गतिविधियों को प्रोत्‍साहित किया जाता है तथा महिला सशक्तीकरण के लिये भारत सरकार की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया जाता है।
  • चालक दल के प्रत्‍येक सदस्‍य को कम-से-कम 20,000 समुद्री मील नौकायन का अनुभव प्राप्‍त है।
  • चालक दल ने स्‍वेदशी तकनीक से निर्मित आईएनएसवी तारिणी का उपयोग किया जो 55 फुट लंबा नौवहन पोत है।
  • इस परियोजना का लक्ष्‍य विश्‍व मंच पर नारी शक्ति को प्रदर्शित करना है। स्‍वदेशी तकनीक से निर्मित आईएनएसवी तारिणी के माध्‍यम से ‘मेक इन इंडिया’ पहल को भी प्रदर्शित किया गया।
  • महिला चालक दल का नेतृत्‍व लेफ्टिनेंट कमांडर वर्तिका जोशी ने किया तथा सागर परिक्रमा की इस यात्रा का संचालन किया। इस यात्रा में कुल 254 दिन लगे। इनमें से 199 दिन समुद्र में बिताए गए और 21600 समुद्री मील की दूरी तय की गई।

सूर्य किरण XIII

भारत और नेपाल उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में 30 मई से 12 जून, 2018 तक संयुक्‍त सैन्‍य अभ्‍यास सूर्य किरण-XIII में भाग लेंगे। सैन्‍य अभ्‍यास में दोनों देशों के करीब 300 जवान हिस्‍सा लेंगे। इस दौरान सैनिक आपस में अपने अनुभवों को साझा करेंगे।

  • सूर्य किरण सैन्‍य अभ्‍यास साल में दो बार होता है, जो कि क्रमबद्ध रूप से दोनों ही देशों में आयोजित होता है।
  • भारत कई देशों के साथ प्रशिक्षण अभ्‍यासों में भाग लेता है, लेकिन सैनिकों की संख्‍या के लिहाज़ से सूर्य किरण सैन्‍य अभ्‍यास सबसे बड़ा होता है।
  • सूर्य किरण सैन्‍य अभ्‍यास का उद्देश्‍य संयुक्‍त रूप से पहाड़ी क्षेत्र में आतंकवादरोधी अभियानों को ध्‍यान में रखकर जवानों को प्रशिक्षित करना है।
  • इस सैन्‍य अभ्‍यास के दौरान दोनों ही देशों की सेनाओं के जवान विभिन्‍न जवाबी कार्रवाइयों और आतंकवादरोधी अभियानों से जुड़े अपने पूर्व के अनुभवों को साझा करेंगे।
  • संयुक्‍त सैन्‍य अभ्‍यास से दोनों देशों के बीच रक्षा क्षेत्र में सहयोग बढ़ेगा और द्विपक्षीय संबंध सुदृढ होंगे।

क्लेरिवेट एनालिटिक्स इंडिया इनोवेशन पुरस्कार, 2018 
(Clarivate Analytics India Innovation Award 2018)

वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (Council of Scientific & Industrial Research-CSIR) को सरकारी अनुसंधान संगठन वर्ग में क्लेरिवेट एनालिटिक्स इंडिया इनोवेशन पुरस्कार, 2018 प्रदान किया गया है। इस पुरस्‍कार ने एक बार फिर से शीर्ष नवोन्‍मेषक के रूप में CSIR को सम्‍मानित किया है।

क्लेरिवेट एनालिटिक्स पुरस्कार

  • प्रत्येक वर्ष क्‍लेरिवेट एनालिटिक्‍स, जो पहले थॉमसन रॉयटर्स का आईपी एवं विज्ञान प्रभाग था, भारत में पेटेंट संबंधित मापकों के अनुसार सर्वाधिक नवोन्‍मेषी कंपनियों को सम्‍मानित करता है।
  • यह विश्‍लेषण क्‍लेरिवेट एनालिटिक्‍स के आँकड़ों एवं माध्‍यमों के उपयोग के द्वारा किया जाता है।

वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद

  • CSIR एक सम सामयिक अनुसंधान एवं विकास संगठन है, जो विविध विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में अपने अत्‍याधुनिक अनुसंधान एवं विकास आधार के लिए जाना जाता है।
  • CSIR के पास 38 राष्‍ट्रीय प्रयोगशालाओं, 39 लोक सम्‍पर्क केंद्रों, तीन नवोन्‍मेषों केन्‍द्रों एवं पाँच इकाइयों का एक गतिशील नेटवर्क है।
  • CSIR भारत के बौद्धिक संपदा आंदोलन में एक प्रवर्तक है और विश्‍लेषण अवधि के दौरान प्रकाशित पेटेंटों की संख्‍या के लिहाज़ से अग्रणी है।
  • CSIR के पेटेंट पोर्टफोलियो में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी से संबंधित व्‍यापक क्षेत्र शामिल हैं। इनमें से कुछ प्रमुख क्षेत्रों में पॉलीमर एवं चिकित्‍सा में अनुप्रयोग, उपकरण, बिजली उद्योग, फार्मास्‍यूटिकल अनुसंधान, फर्मेन्टेशन, इन्‍जाइम, केटेलेसिस और अनुप्रयोग, जल का रसायनिक एवं जैविक उपचार आदि शामिल हैं।

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस

संस्कृति मंत्रालय ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के तहत राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव के 9वें संस्करण का आयोजन टिहरी, उत्तराखंड में 25 से 27 मई तक कर रहा है। हर साल उत्तराखंड पर्यटन द्वारा आयोजित होने वाले टिहरी झील महोत्सव को राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव में शामिल किया जाएगा, जहाँ लोग जल-क्रीड़ा का भी आनंद ले सकेंगे। 

  • इस साल 25 से 27 मई, 2018 के दौरान तीन दिनों तक चलने वाला बहु-प्रतीक्षित जल-क्रीड़ा और संस्कृति कार्यक्रम टिहरी झील, उत्तराखंड में आयोजित होगा।

उद्देश्य

  • राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव का मुख्य उद्देश्य भारतीय संस्कृति की समृद्ध विविधता और विशिष्टता को प्रस्तुत करना, राष्ट्रीय एकता को मज़बूत करने के लिये राज्यों के बीच सांस्कृतिक जुड़ाव को बढ़ावा देना और संस्कृति के एकमात्र धागे से देश के अन्य हिस्सों के कलाकारों को उत्तराखंड के लोगों से जोड़ना है।
  • महोत्सव का उद्देश्य भारतीय संस्कृति की विरासत और सांस्कृतिक विविधता का संरक्षण, संवर्द्धन एवं इसे लोकप्रिय बनाना और नई पीढ़ी को भारतीय संस्कृति से जोड़ना है।
  • ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के तहत उत्तराखंड का जोड़ीदार राज्य कर्नाटक है और जब देशभर से आए कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे तो उसमें कर्नाटक पर विशेष ज़ोर दिया जाएगा।
  • राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव विभिन्न इलाकों की भारतीय संस्कृति के सभी आयामों का दर्शन कराएगा।
  • कर्नाटक, हरियाणा, गुजरात, राजस्थान, जम्मू-कश्मीर, असम और पंजाब के कलाकार अपनी कला, लोक संगीत, नृत्य और पाक कला का प्रदर्शन करते हुए भारत की सांस्कृतिक विरासत की झलक प्रस्तुत करेंगे।
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