प्रीलिम्स फैक्ट्स : 25 अप्रैल, 2018 | 25 Apr 2018
ग्रेफाइन कार्बन का एक प्रकार है जिसमें कार्बन अणुओं की एक परत होती है। परत में कार्बन के अणु षटकोणीय जाली के रूप में व्यवस्थित होते हैं। अनुसंधानकर्त्ताओं में भारतीय मूल का एक शोधकर्त्ता भी शामिल है।
- स्वीडन में क्लैमर्स प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के शोधकर्त्ताओं के अनुसार, कूल्हे और घुटने के प्रतिरोपण या दंत प्रतिरोपण जैसे सर्जिकल प्रतिरोपण में हाल के वर्षों में वृ्द्धि हुई है। इस तरह की प्रक्रियाओं में बैक्टीरिया संक्रमण का जोखिम हमेशा रहता है।
- ग्रेफाइन फ्लेक्स की परत एक सुरक्षात्मक सतह का निर्माण करती है जो बैक्टीरिया को जुड़ने नहीं देती है। ग्रेफाइन शल्य प्रतिरोपण जैसी प्रक्रियाओं के दौरान संक्रमण को रोकने में सहायक होती है।
- क्लैमर्स यूनिवर्सिटी के अनुसार, वैज्ञानिक संक्रमण पैदा करने वाले बैक्टीरिया को रोकना चाहते हैं।
- अगर ऐसा न किया जाए तो एंटीबायोटिक दवाओं की आवश्यकता हो सकती है, जो सामान्य जीवाणुओं के संतुलन को बाधित कर सकती है और रोगाणुओं में एंटीबायोटिक के प्रति प्रतिरोधी क्षमता पैदा का खतरा भी बढ़ा सकती है।
- यह अध्ययन पत्र ‘एडवांसड मैटेरियल्स इंटरफेस' नामक जर्नल में प्रकाशित हुआ।
भारत, पहली बार शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में भाग ले रहा है। एससीओ के रक्षा मंत्रियों की यह बैठक चीन के पेइचिंग शहर में आयोजित की गई। शंघाई सहयोग संगठन
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