अंतर्राष्ट्रीय संबंध
प्रीलिम्स फैक्ट्स:23 Nov, 2017
- 23 Nov 2017
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जल्द ही लागू होगा नया प्रत्यक्ष कर कानून
जीएसटी लागू किये जाने के बाद एक अन्य महत्त्वपूर्ण कदम उठाते हुए भारत सरकार द्वारा देश के 56 साल पुराने आयकर कानून (आयकर अधिनियम, 1961) की समीक्षा करने हेतु केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (Central Board of Direct Taxes) के सदस्य अरबिंद मोदी के नेतृत्व में एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है।
- इस कानून का उद्देश्य देश के प्रत्यक्ष कर कानून (डायरेक्ट टैक्स लॉ) व्यवस्था में सुधार हेतु सुझाव प्रस्तुत करना है।
- इस टास्क फोर्स द्वारा विभिन्न देशों की प्रत्यक्ष कर व्यवस्था, अंतर्राष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रक्रियाओं, देश की आर्थिक आवश्यकताओं और उसके साथ जुड़े अन्य पक्षों का विश्लेषण करने के पश्चात् एक उचित प्रत्यक्ष कर कानून का मसौदा तैयार किया जाएगा।
- टास्क फोर्स को छह महीने में केंद्र सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी।
- इस टास्क फोर्स में मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन एक स्थायी विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त इसके अंतर्गत शिक्षाविदों तथा निजी क्षेत्र के कर विशेषज्ञ के साथ-साथ एक सेवानिवृत भारतीय राजस्व सेवा अधिकारी भी शामिल होगा।
इस टास्क फोर्स द्वारा निम्नलिखित विषयों पर विचार कर उपयुक्त प्रत्यक्ष कर कानून मसौदा तैयार किया जाएगा –
- विभिन्न देशों में मौजूद प्रत्यक्ष कर प्रणाली।
- अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्ध सर्वश्रेष्ठ कार्य प्रणाली।
- देश की आर्थिक ज़रूरतें।
- इससे जुड़ा कोई अन्य मुद्दा।
15वां वित्त आयोग
हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 15वें वित्त आयोग के गठन को मंज़ूरी प्रदान की गई है। संविधान के अनुच्छेद 280(1) के अंतर्गत वित्त आयोग का गठन करना एक संवैधानिक बाध्यता है। 15वें वित्त आयोग की शर्तों को आने वाले समय में अधिसूचित किया जाएगा।
पृष्ठभूमि:
- संविधान के अनुच्छेद 280 (1) के अंतर्गत यह प्रावधान है कि संविधान के प्रारंभ से दो वर्ष के भीतर और उसके बाद प्रत्येक पाँच वर्ष की समाप्ति पर या पहले, जिसे राष्ट्रपति आवश्यक समझते हैं, एक वित्त आयोग का गठन किया जाएगा।
- भारत में परम्परा यह है कि पिछले वित्त आयोग के गठन की तारीख के पाँच वर्षों के भीतर अगले वित्त आयोग का गठन किया जाता है।
- अभी तक 14 वित्त आयोगों का गठन किया जा चुका है। 14वें वित्त आयोग का गठन 01 अप्रैल, 2015 से शुरू होने वाले पाँच वर्षों की अवधि के लिये 02 जनवरी, 2013 को गठित किया गया था।
- 14वें वित्त आयोग की सिफारिशें वित्तीय वर्ष 2019-20 तक के लिये वैध है।
- 15वें वित्त आयोग के तहत दिनांक 01 अप्रैल, 2020 से लेकर अगले पाँच वर्षों की अवधि को कवर किया जाएगा।
महिलाओं हेतु “सुरक्षित शहर प्लान”
गृह मंत्रालय द्वारा प्रदत्त जानकारी के अनुसार, जल्द ही देश के आठ शहरों में महिलाओं के लिये एक व्यापक 'सुरक्षित शहर' योजना शुरू की जाएगी, जहाँ एक मज़बूत आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली और पुलिस द्वारा सत्यापित सार्वजनिक परिवहन सेवाएँ उपलब्ध होंगी।
- हाल ही में केंद्रीय गृह सचिव द्वारा इस योजना की समीक्षा की गई, ताकि इसे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद, बेंगलुरु, लखनऊ और हैदराबाद में लागू किया जा सके।
योजना के प्रमुख बिंदु
► पुलिस में महिलाओं के लिये 33% आरक्षण
► सी.सी.टी.वी. कैमरों की स्थापना
► पुलिस स्टेशनों में महिलाओं की तैनाती
► साइबर अपराधों से सुरक्षा
► बुनियादी ढाँचागत मुद्दे
► अंधेरे स्थानों और अपराध-प्रवण क्षेत्रों का मानचित्रण
► शैक्षणिक संस्थानों की भागीदारी इत्यादि।
- इसके अतिरिक्त इसके अंतर्गत इन शहरों द्वारा महिलाओं की सुरक्षा हेतु उठाए गए कदमों के विषय में भी चर्चा की गई।
- इनमें दिल्ली पुलिस की “हिम्मत” एप, सभी महिला सदस्य वाली गश्ती वैन, का ‘'शिष्टाचार'’ कार्यक्रम; हैदराबाद पुलिस की “हॉकीए” (hawkeye) मोबाइल एप तथा '’भरोसा'’ कार्यक्रम; उत्तर प्रदेश पुलिस की पॉवर एंजेल्स एवं बेंगलुरु पुलिस की “सुरक्षा'’ एप जैसी कई पहलों के विषय में चर्चा की गई।