प्रीलिम्स फैक्ट्स : 22 जनवरी, 2018 | 22 Jan 2018
सहपीडिया करेगा प्राचीन समुद्री व्यापार का दस्तावेज़ीकरण
Sahapedia' to document ancient maritime trade
सहपीडिया, भारत के पारंपरिक कला रूपों पर डिजिटलीकरण और शोध करने की दिशा में आरंभ की गई एक पहल के रूप में प्राचीन समुद्री व्यापार का दस्तावेज़ीकरण करेगा। इसके अंतर्गत प्रायद्वीपीय भारत में विकसित हुए प्राचीन समुद्री व्यापार के विषय में वर्णन किया जाएगा, जिसके परिणामस्वरूप पारस्परिक सांस्कृतिक आदान-प्रदान संभव हो पाया।
महत्त्वपूर्ण बिंदु
- यह दस्तावेज़, जिसे कि केरल के कोच्चि फोर्ट, मटैंकेरी मुजिरिस/कोडुंगल्लूर, कोल्लम और कोझीकोड से लेकर तमिलनाडु और अन्य हिस्सों में स्थित स्थानों पर आयोजित किया जाएगा, का उद्देश्य परत दर-परत इतिहास की जानकारी प्रात करना है।यह विशेषज्ञों और संस्थानों के सहयोग से शोधकर्त्ताओं की एक टीम द्वारा तैयार किया गया एक स्रोत होगा, साथ ही यह दुनिया भर के पंजीकृत उपयोगकर्त्ताओं को उनकी रुचि के अनुरूप सूचनाओं के योगदान हेतु एक मंच भी उपलब्ध कराएगा।
- इसके अंतर्गत मूर्त और अमूर्त दोनों तरह की विरासतों को शामिल किया गया है।
- भारतीय विरासत और संस्कृति को प्रोत्साहित करने और इस संबंध में ज्ञानार्जन को बढ़ावा देने के उद्देश्य के एक हिस्से के रूप में, सहपीडिया द्वारा एक महीने में एक बार कोच्चि में अनुसंधान और रुचि से संबंधित क्षेत्रों पर विद्वानों एवं कलाकारों के मध्य अभीमुखम संध्या (Abhimukham evenings) आयोजन शुरू किया गया है।
- इसके अतिरिक्त प्रत्येक माह विभिन्न विरासत स्थलों जैसे कि फोर्ट कोच्चि, मटानचेरी (Mattancherry), त्रिपिनीथुरा (Tripunithura) और मुजिरिस (Muziris) जैसे स्थानों पर 'हेरिटेज वॉक' का आयोजन किया जा रहा है।
- इसके साथ-साथ एक गैर-सरकारी संगठन द आर्ट आउटरीच सोसायटी (The Art Outreach Society -TAOS) के सहयोग से 'हेरिटेज वॉक’ द्वारा कम विशेषाधिकार प्राप्त स्कूलों के लिये भी योगदान दिया जा रहा है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वरिष्ठतम चुनाव आयुक्त ओम प्रकाश रावत को चुनाव आयोग का मुख्य चुनाव आयुक्त नियुक्त किया है। ओम प्रकाश रावत, अचल कुमार जोती के 22 जनवरी, 2018 को मुख्य चुनाव आयुक्त का कार्यभार छोडने के बाद 23 जनवरी, 2018 से मुख्य चुनाव आयुक्त का कार्यभार ग्रहण करेंगे। कैसे होता है निर्वाचन आयुक्त का चयन ?
निर्वाचन आयोग
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पैगाह मकबरों को शम्स-उल-उमराही (Shams-ul-Umara) मकबरे भी कहा जाता है। हैदराबाद (तेलंगाना) के पिसल बांदा उपनगर में स्थित है।
प्रमुख विशेषताएँ
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