प्रारंभिक परीक्षा
प्रीलिम्स फैक्ट्स : 21 जून, 2018
- 21 Jun 2018
- 11 min read
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस
21 जून, 2018 को दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। यह चौथा अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस है। 21 जून, 2015 को पहली बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया था। इस दिन दुनिया भर में विभिन्न योग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
- पहले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम का आयोजन 21 जून, 2015 को दिल्ली के राजपथ पर किया गया था। दूसरे एवं तीसरे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रमों का आयोजन क्रमश: 2016 में चंडीगढ़ तथा 2017 में लखनऊ में किया गया था। चौथे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन देहरादून में किया जा रहा है।
21 जून ही क्यों?
- 21 जून को ग्रीष्म संक्रांति होती है, इसलिये इस तारीख को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में चुना गया है।
- ग्रीष्म संक्रांति का दिन वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है। इस दिन सूर्य उत्तर से दक्षिण की ओर गति करना शुरू करता है।
पृष्ठभूमि
- 11 दिसंबर, 2014 को संयुक्त राष्ट्र में 177 सदस्यों द्वारा 21 जून को ‘अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस’ के रूप में मनाने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी गई थी।
- प्रधानमंत्री मोदी द्वारा प्रस्तुत इस प्रस्ताव को 90 दिनों के अंदर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया, संयुक्त राष्ट्र संघ में किसी दिवस प्रस्ताव को मंज़ूर करने के संदर्भ में लिया गया यह सबसे कम समय है।
योग प्रोत्साहन और विकास में असाधारण योगदान के लिये 2018 का प्रधानमंत्री पुरस्कार
योग के प्रोत्साहन और विकास में असाधारण योगदान के लिये नासिक के श्री विश्वास मांडलिक और योग संस्थान, मुम्बई को वर्ष 2018 का प्रधानमंत्री पुरस्कार दिया जाएगा। पुरस्कार विजेता को एक ट्रॉफी, प्रमाण पत्र तथा नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। नकद पुरस्कार राशि 25 लाख रुपए होगी। 2017 के लिये यह पुरस्कार राममणि आयंगर स्मारक योग संस्थान, पुणे को दिया गया था।
- 21 जून, 2016 को चंडीगढ़ में आयोजित दूसरे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री द्वारा योग के प्रोत्साहन और विकास के लिये पुरस्कार तय करने के लिये समिति गठित करने की घोषणा की गई थी।
- इस पुरस्कार के लिये दिशा-निर्देश आयुष मंत्रालय द्वारा तैयार किये गए हैं। पुरस्कार तय करने में पारदर्शी प्रक्रिया अपनाते हुए समितियाँ – स्क्रीनिंग समिति (प्रारंभिक मूल्यांकन के लिये) तथा मूल्यांकन समिति (निर्णायक मंडल) बनाई गई हैं।
विश्वास मांडलिक
- श्री विश्वास मांडलिक ने प्रामाणिक पतंजलि और हठ योग का गूढ ज्ञान प्राप्त किया है। अध्ययन के ज़रिये भगवद्गीता और उपनिषद का ज्ञान प्राप्त किया और पिछले 55 वर्षों के प्राचीन हस्तलिपियों का अध्ययन किया है।
- श्री मांडलिक ने 1978 में योग विद्या धाम की पहली शाखा तथा 1983 में योग शिक्षा के लिये योग संस्थान - योग विद्या गुरुगुल की स्थापना की।
- 1994 में भारत के दूरदराज़ के हिस्सों में योग को लोकप्रिय बनाने के लिये श्री मांडलिक ने योग चैतन्य सेवा प्रतिष्ठान, ट्रस्ट की स्थापना की।
- 1918 में स्थापित योग संस्थान, मुम्बई ने इस वर्ष अपने 100 वर्ष पूरे किये हैं। संस्थान द्वारा अभी तक करीब 5000 से अधिक योग शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है। इसके साथ-साथ योग से संबंधित 500 से अधिक प्रकाशन कार्य भी संपन्न किये गए हैं।
विश्व भर के शरणार्थियों की शक्ति, हिम्मत और दृढ़ निश्चय एवं उनके प्रति सम्मान को स्वीकृति देने के लिये संयुक्त राष्ट्र 20 जून को विश्व शरणार्थी दिवस के रूप में मनाता है।
- विश्व शरणार्थी दिवस 2018 का विषय है: ‘Now More Than Ever, We Need to Stand with Refugees’.
- प्रत्येक वर्ष 20 जून को विश्व शरणार्थी दिवस के रूप में मनाया जाता है, इस दिन उन लोगों के साहस, शक्ति और संकल्प के प्रति सम्मान व्यक्त किया जाता है, जिन्हें प्रताड़ना, संघर्ष और हिंसा की चुनौतियों के कारण अपना देश छोड़कर बाहर भागने को मजबूर होना पड़ता है। वस्तुत: शरणार्थियों की दुर्दशा और समस्याओं का समाधान करने के लिये ही इस दिवस को मनाया जाता है।
पृष्ठभूमि
- अफ्रीकी देशों की एकता को अभिव्यक्त करने के लिये 4 दिसंबर, 2000 को संयुक्त राष्ट्र परिषद द्वारा एक प्रस्ताव पारित किया गया था।
- इस प्रस्ताव में 2001 को शरणार्थियों की स्थिति से संबंधित 1951 की संधि की 50वीं वर्षगाँठ के रूप में चिह्नित किया गया।
- ऑर्गनाइजेशन ऑफ अफ्रीकन यूनिटी (ओएयू) अंतर्राष्ट्रीय शरणार्थी दिवस को अफ्रीकी शरणार्थी दिवस के साथ 20 जून को मनाने के लिये सहमत हो गया।
- इंटरनेशनल रेस्क्यू कमिटी (International Rescue Committee) और एमनेस्टी इंटरनेशनल (Amnesty International) जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठन इस दिन निम्नलिखित गतिविधियाँ आयोजित करते हैं:
♦ शरणार्थी स्थलों का निरीक्षण।
♦ शरणार्थियों और उनकी समस्याओं से संबंधित फिल्मों का प्रदर्शन।
♦ गिरफ्तार शरणार्थियों की मुक्ति के लिये विरोध प्रदर्शन।
♦ जेल में बंद शरणार्थियों के लिये समुचित चिकित्सकीय सुविधा और नैतिक समर्थन उपलब्ध कराने के लिये रैलियों का आयोजन।
शिलॉन्ग (मेघालय) 100वीं स्मार्ट सिटी
मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग का चयन 100वीं स्मार्ट सिटी के रूप में किया गया है। शिलॉन्ग द्वारा प्रस्तुत किये गए प्रस्ताव के आकलन के बाद ही इस शहर का चयन किया गया है। अब तक संबंधित प्रतिस्पर्द्धा के चार दौर में 99 स्मार्ट सिटी का चयन किया गया था। इस घोषणा के साथ ही स्मार्ट सिटी मिशन के तहत 100 स्मार्ट सिटी के चयन की प्रक्रिया पूरी हो गई है।
- इससे पहले जनवरी 2016 में 20 शहरों, मई 2016 में 13 शहरों, सितंबर 2016 में 27 शहरों, जून 2017 में 30 शहरों और जनवरी 2018 में 9 शहरों का चयन किया गया था।
- शिलॉन्ग के चयन के साथ ही स्मार्ट सिटी मिशन के तहत अंतिम रूप से चयनित 100 स्मार्ट सिटी में कुल प्रस्तावित निवेश 2,05,018 करोड़ रुपए के स्तर पर पहुँच गया है।
स्मार्ट सिटी
- स्मार्ट सिटी की ऐसी कोई परिभाषा नहीं है जिसे सर्वत्र स्वीकार किया जाता है। अलग-अलग लोगों के लिये इसका आशय अलग-अलग होता है। अतः स्मार्ट सिटी की संकल्पना, शहर-दर-शहर और देश-दर-देश भिन्न होती है जो विकास के स्तर, परिवर्तन और सुधार की इच्छा, शहर के निवासियों के संसाधनों और उनकी आकांक्षाओं पर निर्भर करता है। ऐसे में स्मार्ट सिटी का भारत में अलग अर्थ होगा, जैसे कि यूरोप से। भारत में भी स्मार्ट सिटी को परिभाषित करने का कोई एक तरीका है।
- भारत के किसी भी शहर के निवासी की कल्पना में स्मार्ट शहर की तस्वीर में ऐसी अवसंरचना एवं सेवाओं की अभीष्ट सूची होती है जो उसकी आकांक्षा के स्तर को वर्णित करती है। नागरिकों की आकांक्षाओं और ज़रूरतों को पूरा करने के लिये शहरी योजनाकार का लक्ष्य आदर्श तौर पर पूरे शहरी पारिस्थितिकी तंत्र का इस प्रकार विकास करना होता है, जो व्यापक विकास के चार स्तंभों-संस्थागत, भौतिक, सामाजिक और आर्थिक अवसंरचना में दिखाई देता है।
- यह दीर्घावधिक लक्ष्य हो सकता है और शहर ‘स्मार्टनेस’ की परतें जोड़ते हुए संवर्द्धित रूप से ऐसी व्यापक अवसंरचना तैयार करने की दिशा में कार्य कर सकते हैं।
स्मार्ट सिटी चयन का आधार
- संकल्पना और विकास के विभिन्न स्तर।
- परिवर्तन और सुधार की इच्छा।
- शहर के निवासियों के संसाधन।
- लोगों की आकांक्षाओं का स्तर।