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अंतर्राष्ट्रीय संबंध

प्रीलिम्स फैक्ट्स:20 Nov, 2017

  • 20 Nov 2017
  • 7 min read

कैदरीन - 22 नामक प्रोटीन : कैंसर के प्रसार में सहायक

वैज्ञानिकों द्वारा एक ऐसे प्रोटीन की पहचान की गई है जो न केवल ट्यूमर की कैंसर कोशिकाओं को एक साथ बाँधकर कैंसर के प्रसार में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है, बल्कि कैंसर कोशिकाओं को ऊतकों पर आक्रमण करने में भी सहायता करने के साथ-साथ इस घातक बीमारी के इलाज़ हेतु नए उपचारों का रास्ता भी प्रशस्त करता है।

  • इस प्रोटीन को कैदरीन - 22 (cadherin-22) के नाम से जाना जाता है। यह कैंसर के फैलाव तथा कैंसर मेटास्टैसिस (cancer metastasis) में संभावित कारक के रूप में जाना जाता है। 
  • यह स्तन कैंसर और मस्तिष्क कैंसर की कोशिकाओं के आसंजन (adhesion) और आक्रमण (invasion) की दर को 90% तक न्यून करने का काम करता है।
  • कैडरीन - 22 उन्नत कैंसर के चरणों और रोग के परिणामों के लिये एक शक्तिशाली निदान चिन्ह साबित हो सकता है।
  • कैदरीन - 22 सेल सतहों पर स्थित होता है।


नासा का अगली पीढ़ी का मौसम उपग्रह

  • नासा द्वारा अत्यधिक उन्नत मौसम उपग्रहों की एक श्रृंखला के पहले उपग्रह को लॉन्च किया गया। यह उपग्रह मौसम संबंधी पूर्वानुमानों के विषय में अधिक सटीक तथा समय पर जानकारी प्रदान करेगा। 
  • एन.ओ.ए.ए. (National Oceanic and Atmospheric Administration's - NOAA) के जियोस्टेशनरी ऑपरेशनल एनवायर्नमेंटल सैटलाइट-आर [Geostationary Operational Environmental Satellite-R (GOES-R)] को अमेरिका के फ्लोरिडा से लॉन्च किया गया।
  • नासा द्वारा प्रदत्त जानकारी के अनुसार, आने वाले समय में जी.ओ.ई.एस.-आर. का नाम बदलकर जी.ओ.ई.एस. -16 कर दिया जाएगा। 

प्रमुख बिंदु

  • आगामी एक वर्ष के भीतर कार्यान्वित हो जाएगा।
  • एन.ओ.ए.ए. की मौसम संबंधी पूर्वानुमानों और चेतावनियों को जारी करने की योग्यता में वृद्धि करेगा।
  • साथ ही अमेरिका को एक अधिक मज़बूत और अधिक स्थिति-स्थापक मौसम चेतावनी तैयार करने वाला देश बनाने में सहायक साबित होगा। 
  • उपग्रह का प्राथमिक यंत्र एडवांस्ड बेसलाइन इमेज़र है। यह पृथ्वी के मौसम, महासागरों और पर्यावरण की 16 अलग-अलग स्पेक्ट्रल बैंड वाली तस्वीरें उपलब्ध कराएगा। 
  • इसके साथ- साथ इसमें दो दृश्य चैनल, चार निकट-अवरक्त चैनल सहित 10 अवरक्त चैनल भी शामिल होंगे।
  • जी.ओ.ई.एस.-आर. पर लगे उत्कृष्ट अंतरिक्ष मौसम सेंसर सूर्य की निगरानी करने के साथ-साथ मौसम पूर्वानुमानियों को महत्त्वपूर्ण जानकारी भी देगा।
  • जी.ओ.ई.एस.-आर. श्रृंखला में चार उपग्रह हैं - आर, एस, टी और यू. ।
  • ये उपग्रह वर्ष 2036 तक एन.ओ.ए.ए. के जियोस्टेशनरी कवरेज़ का विस्तार करने में सहायता प्रदान करेंगे।


अंतर्राष्ट्रीय नागर विमान संगठन

  • हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय नागर विमान संगठन (आई.सी.ए.ओ.) द्वारा भारत में सार्वभौमिक सुरक्षा आकलन किया गया। इस ऑडिट में कार्मिक लाइसेंसिंग (Personal Licensing), उड़ान क्षमता (Airworthiness), संचालन (Operations) विधायी (Legislation) तथा संगठन (Organization) के क्षेत्र में परीक्षण किया गया।
  • इस ऑडिट में आई.सी.ए.ओ. द्वारा उपलब्ध कराए गए प्रोटोकाल प्रश्नों पर डी.जी.सी.ए. द्वारा प्रदत्त उत्तरों का सत्यापन भी शामिल है। 
  • सत्यापन प्रक्रिया में दस्तावेज़ी साक्ष्य, प्रासांगिक फाइलों की कार्रवाई प्रासंगिक अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श और उपयोग यात्राओं का परीक्षण किया जाता है। 
  • आई.सी.ए.ओ. द्वारा निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार, ऑडिट दल मुख्यालय टीम को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करता है और लगभग 90 दिनों में प्रारूप रिपोर्ट राज्य को उपलब्ध कराई जाती है। 
  • राज्य को 45 दिनों के अंदर रिपोर्ट पर टिप्पणी करने और विभिन्न पहलुओं पर कार्य योजना तैयार करने के बाद यह रिपोर्ट आई.सी.ए.ओ. को उपलब्ध करानी होती है। 
  • इसके बाद रिपोर्ट को अंतिम रूप प्रदान कर इसे सदस्य राज्यों को उपलब्ध कराया जाता है। 

अंतर्राष्ट्रीय नागर विमान संगठन

  • यह ‘संयुक्त राष्ट्र’ की एक विशेषीकृत एजेंसी है, जिसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय हवाई यात्राओं का समन्वयन तथा विनियमन करना है। 
  • इसकी स्थापना वर्ष 1944 में ‘अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन कन्वेंशन’, जिसे ‘शिकागो कन्वेंशन’ के नाम से भी जाना जाता है, के द्वारा की गई थी। 
  • इस संगठन का मुख्यालय कनाडा के मॉन्ट्रियल में अवस्थित है। 
  • वर्तमान में भारत सहित कुल 191 देश इस संगठन के सदस्य हैं तथा इसके द्वारा निर्मित नियम अथवा कानून इसके सदस्य देशों पर बाध्यकारी नहीं होते हैं। 
  • हाल ही में आई.सी.ए.ओ. ने ‘मॉन्ट्रियल सिम्पोज़ियम’ के दौरान मानव रहित विमानों (ड्रोन) के उड़ान एवं ट्रैकिंग के लिये एक ‘एकल वैश्विक ड्रोन रजिस्ट्री’ (single global drone registry) के निर्माण का प्रस्ताव रखा है। 
  • इसका उद्देश्य मानव रहित विमानों के उड़ान और उनके ट्रैकिंग के संबंध में कुछ सामान्य नियमों को तैयार करना है, ताकि इनसे जुड़े डेटा को वास्तविक समय (real time) में सुलभ बनाया जा सके।
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