नोएडा शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 9 दिसंबर से शुरू:   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


शासन व्यवस्था

प्रीलिम्स फैक्ट्स : 20 जून, 2018

  • 20 Jun 2018
  • 12 min read

‘धरोहर गोद लें’ योजना
(‘Adopt a Heritage’ Scheme)

लाल किले से संबंधित समझौता ज्ञापन के बारे में हाल ही में मीडिया में प्रसारित कुछ रिपोर्टों के जवाब में केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय (Ministry of Culture) ने स्पष्ट किया है कि सरकार की ‘धरोहर गोद लें’ योजना अच्छा कार्य कर रही है। ‘धरोहर गोद लें’ योजना के तहत तीन समझौता पत्रों पर पहले ही हस्ताक्षर किये जा चुके हैं और छह अग्रिम चरण में हैं तथा योजना के तहत कवरेज के लिये 31 अन्‍य आदर्श स्‍मारक शामिल किये गए हैं।

  • विश्‍व पर्यटन दिवस अर्थात् 27 सितम्‍बर, 2017 को राष्‍ट्रपति ने पर्यटन मंत्रालय की ‘एक धरोहर गोद लें योजना’ का शुभारंभ किया था।
  • इस योजना को पर्यटन मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय और भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है।

उद्देश्य

  • परियोजना का उद्देश्य "उत्‍तरदायी पर्यटन" को प्रभावी ढंग से बढ़ावा देने के लिये सभी भागीदारों के बीच तालमेल विकसित करना है।
  • योजनाओं का उद्देश्य सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों, निजी क्षेत्र की कंपनियों और कॉर्पोरेट जगत को शामिल कर देश के धरोहर स्थलों का विकास, संचालन और रखरखाव कर पर्यटकों को विश्व स्तरीय सुविधाएँ प्रदान करना है तथा संचालन एवं रख-रखाव की उचित व्यवस्था सुनिश्चित कर हमारे धरोहरों और पर्यटन स्थलों को और अधिक उन्नत बनाने की ज़िम्मेदारी लेना है।
  • यह परियोजना मुख्य रूप से बुनियादी सुविधाएँ प्रदान करने पर केंद्रित है जिसमें स्वच्छता, सार्वजनिक सुविधाएँ, पेयजल, दिव्यांगों और वरिष्ठ नागरिकों के लिये सुविधा, मानकीकृत संकेत, रोशनी और निगरानी प्रणाली, रात में देखने की सुविधा और उपयुक्त पर्यटन सुविधा केंद्र के माध्यम से उन्नत पर्यटन का अनुभव प्रदान करना है ताकि इन धरोहर स्थलों के प्रति घरेलू और विदेशी दोनों पर्यटक ज़्यादा-से-ज़्यादा आकर्षित हो सकें। 

दुनिया का सबसे ताकतवर सुपर कंप्यूटर

सुपर कंप्यूटर के निर्माण के संबंध में जापान और चीन को पीछे छोड़ते हुए अमेरिका ने एक बार फिर से इस क्षेत्र में अपनी बादशाहत कायम की है। अमेरिकी आइटी कंपनी आइबीएम ने अमेरिका के उर्जा विभाग की ओक रिज नेशनल लेबोरेटरी के लिये विश्व के सबसे ताकतवर कंप्यूटर ‘समिट’ को लॉन्च किया है। यह कंप्यूटर पिछले सुपर कंप्यूटर टाइटन की तुलना में आठ गुना अधिक ताकतवर है।

प्रमुख विशेषताएँ

  • 10 पीटाबाइट मेमोरी
  • एक सेकंड में दो लाख ट्रिलियन (दो लाख करोड़) गणनाएँ करने में सक्षम
  • 200 पीटाफ्लॉप्स प्रोसेसिंग क्षमता
  • आइबीएम एसी922 सिस्टम में मौजूद सर्वरों की संख्या 4608
  • हर सर्वर में मौजूद 22-कोर आइबीएम पॉवर9 प्रोसेसर : 2
  • एनवीडिया टेस्ला वी 100 ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट एक्सलेटर : 6

 लाभ

  • विदित हो कि ऐसे सुपर कंप्यूटर जो प्रति सेकंड क्वाड्रिलियन अर्थात् दस लाख अरब (Quadrillion per second) तक गणनाएँ कर सकते हैं उनकी क्षमता को पीटाफ्लॉप्स में मापा जाता है।
  • पीटाफ्लॉप्स (एक करोड़ गीगाबाइट) सुपर कंप्यूटर्स की कार्यक्षमता को मिलियन इंस्ट्रक्शन पर सेकंड (million instruction on Seconds) की बजाय फ्लोटिंग-प्वाइंट ऑपरेशन प्रति सेकंड (floating-point operations per second- FLOPS) में मापा जाता है।
  • इसका इस्तेमाल उर्जा, एडवांस्ड मैटेरियल एवं आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान तथा अध्ययन करने के लिये किया जाएगा।
  • इसकी सहायता से शोधकर्त्ता मानव स्वास्थ्य, हाइ एनर्जी फिजिक्स, तत्त्वों की खोज समेत कई क्षेत्रों की समस्याओं को हल करने में सक्षम हो सकेंगे।

दुनिया के सबसे तेज़ सुपर कंप्यूटर्स

देश कंप्यूटर प्रोसेसिंग स्पीड
जापान एआइ ब्रिजिंग क्लाउड 130
चीन सनवे तैहूलाइट 93
चीन तिआनहे-2 34
अमेरिका टाइटन 18
अमेरिका सिकोया 17
अमेरिका कोरी 14

राष्‍ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी राष्‍ट्र को समर्पित
(National Digital Library of India)

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भारतीय राष्‍ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी (National Digital Library of India-NDLI) लॉन्च की है। सूचना व संचार तकनीक के माध्‍यम से राष्‍ट्रीय शिक्षा मिशन (National Mission on Education through Information and Communication Technology - NMEICT) के तत्त्‍वावधान में भारतीय राष्‍ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी, मानव संसाधन विकास मंत्रालय की एक परियोजना है।

  • NDLI का लक्ष्‍य देश के सभी नागरिकों को डिजिटल आधारित शिक्षण संसाधन उपलब्‍ध कराना है तथा ज्ञान प्राप्ति के लिये उन्‍हें सशक्‍त, प्रेरित और प्रोत्‍साहित करना है। आईआईटी खड़गपुर ने भारतीय राष्‍ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी को विकसित किया है।
  • NDLI भारत तथा विदेशों के शिक्षा संस्‍थानों से अध्‍ययन सामग्री एकत्र करने का एक प्‍लेटफॉर्म है। यह एक डिजिटल पुस्‍तकालय है, जिसमें पाठ्य पुस्‍तक, निबंध, वीडियो-आडियो, व्‍याख्‍यान, उपन्‍यास तथा अन्‍य प्रकार की शिक्षण सामग्री शामिल है।
  • इस डिजिटल लाइब्रेरी को देश को समर्पित करने के साथ ही डिजिटल भारत के एक नए युग की शुरूआत हो गई है। कोई भी व्‍यक्ति, किसी भी समय और कहीं से भी राष्‍ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी का उपयोग कर सकता है। यह सेवा नि:शुल्‍क है और ‘पढ़े भारत, बढ़े भारत’ के संदर्भ में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
  • NDLI में 200 भाषाओं में 160 स्रोतों की 1.7 करोड़ अध्‍ययन सामग्री उपलब्‍ध है। लाइब्रेरी के अंतर्गत 30 लाख उपयोगकर्त्ताओं का पंजीयन हुआ है और हमारा लक्ष्‍य है कि प्रतिवर्ष इस संख्‍या में 10 गुनी वृद्धि हो।
  • संस्कृति मंत्रालय द्वारा संचालित होने वाले भारत के राष्ट्रीय आभासी पुस्‍तकालय के साथ मानव संसाधन विकास मंत्रालय की राष्ट्रीय डिजिटल लाइब्रेरी विश्व स्तर पर भारत की पहचान बनाने में सक्षम होगी। 
  • शिक्षा और संस्कृति भारत की 'अनेकता में एकता' की अवधारणा के मूल सिद्धांत हैं तथा मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया राष्ट्रीय डिजिटल पुस्तकालय इस दिशा में एक निर्णायक कदम है।
  • इसके तहत कला, संगीत, नृत्य, संस्कृति, रंगमंच, विज्ञान और प्रौद्योगिकी से लेकर शिक्षा, पुरातत्त्व, साहित्य, संग्रहालयों तक के सैकड़ों क्षेत्रों को कवर करने वाले संसाधनों के साथ एक विशाल ऑनलाइन लाइब्रेरी स्थापित की गई है। यह कार्यक्रम संस्कृति मंत्रालय के पुस्तकालयों पर आधारित राष्ट्रीय मिशन का एक हिस्सा है।

150 साल बाद फिर से मिली दुर्लभ स्पाइडर की प्रजाति
(Rare spider found again after 150 years)

वैज्ञानिकों ने केरल के पश्चिमी घाट क्षेत्र में स्थित वायनाड वन्यजीव अभयारण्य (Wayanad Wildlife Sanctuary-WWS) से 150 साल बाद स्पाइडर की एक ऐसी दुर्लभ प्रजाति की खोज की है, जिसे विलुप्त माना जा रहा था।

  • इससे पहले बर्लिन जूलॉजिकल संग्रहालय के विश्व प्रसिद्ध आरकोलॉजिस्ट (Arachnologist) डॉ. फर्डिनेंड एंटोन फ्रांस कार्श (Ferdinand Anton France Karsch) ने 1868 में गुजरात की पेरीज़ झील (Periyej Lake) से मकड़ी की प्रजाति के खोजे जाने की बात कही थी लेकिन बाद में इस प्रजाति को विलुप्त घोषित कर दिया गया।
  • यह प्रजाति जंपिंग स्पाइडर (Salticidae) के परिवार से संबंधित है। इसका वैज्ञानिक नाम Chrysilla volupes था। 
  • हाल ही में सेंटर फॉर एनिमल टैक्सोनेमीशन एंड इकोलॉजी (Centre for Animal Taxonomy and Ecology), क्राइस्ट कॉलेज, इरिंजलकुडा (Irinjalakuda) के शोधकर्त्ताओं की एक टीम ने वायनाड वन्यजीव अभयारण्य से एक बार फिर इस मकड़ी के नर और मादा दोनों नमूनों की खोज की है।
  • इस प्रजाति की मादा के सिर के दोनों किनारों पर नारंगी बैंड और सिर के ऊपर चमकदार ब्लूश स्केल (Bluish Scales) है। पेट की पृष्ठीय सतह (Dorsal Surface) चमकदार नीले-काले रंग की है।
  • पीले रंग के पैरों पर काले रंग के छल्ले अथवा जोड़ (Annulations) और आठ काली आँखें हैं। मादा की तुलना में पुरुष दुबले होते है।
  • यह स्पाइडर छोटे पौधों के हरे पत्तों के बीच छिपी रहती है और मादा आमतौर पर 5-6 अंडे रखती है।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow