इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

डेली अपडेट्स


प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स :19 सितंबर

  • 19 Sep 2018
  • 9 min read
अखिल भारतीय पेंशन अदालत
(All India Pension Adalat)
  • भारत सरकार के कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय के पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्‍याण विभाग द्वारा किया ‘पेंशन अदालत’ की शुरुआत की गई।
  • इसके साथ विभागों के लिये संस्‍थागत स्‍मृति को संयोजित करने के कार्य में उल्‍लेखनीय योगदान देने के लिये 6 पेंशनभोगियों को ‘अनुभव’ पुरस्‍कार, 2018 से भी सम्मानित किया गया।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आव्हान पर वर्ष 2015 में ‘अनुभव योजना’ की शुरुआत की गई थी।
  • इसके माध्यम से पेंशनभोगियों को ‘जीवन निर्वाह में सुगमता’ का अधिकार सुनिश्चित करने का कार्य किया गया है। वस्तुतः इसकी सहायता से पेंशनभोगियों को अपनी शिकायतों के निवारण के लिये बाधा मुक्‍त प्रशासनिक प्रणाली सुलभ कराए जाने का प्रयास किया गया है।
उद्देश्य
  • पेंशन अदालतों को विभिन्न मामलों जैसे - असंतुष्ट पेंशनभोगी, संबंधित विभाग, बैंक या CGHS (Central Government Health Scheme) प्रतिनिधि, अर्थात् जहाँ भी प्रासंगिक हो, को एक मंच पर लाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है, ताकि संबंधित मामलों का मौजूदा नियमों के भीतर निपटारा किया जा सके।
  • पेंशन अदालत के अलावा, अगले 6 महीनों में सेवानिवृत्त होने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों को पूर्व-सेवानिवृत्ति परामर्श (Pre-Retirement Counselling - PRC) प्रदान करने का कार्य भी किया जाता है।
  • PRC कार्यशाला का उद्देश्य न केवल सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारियों में उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता पैदा करना है, बल्कि उन्हें चिकित्सा सुविधाओं और स्वैच्छिक गतिविधियों में भागीदारी सहित अग्रिम योजना के विषय में शिक्षित करना भी है।

सी-डैक सूचना मीडिया सर्वर
(C-DAC Information Media Server)

  • इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सुशासन के लिये सी-डैक सूचना मीडिया सर्वर (CIMS) लॉन्च किया है।
  • सी-डैक सूचना मीडिया सर्वर (CIMS) एक कंप्यूटर उपकरण है जिसमें मांग के आधार पर ऑडियो और वीडियो उपलब्ध कराने वाला विशेष एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर होता है।
  • कम लागत वाली यह किफायती प्रणाली शक्तिशाली और ऊर्जा कुशल मल्टीकोर प्रोसेसर वाले सिंगल बोर्ड कंप्यूटर के साथ तैयार की गई है।
  • इसे किसी विशेष इंटरनेट सेवा प्रदाता या डेटा कनेक्टिविटी की आवश्यकता नहीं है। इसमें ऑफलाइन रहने की स्थिति में वीडियो देखने या डाउनलोड करने के लिये टेक्स्ट प्रदर्शित करने, तस्वीरें देखने, वीडियो स्ट्रीमिंग, ई-ब्रोशर जैसी सामान्य विशेषताओं को शामिल किया गया है।
  • CIMS को स्थापित करना काफी सरल है, इसे संसद, (मौजूदा राज्यसभा, सदस्यों के विवरण), शिक्षण संस्थानों (ई-बुक्स, समय सारिणी, दिन की खबरों, सूचनाओं), रेलवे स्टेशनों (ट्रेन चलने की जानकारी, स्टेशन लेआउट मैपिंग), अस्पतालों (ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर, रोगियों के रिकार्ड) जैसी जगहों पर आसानी से संचालित किया जा सकता है।
  • कोई भी उपयोगकर्त्ता किसी भी स्मार्ट डिवाइस के माध्यम से वाई-फाई के साथ कनेक्ट हो सकता है और उपलब्ध जानकारी को मुफ्त में प्राप्त कर सकता है।
परिवर्तनीय ऊर्जा साइक्लोट्रॉन केंद्र
(Variable Energy Cyclotron Centre)
  • कैंसर देखभाल में नैदानिक और चिकित्सकीय उपयोग हेतु साइक्लोट्रॉन का उपयोग रेडियोआइसोटोप का उत्पादन करने के लिये किया जाता है।
  • साइक्लोन -30, भारत का सबसे बड़ा साइक्लोट्रॉन है। जैसे ही 30 एमवी बीम पहली बार फैराडे कप (Faraday Cup) तक पहुँचने में सक्षम होगा, उसी के साथ यह इस माह (सितंबर) से परिचालित हो गया।
  • इसके बाद इस केंद्र के माध्यम से बीम का उपयोग 18 एफ (फ्लूराइन -18 आइसोटोप) के उत्पादन के लिये किया गया।
  • आपकी जानकारी के लिये बता दें कि 18 FlFluorodeoxyglucose (FDG), बीआरआईटी (Board of Radiation & Isotope Technology - BRIT) द्वारा उपयोग किये जाने वाला एक रेडियो-फार्मास्यूटिकल है।
  • यह केंद्र सहायक परमाणु प्रणालियों और नियामक मंज़ूरी प्राप्त होने के बाद अगले वर्ष के मध्य तक नियमित रूप से उत्पादन कार्य शुरू कर देगा।
  • VECC, कोलकाता में स्थित साइक्लोन -30 परमाणु ऊर्जा विभाग (Department of Atomic Energy - DAE) की एक इकाई है, इसके अंतर्गत बहुत-सी अद्वितीय विशेषताएँ निहित हैं।
  • Cyclone-30 (commissioning re-emphasises the capability of Indian scientists and engineers to deliver at the highest level of science and technology) यह केंद्र देश भर के लिये और विशेष रूप से पूर्वी भारत के लिये किफायती रेडियो आइसोटोप और संबंधित रेडियो फार्मास्यूटिकल्स उपलब्ध कराएगा।
  • इसके साथ-साथ यह जर्मेनियम-68/गैलियम-68 जनरेटर के लिये स्व:स्थाने  (in-situ) पैलेडियम-103 एवं गैलियम-68 आइसोटोप की उत्पादन क्षमता में भी वृद्धि करेगा।
  • इन आइसोटोपस का इस्तेमाल स्तन कैंसर के निदान और पौरुष ग्रंथि कैंसर (prostate cancer) के उपचार के लिये किया जाता है।
  • साइक्लोन -30 के परिचालन से जहाँ एक ओर भारतीय वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की क्षमता में वृद्धि होगी, वहीं दूसरी ओर, देश को विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उच्चतम स्तर पर पहुँचने में भी सहायता मिलेगी।
ई-सहज पोर्टल

देश के कुछ विशेष संवेदनशील क्षेत्रों में कारोबार शुरू करने से पहले सुरक्षा संबंधी मंज़ूरी को आसान करने के लिये सरकार ने ‘ई-सहज’ नमक एक पोर्टल  शुरू किया है। 

  • इससे सुरक्षा मंज़ूरी की प्रक्रिया में पारदर्शिता तथा तेज़ी आएगी। 
  • कुछ विशेष संवेदनशील क्षेत्रों में कंपनियों, बोलीदाताओं और व्यक्तियों को लाइसेंस/परमिट/मंज़ूरी/कॉन्ट्रैक्ट आदि देने से पहले सुरक्षा संबंधी मंज़ूरियाँ प्रदान करने हेतु गृह मंत्रालय एक नोडल मंत्रालय है।
उद्देश्य
  • राष्ट्रीय सुरक्षा मंज़ूरी का उद्देश्य आर्थिक खतरों सहित संभावित सुरक्षा खतरों का मूल्यांकन करना और प्रमुख क्षेत्रों में निवेश और परियोजना प्रस्तावों को मंज़ूरी देने से पहले जोखिम का मूल्यांकन प्रदान करना है।
  • इसका उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा की अनिवार्यताओं को पूरा करना और व्यापार में आसानी लाने तथा देश में निवेश को बढ़ावा देने के बीच स्वस्थ संतुलन स्थापित करना है।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2