प्रीलिम्स फैक्ट्स : 19 फरवरी, 2018
अंतर्राष्ट्रीय थिएटर ओलंपिक्स
उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू ने 18 फरवरी को लाल किले में 8वें अंतर्राष्ट्रीय थिएटर ओलंपिक्स का उद्घाटन किया।
थीम
- 8वें अंतर्राष्ट्रीय थिएटर ओलंपिक्स की थीम ‘मैत्री का ध्वज‘ है।
- इसका लक्ष्य देशों के मध्य विद्यमान सीमाओं की दूरियों को पाटना और थिएटर कला के माध्यम से विभिन्न संस्कृतियों, मान्यताओं तथा विचारधाराओं को एक साथ लाना है।
प्रमुख बिंदु
- 51 दिनों तक चलने वाले इस समारोह को संस्कृति मंत्रालय के तत्त्वावधान में राष्ट्रीय नाट्य अकादमी द्वारा आयोजित किया जा रहा है।
- थिएटर ओलंपिक्स, 2018 के अंतर्गत तकरीबन 450 कार्यक्रमों, 600 एंबियंस प्रदर्शनों एवं दुनियाभर के 25,000 कलाकारों की भागीदारी वाले 250 युवा फोरमों के साथ 17 भारतीय नगरों की यात्रा की जाएगी।
- इस समारोह का समापन 8 अप्रैल, 2018 को मुंबई के ऐतिहासिक ‘गेट वे ऑफ इंडिया’ पर एक भव्य समारोह के साथ किया जाएगा।
पृष्ठभूमि
- थिएटर ओलंपिक्स की स्थापना ग्रीस (Greece) के डेल्फी शहर में वर्ष 1993 में की गई थी।
- यह एक अग्रणी अंतर्राष्ट्रीय थिएटर समारोह है। इसमें दुनिया भर के जाने-माने थिएटर कर्मियों की बेहतरीन कृतियों को प्रस्तुत किया जाता है।
- पहला थिएटर ओलंपिक का आयोजन वर्ष 1995 में ग्रीस में किया गया था।
- 7वें अंतर्राष्ट्रीय थिएटर ओलंपिक का आयोजन वर्ष 2016 में व्रोकला (पोलैंड) में किया गया था।
स्किन इलेक्ट्रॉनिक्स
- जापान के टोक्यो विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा स्वास्थ्य की निगरानी करने में सक्षम एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ‘स्किन इलेक्ट्रॉनिक्स’ विकसित किया गया है।
- मात्र एक मिलीमीटर पतले इस उपकरण को बहुत आसानी से त्वचा में फिट किया जा सकता है, जिसकी सहायता से उपकरण स्वास्थ्य संबंधी ज़रूरी डेटा को एकत्रित करने का काम करता है।
- इस उपकरण को वैज्ञानिकों द्वारा चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों और मरीज़ों की सहायता हेतु विकसित किया गया है।
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स्वच्छता पखवाड़ा
स्वच्छता पखवाड़ा अप्रैल 2016 में शुरू किया गया था जिसका उद्देश्य भारत सरकार के मंत्रालयों/विभागों के कार्यक्षेत्र में स्वच्छता के मुद्दों और प्रथाओं पर गहनता से बल देने के लिये पखवाड़े का आयोजन करना है।
- पखवाड़ा गतिविधियों के लिये एक वार्षिक कैलेंडर पहले से ही मंत्रालयों के मध्य परिचालित कर दिया जाता है।
- स्वच्छता पखवाड़ा मना रहे मंत्रालयों की स्वच्छता समीक्षा के संबंध में ऑनलाइन मॉनिटरिंग प्रणाली का उपयोग करके बहुत करीब से मॉनिटरिंग की जाती है जिस पर वे स्वच्छता गतिविधियों से संबंधित कार्य-योजनाएँ, चित्र, वीडियो अपलोड कर उन्हें साझा करते हैं।
- स्वच्छता पखवाड़ा मनाने के बाद मंत्रालय/विभाग प्रेस कॉन्फ्रेंस तथा अन्य संवाद के तरीकों के माध्यम से अपनी-अपनी उपलब्धियों की घोषणा करते हैं।
- पखवाड़ा के दौरान पखवाड़ा मना रहे मंत्रालयों को स्वच्छता मंत्रालय के रूप में समझा जाता है और उनके कार्यक्षेत्र में गुणात्मक स्वच्छता सुधारों की अपेक्षा की जाती है।
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कैंसर के इलाज हेतु लाइचा धान का प्रयोग
अपनी समृद्ध जैव विविधता के लिये पहचाने जाने वाले छत्तीसगढ़ में धान की कई ऐसी प्रजातियाँ पाई जाती हैं जिनका उपयोग स्थानीय लोगों द्वारा औषधि के रुप में किया जाता है। छत्तीसगढ़ को ‘धान के कटोरे’ के रूप में भी जाना जाता है। राज्य में औषधीय धान (मेडिसिनल राइस) की सैकड़ों किस्में पाईं जाती हैं।
- छत्तीसगढ़ की प्रमुख औषधीय धान की किस्मों में गठवन, भेजरी, आल्वा, लाइचा, रेसारी, नागकेसर, काली मूंछ, महाराजी, बायसुर आदि प्रमुख हैं।
कैसर के इलाज हेतु अनुसंधान
- इस संबंध में भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर मुंबई में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के सहयोग से कई अनुसंधान किये जा रहे हैं।
- इन अनुसंधानों में छत्तीसगढ़ की तीन औषधीय धान प्रजातियों गठवन, महाराजी और लाइचा में फेफड़े एवं स्तन कैंसर की कोशिकाओं को खत्म करने के गुण पाए गए हैं।
- इनमें लाइचा प्रजाति कैंसर की कोशिकाओं का प्रगुणन रोकने तथा उन्हें खत्म करने में सर्वाधिक प्रभावी साबित हुई है।
- ये तीनों प्रजातियाँ इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में संगृहीत जर्मप्लाज़्म से ली गई हैं।
- इस अनुसंधान में मानव ब्रेस्ट कैंसर सेल्स (एमसीएफ-7) एवं मानव लंग कैंसर सेल्स(ए-549) के प्रगुणन को रोकने के लिये गठवन, महाराजी और लाइचा के एक्सट्रेक्ट का प्रयोग किया गया।
- अनुसंधान के निष्कर्षों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, तीनों किस्मों के मेथेनॉल में बने एक्सट्रेक्ट ने मानव ब्रेस्ट कैंसर और मानव लंग कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को न केवल रोका, बल्कि कैंसर कोशिकाओं को नष्ट भी कर दिया।
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