प्रीलिम्स फैक्ट्स: 18 अगस्त, 2018 | 18 Aug 2018
वैश्विक जीवन क्षमता सूचकांक – 2018
हाल ही में इकोनॉमिक इंटेलिजेंस यूनिट द्वारा वैश्विक जीवन क्षमता सूचकांक – 2018 जारी किया गया है।
- इकोनॉमिक इंटेलिजेंस यूनिट द्वारा ज़ारी इस रिपोर्ट में विश्व के 140 शहरों को उनकी रहने की स्थिति के आधार पर रैंक प्रदान किया गया है।
- वर्ष 2018 के सूचकांक में ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना को प्रथम स्थान हासिल हुआ है। गौरतलब है कि पिछले वर्ष इस सूचकांक में मेलबर्न शीर्ष पर था।
- सूचकांक के दस शीर्ष शहर - वियना, मेलबर्न, ओसाका, कैलगरी, सिडनी, वैंकूवर, टोक्यो, टोरंटो, कोपेनहेगन और एडीलेड।
- सीरिया की राजधानी दमिश्क इस वर्ष भी इस सूचकांक में सबसे नीचे है जबकि बांग्लादेश की राजधानी ढाका को नीचे से दूसरा स्थान और कराची (पाकिस्तान) चौथा सबसे खराब शहर माना गया है।
- इस सूचकांक में भारत की राजधानी दिल्ली को 112वाँ और मुम्बई को 117वाँ स्थान प्राप्त हुआ है।
- विदित हो कि यह पहली बार हुआ है जब किसी यूरोपीय शहर को इस सूचकांक में शीर्ष स्थान हासिल हुआ है।
संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव कोफी अन्नान का निधन
संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव कोफी अन्नान का 80 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उल्लेखनीय है कि कोफी अन्नान ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव के रूप में दो बार (1997 से 2006 तक) कार्यभार संभाला था तथा इस पद पर पहुँचने वाले वे पहले अश्वेत अफ़्रीकी थे।
- कोफ़ी अन्नान का जन्म 8 अप्रैल, 1938 को गोल्ड कोस्ट (वर्तमान देश घाना) के कुमसी नामक शहर में हुआ।
- 1962 में कोफ़ी अन्नान ने अपना राजनीतिक सफ़र विश्व स्वास्थ्य संगठन में एक बजट अधिकारी के रूप में शुरू किया था।
- 1965 से 1972 तक उन्होंने इथियोपिया की राजधानी अद्दीस अबाबा में संयुक्त राष्ट्र के इकॉनॉमिक कमीशन फ़ॉर अफ्रीका के लिये काम किया।
- 1980 में उन्हें संयुक्त राष्ट्र के शरणार्थी उच्चायोग का उप-निदेशक नियुक्त किया गया।
- 1 जनवरी, 1997 को उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव के रूप में कार्यभार संभाला और तब से 31 दिसंबर, 2006 तक लगातार 10 साल तक इस पद पर बने रहे।
- वर्ष 2001 में कोफी अन्नान और संयुक्त राष्ट्र को नोबेल पुरस्कार से सह-पुरस्कृत किया गया।
अजीत वाडेकर
भारत के पूर्व टेस्ट कप्तान अजीत वाडेकर का 77 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उल्लेखनीय है कि अजीत वाडेकर के नेतृत्व में ही भारतीय क्रिकेट टीम ने वर्ष 1971 में पहली बार इंग्लैंड को उसकी ही ज़मीन पर हराया था।
- वाडेकर ने अपने करियर की शुरुआत 1966 में वेस्टइंडीज़ के खिलाफ मैच में की और 37 टेस्ट तथा दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
- वह उन चुनिंदा क्रिकेटरों में से एक थे जिन्होंने एक क्रिकेट खिलाड़ी, कप्तान, कोच के रूप में देश का प्रतिनिधित्व किया।
- वाडेकर को वर्ष 1972 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
- उन्होंने एकमात्र शतक वर्ष 1968 में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ लगाया जिसमें उन्होंने 143 रन बनाए थे।
- वाडेकर ने आखिरी टेस्ट मैच इंग्लैंड के खिलाफ वर्ष 1974 में खेला।
- भारतीय क्रिकेट में उनके अमूल्य योगदान के लिये, वाडेकर को सीके नायडू लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था।