प्रीलिम्स फैक्ट्स : 17 मार्च, 2018
भारत अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्द्धा नेटवर्क 2018
भारत अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्द्धा नेटवर्क 2018 के 17वें राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन नई दिल्ली में 21 मार्च से 23 मार्च, 2018 तक किया जाएगा।
- 2009 में अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्द्धा नेटवर्क (आईसीएन) में शामिल होने के बाद भारत पहली बार अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्द्धा नेटवर्क 2018 का वार्षिक सम्मेलन आयोजित करने जा रहा है।
- आईसीएन एक अनौपचारिक नेटवर्क है जिसमें 125 क्षेत्राधिकारों के 138 प्रतिस्पर्द्धा प्राधिकरण शामिल हैं।
- प्रतिस्पर्द्धा कानून और नीति के क्षेत्र में आईसीएन का यह वार्षिक सम्मेलन एक महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय मंच है।
- इसके 17वें संस्करण में 100 से अधिक देशों के प्रतिस्पर्द्धा प्राधिकरणों के 500 से अधिक प्रमुख और वरिष्ठ अधिकारी, गैर-सरकारी सलाहकार, जाने माने विधिवेता और अर्थशास्त्री भी शामिल होंगे।
भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग
- किसी भी अर्थव्यवस्था में ‘बेहतर प्रतिस्पर्द्धा’ का अर्थ होता है- आम आदमी तक किसी भी गुणात्मक वस्तु या सेवा की बेहतर कीमत पर उपलब्धता को सुनिश्चित करना।
- ‘प्रतिस्पर्द्धा’ के इसी वृहद् अर्थ को आत्मसात् करते हुए संसद ने वर्ष 2002 में ‘प्रतिस्पर्द्धा अधिनियम, 2002’ (The Competition Act, 2002) बनाया, जिसे वर्ष 2007 में संशोधित कर नए नियमों के साथ संबंधित किया गया।
- इस आयोग में एक अध्यक्ष एवं छः सदस्य होते हैं, जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा ‘नियुक्त’ (appoint) किया जाता है। चूँकि, यह एक अधिनियम के माध्यम से बना आयोग/निकाय है। अतः यह एक ‘सांविधिक’ संस्था है, न कि ‘संवैधानिक’। इस ‘आयोग’ का ज़िक्र भारतीय संविधान में नहीं किया गया है।
प्रमुख कार्य
- प्रतिस्पर्द्धा को कुप्रभावित करने वाले चलन (Practices) को समाप्त करना एवं टिकाऊ प्रतिस्पर्द्धा को प्रोत्साहित करना।
- उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा करना।
- भारतीय बाज़ार में ‘व्यापार की स्वतंत्रता’ को सुनिश्चित करना।
- किसी प्राधिकरण द्वारा संदर्भित मुद्दों पर प्रतियोगिता से संबंधित राय प्रदान करना।
- जन जागरूकता का प्रसार करना।
- प्रतिस्पर्द्धा से संबंधित मामलों में प्रशिक्षण प्रदान करना।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) के अंतर्गत सभी गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के लिये मातृत्व लाभ उपलब्ध है। इसमें वे महिलाएँ शामिल नहीं हैं, जो केंद्र या राज्य सरकार अथवा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में नियमित कर्मचारी हैं।
- इनके अलावा इस समय लागू किसी भी काऩून के अंतर्गत इसी प्रकार का लाभ पाने वाली महिलाओँ को भी इस योजना का लाभ नहीं मिलेगा।
उद्देश्य
- इस योजना के उद्देश्य हैं:
(i) गर्भवती महिला के वेतन में कटौती के लिये नकद प्रोत्साहन राशि के रुप में आंशिक मुआवज़ा प्रदान करना है, ताकि महिला पहले बच्चे के जन्म से पहले तथा बाद में पर्याप्त आराम कर सके। (ii) नकद प्रोत्साहन राशि से गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं में स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ेगी।
- इस योजना के कार्यान्वयन के दिशा-निर्देश, इस योजना को शुरू करने के सॉफ्टवेयर अर्थात् प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना सामान्य आवेदन सॉफ्टवेयर (पीएमएमवीवाई-सीएएस) और इसकी नियमावली का शुभारंभ 1 सितम्बर, 2017 को किया गया था।
- पीएमएमवीवाई को राज्य सरकारों के सहयोग से कार्यान्वित किया जा रहा है।
- पीएमएमवीवाई के तहत सभी पात्र लाभार्थियों को 5,000 रुपए दिये जाते हैं और शेष राशि जननी सुरक्षा योजना (जेएसवाई) के अंतर्गत मातृत्व लाभ की शर्तों के अनुरूप संस्थागत प्रसूति करवाने के बाद दी जाती है। इस प्रकार औसतन एक महिला को 6,000 रुपए प्राप्त होते हैं।
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मोटर न्यूरॉन बीमारी
हाल ही में दुनिया के जाने-माने वैज्ञानिक स्टीफन हाकिंग्स का निधन हो गया है। उन्होंने बिग बैंग और ब्लैक होल जैसी महत्त्वपूर्ण थ्योरी दी थी।
- यह बीमारी हमेशा जानलेवा होती है, साथ ही मनुष्य के जीवित रहने की अवधि को भी कम कर देती है। हालाँकि, कुछ अपवाद भी होते है, जैसे प्रसिद्ध वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग के मामले में हुआ।
लक्षण
- इस बीमारी के लक्षणों के बारे में अचानक से कुछ स्पष्ट नहीं होता है बल्कि धीरे-धीरे ये सामने आते हैं। आमतौर पर यह बीमारी 60 से 70 वर्ष की आयु वर्ग में होती है लेकिन कुछ विशेष स्थितियों में यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है।
♦ एड़ी या पैर में कमज़ोरी महसूस होना। लड़खड़ाहट पैदा होती है। ♦ व्यक्ति को बोलने और खाना निगलने में परेशानी होती है। ♦ हाथ की पकड़ कमज़़ोर हो जाती है, माँसपेशियों में खिंचाव आने की संभावना बढ़ जाती है, वज़न कम होने लगता है आदि।
- इसके विषय में सबसे महत्त्वपूर्ण बात यह है कि मोटर न्यूरॉन बीमारी या उससे जुड़ी परेशानी फ्रंटोटेम्परल डिमेंशिया से पीड़ित व्यक्तियों के समीप रहने वाले लोगों को भी यह बीमारी होने की संभावना रहती है। हालाँकि ऐसे मामले बहुत कम होते है।
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'न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर
हाल ही में बॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता इरफ़ान खान के 'न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर' नामक एक दुर्लभ किस्म के ट्यूमर से पीड़ित होने की खबर चर्चा का विषय बनी हुई है।
- यह एक प्रकार का ट्यूमर होता है जो शरीर के उन हिस्सों में होता है जहाँ हार्मोन्स का निर्माण एवं संचरण होता है।
- एंडोक्राइन ट्यूमर उन कोशिकाओं अर्थात् सेल्स से बनता है, जो हार्मोन्स बनाती है। जिन सेल्स में यह ट्यूमर पैदा होता है वह हार्मोन्स बनाने वाली एंडोक्राइन सेल्स और नर्व सेल्स का संयुक्त रूप होती है।
- न्यूरो का अर्थ केवल दिमागी नसों से नहीं लगाया जाना चाहिये, ये सेल्स पूरे शरीर में पाई जाती हैं, उदाहरण के तौर पर, फेफड़ों, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट जिसमें पेट और आँत भी आते हैं।
- न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर आनुवांशिक रूप से भी हो सकता है।
न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर के प्रकार
- फियोक्रोमोसाइटोमा
- मेर्केल सेल कैंसर
- न्यूरोएंडोक्राइन कार्सिनोमा
ट्यूमर क्या होता है?
- ट्यूमर शरीर में मौजूद सेल्स का वह भाग होता है जो अनियंत्रित होकर अचानक से बढ़ने लगता है। धीरे-धीरे यह शरीर में माँस के एक लोथड़े के रूप में इकट्ठा होने लगता है।
- कैंसर युक्त ट्यूमर घातक होता है, यदि इसके विषय में शुरुआती चरण में जानकारी न हो तो यह तेज़ी से बढ़कर शरीर के अन्य अंगों में फैल जाता है।
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