प्रीलिम्स फैक्ट्स: 16 अगस्त, 2018 | 16 Aug 2018
न्यायमूर्ति मंजुला चेल्लूर बनी विद्युत अपीलीय न्यायाधिकरण की अध्यक्ष
न्यायमूर्ति मंजुला चेल्लूर ने विद्युत मंत्रालय में विद्युत् अपीलीय न्यायाधिकरण की अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण किया है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले श्रीमती न्यायमूर्ति मंजुला चेल्लूर बॉम्बे हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश थीं।
- श्रीमती न्यायमूर्ति मंजुला चेल्लूर का जन्म कर्नाटक में 5 दिसंबर, 1955 को हुआ।
- वर्ष 1977 में भारत के सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें इंग्लैंड के वारविक विश्वविद्यालय में महिला-पुरुष समानता से जुड़े विषय के साथ-साथ कानून की फेलोशिप के लिये भेजा।
- वर्ष 2013 में श्रीमती न्यायमूर्ति मंजुला चेल्लूर को कर्नाटक राज्य महिला विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की मानद उपाधि प्राप्त हुई।
- न्यायमूर्ति मंजुला चेल्लूर कलकत्ता उच्च न्यायालय की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बनीं।
विद्युत अपीलीय न्यायाधिकरण
- विद्युत अपीलीय न्यायाधिकरण सांविधिक निकाय है जिसे नियामकीय आयोग और अधिनिर्णय अधिकारी के आदेशों के विरुद्ध मामलों की सुनवाई के उद्देश्य हेतु गठित किया गया।
- इसका गठन केंद्र सरकार द्वारा विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 110 के तहत 7 अप्रैल, 2004 को किया गया।
- इसका मुख्यालय दिल्ली में है।
रेखा शर्मा बनी राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष
रेखा शर्मा को राष्ट्रीय महिला आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। उल्लेखनीय है कि सितंबर 2017 में पूर्व अध्यक्ष ललिता कुमारमंगलम के पद छोड़ने के बाद से वह इस पद कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में कार्य कर रही थीं।
राष्ट्रीय महिला आयोग
- राष्ट्रीय महिला आयोग (National Commission for Women -NCW) भारतीय संसद द्वारा 1990 में पारित अधिनियम के तहत जनवरी 1992 में गठित एक सांविधिक निकाय है।
- यह एक ऐसी इकाई है जो शिकायत या स्वतः संज्ञान के आधार पर महिलाओं के संवैधानिक हितों और उनके लिये कानूनी सुरक्षा उपायों को लागू कराती है।
- आयोग की पहली प्रमुख सुश्री जयंती पटनायक थीं।
चिल्का झील में प्रस्तावित एयरोड्रोम परियोजना का विरोध
- केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने चिल्का झील में एयरोड्रोम स्थापित करने के लिये एक पायलट प्रोजेक्ट को मंज़ूरी दी।
- ग्रीन नोबेल पुरस्कार विजेता और पर्यावरण कार्यकर्ता प्रफुल्ल समंतारा ने कहा कि चिल्का झील में प्रस्तावित एयरोड्रोम परियोजना का राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर विरोध किया जाएगा।
- प्रफुल्ल समंतारा के संगठन का नाम ‘लोक शक्ति’ है।
- प्रफुल्ल समंतारा ‘ग्रीन नोबेल’ के नाम से लोकप्रिय पुरस्कार को जीतने वाले भारत के छठे व्यक्ति हैं।
- यह पुरस्कार दुनिया के छह मानव सभ्यता वाले इलाकों अफ्रीका, एशिया, यूरोप, द्वीप एवं द्विपीय देश, उत्तरी अमेरिका और दक्षिणी एवं मध्य अमेरिका में ज़मीनी स्तर पर पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले लोगों को दिया जाता है।
- एयरोड्रोम एक ऐसी जगह या क्षेत्र है जहाँ से छोटे विमान उड़ान भर सकते हैं या लैंडिंग कर सकते है।
- चिल्का एशिया का सबसे बड़ा खारे पानी का लैगून है, जहाँ बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षियों का आगमन होता है।
- इसे रामसर सम्मेलन के तहत अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की प्राकृतिक आर्द्रभूमि भी घोषित किया गया है।
'पूर्वोत्तर सर्किट विकासः इम्फाल और खोंगजोंग' परियोजना
- मणिपुर की राज्यपाल डॉ. नजमा ए. हेपतुल्ला ने इंफाल में पर्यटन मंत्रालय की स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत “पूर्वोत्तर सर्किट विकासः इम्फाल और खोंगजोंग” परियोजना का उद्घाटन किया।
- स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत शुरू की जाने वाली यह पहली परियोजना है।
- स्वदेश दर्शन योजना 2014-15 में लॉन्च की गई थी और अब तक मंत्रालय ने योजना के अंतर्गत 29 राज्यों तथा केन्द्रशासित प्रदेशों के 5708.88 करोड़ रुपए की 70 परियोजनाओं को मंज़ूरी दी है।
- इस परियोजना की लागत 72.30 करोड़ रुपए है और पर्यटन मंत्रालय ने सितंबर, 2015 में इसकी स्वीकृति दी थी।
- इस परियोजना में दो स्थलों कांगला फोर्ट तथा खोंगजोंग को कवर किया गया है।
- मंत्रालय की दोनों योजनाओं को मिलाकर 15 परियोजनाएँ स्वीकृत की गई हैं, जो सभी पूर्वोत्तर राज्यों को कवर करती हैं।
ऑस्ट्रेलिया ने भारत से बच्चे गोद लेने की प्रक्रिया बहाल करने का फैसला किया
- ऑस्ट्रेलिया सरकार ने हेग संधि की व्यवस्थाओं के तहत भारत से बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया बहाल करने का फैसला किया है।
- बच्चों को दूसरे देशों में गोद देने का काम करने वाली कुछ पंजीकृत भारतीय एजेंसियों के बच्चों की तस्करी में लिप्त होने की खबरों के बाद ऑस्ट्रेलिया सरकार ने भारत से बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया पर आठ साल पहले रोक लगा दी थी।
- भारत सरकार ने किशोर न्याय कानून 2015 लागू करके तथा गोद लेने की प्रक्रिया 2017 की अधिसूचना जारी कर दूसरे देशों में बच्चों को गोद देने की प्रक्रिया को सख्त बना दिया है।
- बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया बहाल करने के लिये केंद्रीय दत्तक संसाधन प्राधिकरण (कारा) तथा महिला और बाल विकास मंत्रालय की ऑस्ट्रेलिया सरकार के साथ लगातार वार्ता जारी है।
केंद्रीय दत्तक संसाधन प्राधिकरण
- यह महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार का एक सांविधिक निकाय है।
- यह भारतीय अनाथ बच्चों के पालन-पोषण, देखभाल करने एवं गोद देने के लिये एक नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करता है।
- केंद्रीय दत्तक संसाधन प्राधिकरण को भारतीय बच्चों को भारत में एवं अंतर-देशीय स्तर पर गोद लेने संबंधी प्रक्रिया को मॉनिटर एवं विनियमित करने का अधिदेश प्राप्त है।
- केंद्रीय दत्तक संसाधन प्राधिकरण को हेग कन्वेंशन 1993 के अनुसार, अंतर-देशीय स्तर पर गोद लेने संबंधी प्रक्रिया विनियमित करने हेतु केंद्रीय प्राधिकरण बनाया गया है।