प्रीलिम्स फैक्ट्स : 16 जनवरी 2018 | 16 Jan 2018
महादयी नदी जल विवाद
महादयी नदी के जल बँटवारे पर गोवा, कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच विवाद बढ़ गया है। कर्नाटक में आगामी विधानसभा चुनावों के कारण तथा महादयी जल विवाद ट्रिब्यूनल द्वारा इस महीने में इस विवाद पर अंतिम निर्णय देने की संभावना के चलते तीन दशक पुराना यह विवाद चर्चा में बना हुआ है।
क्या है विवाद का कारण?
- 1990 के दशक में कर्नाटक सरकार ने राज्य की सीमा के अंदर महादयी नदी से नहरों और बांधो की श्रृंखला द्वारा 7.56 TMC (Thousand Million Cubic Feet) पानी मलप्रभा बांध में लाने के लिये कलसा-बंडूरी नहर परियोजना प्रारंभ की थी।
- मलप्रभा नदी कृष्णा नदी की सहायक नदी है। कलसा और बंडूरी इस परियोजना में प्रस्तावित दो नहरों के नाम हैं।
- इसका उद्देश्य उत्तरी कर्नाटक के ज़िलों में जल संकट का समाधान करना है।
- पर्यावरणविदों के अनुसार इस बांध परियोजना से गोवा में पारिस्थितिक संतुलन पर नकारात्मक प्रभाव पड सकता है। इसलिये गोवा सरकार द्वारा इस परियोजना का विरोध किया जा रहा है।
- दोनों राज्यों के बीच बातचीत द्वारा इस मामले को निपटाने के सभी प्रयास विफल रहने पर यह मामला 2006 में सर्वोच्च न्यायालय में पहुँचा।
- महादायी जल विवाद ट्रिब्यूनल की स्थापना 2010 में की गई थी।
महादयी नदी
- महादयी नदी का उद्गम स्थान बेलगावी ज़िले के खानापुर तहसील के देगाव गाँव के निकट है।
- यह नदी कर्नाटक और महाराष्ट होते हुए गोवा में प्रवेश करती है और बाद में अरब सागर में गिरती है।
- गोवा में इसे मांडवी के नाम से भी जाना जाता है।
- इस नदी की कुल लम्बाई का दो-तिहाई भाग गोवा में स्थित है जहाँ इसे मैंग्रोव वनस्पति और स्थानीय आबादी के लिये जीवन रेखा माना जाता है।