प्रीलिम्स फैक्ट्स : 15 मार्च, 2018 | 15 Mar 2018

कृषि उन्नति मेला 2018

प्रमुख बिंदु 

  • 16 से 18 मार्च, 2018 तक नई दिल्ली में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (ICAR), पूसा के परिसर में कृषि उन्नति मेला आयोजित किया जाएगा।
  • यह मेला वर्ष 1972 से आयोजित किया जा रहा है।
  • यह भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) का एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण वार्षिक आयोजन है, जो कि कृषि तकनीकी विकास के बारे में जागरूकता पैदा करने और कृषक समुदाय से प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिये आयोजित किया जाता है।
  • कृषि विज्ञान केंद्र, राज्य कृषि विश्वविद्यालय, राज्यों के कृषि विभाग/बागवानी विभाग, उद्यमी और कृषि से जुड़ी निजी एजेंसियाँ भी इस मेले में भाग लेंगी।
  • समारोह में प्रधानमंत्री द्वारा कृषि कर्मण पुरस्कार और पंडित दीनदयाल उपाध्याय कृषि विज्ञान प्रोत्साहन पुरस्कार भी वितरित किये जाएंगे।
  • मेले में बागवानी/ डेयरी, पशुपालन, मत्स्य पालन, जैविक खेती इनपुट्स (बीज, खाद, कीटनाशक आपूर्ति करने वाली एजेंसियाँ) सहकारी मेला आदि की थीम पेर आधारित पेवेलियन भी स्थापित किये जाएंगे।
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR)
  • पूसा (बिहार) में 1905 में एक अमेरिकी परोपकारी हेनरी फिप्स की वित्तीय सहायता से स्थापित।
  • ICAR 1936 से नई दिल्ली में कार्यरत।
  • संस्थान के लोकप्रिय नाम (पूसा संस्थान) का उद्गम इस संस्थान के पूसा में स्थापित होने को माना जा सकता है|
  • कृषि अनुसंधान, शिक्षा एवं प्रसार के लिये देश का प्रमुख राष्ट्रीय संस्थान।
  • UGC अधिनियम 1956 के अंतर्गत 'मानद विश्वविद्यालय' का दर्जा प्राप्त।
  • कृषि के विभिन्न विषयों में एम.एससी. व पीएच.डी. की उपाधियाँ भी देता है।
  • कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग (DARE), केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त संगठन है।
  • इम्पीरियल कृषि अनुसंधान परिषद के रूप में 16 जुलाई, 1929 को कृषि पर रॉयल कमीशन की रिपोर्ट के अनुसरण में सोसाइटी पंजीकरण अधिनियम, 1860 के तहत  स्थापित।
  • इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।
  • पूरे देश में बागवानी, मत्स्य पालन और पशु विज्ञान सहित कृषि में अनुसंधान और शिक्षा के समन्वय, मार्गदर्शन और प्रबंधन के लिये सर्वोच्च संस्था है।

विश्‍व उपभोक्‍ता अधिकार दिवस

प्रमुख बिंदु 

  • विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस एक वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय आयोजन है जो अंतर्राष्ट्रीय उपभोक्ता आंदोलन में उत्सव और एकजुटता का प्रतीक है।
  • प्रत्येक वर्ष 15 मार्च को उपभोक्‍ताओं के अधिकारों के संरक्षण के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करने के लिये विश्व उपभोक्‍ता अधिकार दिवस मनाया जाता है।
  • उपभोक्‍ता मामलों के विभाग द्वारा इस वर्ष यह दिवस ‘डिजिटल बाज़ारों को ज़्यादा पारदर्शी बनाना’ (Making Digital Marketplaces Fairer) की थीम के साथ मनाया जाएगा।
  • यह आयोजन उपभोक्ताओं को बाज़ार में अनुचित व्यवहारों और सामाजिक अन्यायों के खिलाफ आवाज़ उठाने का मौका देता है।

पृष्ठभूमि

  • 15 मार्च, 1962 को अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जे.एफ. कैनेडी ने उपभोक्तावाद की महत्ता पर ज़ोर देते हुए अमेरिकी संसद के समक्ष ‘उपभोक्ता अधिकार बिल’ की रूपरेखा प्रस्तुत की थी।
  • इसलिये प्रत्येक वर्ष 15 मार्च का दिन ‘विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
  • 24 दिसंबर, 1986 को भारत सरकार द्वारा उपभोक्ताओं के हितों के संरक्षण के लिये एक बड़ा कदम उठाते हुए उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम, 1986 पारित किया गया।
  • तभी से 24 दिसंबर का दिन राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह अधिनियम जम्मू एवं कश्मीर राज्य को छोड़कर संपूर्ण भारत में समान रूप से लागू है।
  • हाल ही में इसका स्थान लेने के लिये लोकसभा में उपभोक्ता संरक्षण विधेयक 2018 पेश किया गया है।

उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा संयंत्र

12 मार्च, 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और फ्राँस के राष्ट्रपति इमानुल मैक्रोन ने उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर ज़िले में राज्य के सबसे बड़े सौर ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन किया।

प्रमुख बिंदु

  • इस संयंत्र की स्थापना उत्तर प्रदेश नवीन और नवीनीकरण ऊर्जा विकास अभिकरण (नेडा) और फ्रेंच कंपनी सोलर डायरेक्ट ने मिलकर की है। इसे नेशनल ग्रिड से जोड़े जाने की भी योजना है।
  • 100 मेगावाट क्षमता के इस सौर ऊर्जा संयंत्र से अभी 75 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा।
  • मिर्ज़ापुर से 25 किलोमीटर दूर अवस्थित दादरकलां में स्थापित किये गए इस सौर ऊर्जा संयंत्र पर 560 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।
  • इस संयंत्र में 3,18,650 सौर प्लेटें लगाई गई हैं और प्रत्येक प्लेट 315 वाट विद्युत का उत्पादन करने में सक्षम है। इस संयंत्र से प्रतिदिन पाँच लाख यूनिट विद्युत उत्पादन होगा, जिससे लगभग एक लाख परिवार लाभान्वित होंगे।
  • भारत सरकार की ओर से इस परियोजना को 74.25 लाख रुपए प्रति मेगावाट की दर से व्यवहार्यता अंतराल वित्तपोषण (VGF) प्रदान किया गया है।
  • यह  सौर पार्क लखनऊ सोलर पार्क डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (LSPDC), जो भारत सरकार के नियंत्रणाधीन उपक्रम भारतीय सौर ऊर्जा निगम लि. (SECI) और वैकल्पिक ऊर्जा संस्थान (NEDA), उत्तर प्रदेश का संयुक्त उपक्रम है, के अधीन स्थापित किया जा रहा हैं।
  • उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद जिले में 50 मेगावाट क्षमता का सौर संयंत्र पहले ही स्थापित किया जा चुका है। जालौन जनपद में 40 मेगावाट क्षमता का सौर संयंत्र कमीशनिंग के लिये तैयार है।
  • इस सौर संयंत्र को मिलाकर उत्तर प्रदेश में कुल 165 मेगावाट क्षमता के सौर संयंत्र स्थापित हो चुके हैं। 

अल्पसंख्यक साइबर ग्राम योजना

प्रमुख बिंदु

  • अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा फरवरी 2014 में राजस्थान में अलवर जिले के एक गांव चांदौली जहाँ की अधिकांश आबादी अल्पसंख्यक समुदायों की है, में डिजिटल साक्षरता के लिये पायलट प्रोजेक्ट के रूप में अल्पसंख्यक साइबर ग्राम योजना को लॉन्च किया गया था।
  • इस पहल का उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदायों के छात्रों को कंप्यूटर में प्रशिक्षण देना है ताकि डिजिटल रूप से साक्षर होने के लिये वे आधारभूत सूचना और संचार प्रौद्योगिकी से संबंधित कौशल प्राप्त कर सकें और ज्ञान आधारित गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेने के साथ ही वित्तीय, सामाजिक और सरकारी सेवाओं से लाभान्वित हो सकें।
  • मंत्रालय ने एक विशेष पहल के रूप में साइबर ग्राम परियोजना को वर्ष 2014-15 में बहु-क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम (Multi-sectoral Development Programme) की मुख्यधारा में शामिल कर लिया।
  • इस योजना में अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदायों (मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, पारसी और जैन) के कक्षा 6 से कक्षा 10 के उन छात्रों को शामिल किया गया है जो बहु-क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम (MSDP) के तहत चिह्नित किये गए अल्पसंख्यक बाहुल्य क्षेत्रों में अधिवासित हैं।
  • इस परियोजना को राज्यों/संघशासित प्रदेशों के सहयोग से कॉमन सर्विस सेंटर (Common Service Center-CSC) ई-गवर्नेंस इंडिया लिमिटेड जो कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के तहत एक कंपनी है, के ज़रिये कार्यान्वित किया जा रहा है।