प्रीलिम्स फैक्ट्स:14 Nov, 2017 | 14 Nov 2017
भारत युवा विकास सूचकांक एवं रिपोर्ट, 2017
हाल ही में तमिलनाडु के श्रीपेरुम्बुदूर (Sriperumbudur) में स्थित राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्ज़ा प्राप्त राजीव गांधी राष्ट्रीय युवा विकास संस्थान द्वारा युवा विकास सूचकांक एवं रिपोर्ट (India Youth Development Index and Report), 2017 जारी की गई। इस पहल की शुरुआत वर्ष 2010 में की गई थी।
उद्देश्य : इसका उद्देश्य राज्यों में युवाओं के विकास की स्थिति पर करीबी नज़र रखना है।
- इस सूचकांक के ज़रिये लचर और बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्यों की पहचान की जाएगी।
- राज्यों में युवाओं के विकास को प्रभावित करने वाले पहलुओं को चिन्हित किया जाएगा।
- साथ ही जिन क्षेत्रों पर अधिक ध्यान देने की ज़रूरत है उनके विषय में नीति निर्माताओं को जानकारी दी जाएगी।
प्रमुख बिंदु :
- सूचकांक को तैयार करते समय राष्ट्रीय युवा नीति 2014 (भारत) के अनुसार युवा की परिभाषा एवं कॉमनवेल्थ की विश्व युवा विकास रिपोर्ट (15-29 वर्ष) के साथ-साथ वैश्विक तुलना हेतु कॉमनवेल्थ सूचकांकों का भी प्रयोग किया गया है।
- वैश्विक युवा विकास सूचकांक भारत के लिये निर्मित युवा विकास सूचकांक (YDI) से अलग है। भारतीय YDI भारतीय समाज में विद्यमान संरचनात्मक असमानताओं के संबंध में सामाजिक प्रगति की समग्रता का आकलन करने के लिये एक नया डोमेन सामाजिक समावेश को संबद्ध करता है। यह नया प्रयास उन अंतरों की पहचान करने में मदद करता है जिनके संदर्भ में तीव्रता से नीतिगत हस्तक्षेप किये जाने की आवश्यकता है।
भारत की प्रथम ‘एयर डिस्पेंसरी’
देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र में भारत की प्रथम ‘एयर डिस्पेंसरी’ (जो कि एक हेलीकॉप्टर में अवस्थित होगी) को स्थापित किया जाएगा। केन्द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय (Union Ministry of Development of Northeast - DONER) द्वारा इस पहल को शुरू करने के लिये आरंभिक वित्त पोषण के एक हिस्से के रूप में 25 करोड़ रुपए का योगदान किया गया है।
- यह सेवा ऐसे सुदूरवर्ती क्षेत्रों में उपलब्ध कराई जाएगी जहाँ न तो कोई भी डॉक्टर या चिकित्सा सुविधा सुलभ होती है और न ही ज़रूरतमंद मरीजों को समय पर किसी भी तरह की चिकित्सा सेवा ही प्राप्त हो पाती है।
- इस परियोजना को वर्ष 2018 के आरंभ में शुरू करने का अनुमान व्यक्त किया जा रहा है।
- पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय की पहल पर पूर्वोत्तर क्षेत्र में शुरू की जा रही इस पहल को भविष्य में अन्य पहाड़ी राज्यों जैसे - हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में भी अपनाया जा सकता है।
- आरंभ में इस योजना के तहत हेलीकॉप्टर को दो स्थलों मणिपुर के इम्फाल और मेघालय के शिलांग में अवस्थित किया जाएगा। ध्यातव्य है कि इन दोनों ही शहरों में प्रमुख स्नातकोत्तर चिकित्सा संस्थान उपस्थित हैं, जहाँ के विशेषज्ञ डॉक्टर आवश्यक उपकरणों एवं सहायक कर्मचारियों के साथ हेलीकॉप्टर के ज़रिये पूर्वोत्तर क्षेत्र के सभी आठों राज्यों के विभिन्न स्थानों पर पहुँच कर डिस्पेंसरी/ओपीडी सेवा मुहैया करा सकते हैं।
- इतना ही नहीं वापसी के दौरान उसी हेलीकॉप्टर से ज़रूरतमंद मरीज़ को शहर में लाकर संबंधित अस्पताल में भर्ती भी कराया जा सकता है।
- आरंभ में इम्फाल, गुवाहाटी और डिब्रुगढ़ के आसपास अवस्थित क्षेत्र में छह मार्गों पर दोहरे इंजन वाले तीन हेलीकॉप्टरों का परिचालन सुनिश्चित किया जाएगा।
राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण
हाल ही में आयोजित राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (National Achievement Survey - NAS) न केवल भारत का सबसे बड़ा राष्ट्रीय मूल्यांकन सर्वेक्षण है, बल्कि यह विश्व के सबसे बड़े मूल्यांकन सर्वेक्षण में से भी एक है। इस सर्वेक्षण को सरकारी और सरकारी अनुदान प्राप्त स्कूलों में कक्षा 3, 5 और 8 के लिये आयोजित किया गया था।
- इस सर्वेक्षण के अंतर्गत देश के सभी 36 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 700 जिलों में 25 लाख से अधिक छात्रों के सीखने के स्तर का मूल्यांकन किया गया।
- सर्वेक्षण की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिये एक निगरानी दल का गठन किया गया, जिसमें राज्य सरकारों के अंतर-मंत्री विभागों, शिक्षा विभागों के राष्ट्रीय और राज्य पर्यवेक्षकों तथा बहु-पार्श्व संगठनों के पर्यवेक्षक शामिल थे। इस निगरानी दल द्वारा मूल्यांकन के दिन सभी ज़िलों में किये गए सर्वेक्षण के कार्यान्वयन की निगरानी की गई।
- विशेष रूप से इसी के लिये निर्मित एक सॉफ्टवेर के आधार पर ज़िलेवार अध्यापन रिपोर्ट कार्ड तैयार किये जाएंगे। इसके बाद, विश्लेषणात्मक रिपोर्ट (इसके अंतर्गत शामिल विश्लेषण में अलग-अलग एवं विस्तृत रूप से सीखने के स्तर को प्रतिबिंबित किया जाएगा) तैयार की जाएगी।
- इस सर्वेक्षण से प्राप्त निष्कर्ष शिक्षा प्रणाली की दक्षता को समझने में भी मददगार साबित होगा। राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण परिणाम बच्चों के सीखने के स्तर में सुधार लाने तथा उनमें गुणात्मक सुधार करने हेतु राष्ट्रीय, राज्य, जिला और कक्षा स्तरों पर शिक्षा नीति के संबंध में योजना बनाने एवं उनका कार्यान्वयन करने आदि में मार्गदर्शन प्रदान करेगा।