लखनऊ शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 23 दिसंबर से शुरू :   अभी कॉल करें
ध्यान दें:



डेली अपडेट्स

प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स: 13 अगस्त, 2018

  • 13 Aug 2018
  • 5 min read

जम्मू और त्रिपुरा में स्थापित होगा स्पेस टेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर

  • पीएमओ ने घोषणा की है कि जम्मू में उत्तर भारत का पहला स्पेस टेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर स्थापित होगा और यह केंद्र केंद्रीय विश्वविद्यालय जम्मू के अधीन काम करेगा।
  • जम्मू के अलावा उत्तर पूर्व के त्रिपुरा में भी स्पेस टेक्नोलॉजी रिसर्च सेंटर खोला जाएगा तथा वहाँ यह नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (एनआईटी) अगरतला के अधीन काम करेगा।
  • यह अनुसंधान केंद्र उन विद्वानों और युवाओं के लिये अवसर उपलब्ध कराएगा, जो अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में रूचि रखते हैं।
  • इन केंद्रों की स्थापना की घोषणा इसरो के वर्षभर चलने वाले ‘साराभाई शताब्दी’ कार्यक्रमों की शुरुआत और विक्रम साराभाई की 99वीं जयंती के अवसर पर की गई।
  • ध्यातव्य है कि डॉ. विक्रम साराभाई इसरो के पहले अध्यक्ष और भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के संस्थापक थे।

वीएस नायपॉल

  • भारतीय मूल के ब्रिटिश लेखक और नोबेल पुरस्कार विजेता विद्याधर सूरजप्रसाद नायपॉल, जो उपनिवेशवाद, धर्म और राजनीति पर अपनी आलोचनात्मक टिप्पणी के लिये जाने जाते थे, का 85 वर्ष की आयु में निधन हो गया।
  • उनका जन्म 17 अगस्त, 1932 को त्रिनिदाद के चगवानस में हुआ था।
  • उनका पहला उपन्यास 'द मिस्टिक मैसर' (The Mystic Masseur) था जो वर्ष 1951 में प्रकाशित हुआ था।
  • उनकी चर्चित कृतियों में 'ए बेंड इन द रिवर' और 'ए हाउस फ़ॉर मिस्टर बिस्वास' शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि ‘ए हाउस फॉर मिस्टर बिस्वास’ को लिखने में उन्हें तीन वर्ष से अधिक का समय लगा था।
  • नायपॉल को वर्ष 1971 में बुकर प्राइज़ (‘इन अ फ्री स्टेट' किताब के लिये) और वर्ष 2001 में साहित्य के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
  • उनको 'मास्टर ऑफ इंग्लिश' भी कहा जाता है।

पार्कर सोलर प्रोब

नासा ने सूर्य का नजदीकी अध्ययन करने वाले पहले मिशन के तहत पार्कर सोलर प्रोब को सफलता पूर्वक प्रक्षेपित किया है।

  • पार्कर सोलर प्रोब को डेल्टा -4 नामक हैवी रॉकेट द्वारा प्रक्षेपित किया गया।
  • पिछला निकटतम प्रोब हेलियोस-2 था, जो वर्ष 1976 में लॉन्च किया गया था।
  • इस यान का नाम पहले सोलर प्रोब प्लस था, जिसे 2017 में बदलकर खगोलशात्री ड्यूजिन पार्कर के नाम पर पार्कर सोलर प्रोब कर दिया गया।
  • यह मानव इतिहास में पहली बार होगा, जब कोई यान सूर्य के वातावरण में प्रवेश करेगा।
  • अंतरिक्ष यान ‘पार्कर सोलर प्रोब’ सूर्य की कक्षा के करीब 40 लाख मील के घेरे में प्रवेश करेगा।
  • पार्कर सोलर प्रोब को सूर्य के ताप से बचाने के लिये इसमें स्पेशल थर्मल प्रोटेक्शन सिस्टम (thermal protection system- TPS) यानी हीट शील्ड लगाई गई है। यह शील्ड फाइबर और ग्रेफाइट (ठोस कार्बन) से तैयार की गई है।
  • इस हीट शील्ड की मोटाई 11.43 सेमी. है। सूर्य की बाहरी कक्षा इसकी सतह के मुकाबले सैकड़ों गुना ज़्यादा गर्म होती है। इसका तापमान 5 लाख डिग्री सेल्सियस या इससे भी ज़्यादा हो सकता है।
  • यह शील्ड यान के बाहर तकरीबन 1370 डिग्री सेल्सियस का तापमान झेल सकेगी।
  • सभी वैज्ञानिक उपकरणों एवं संचालन यंत्रों को इस शील्ड के पीछे व्यवस्थित किया जाएगा ताकि ये सभी यंत्र सूर्य की रोशनी से सीधे प्रभावित न हों।
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2