प्रीलिम्स फैक्ट्स: 13 जुलाई, 2018 | 13 Jul 2018
बेंगी डांस
(a frog dance to woo the rain gods)
- ओडिशा का 'बेंगी डांस' या 'मेंढक नृत्य' वर्षा देवताओं को प्रसन्न करने के लिये आयोजित किये जाने वाला एक परंपरागत अनुष्ठान है।
- ऐसी मान्यता है कि इस अनुष्ठान के दौरान मेंढकों द्वारा उत्पन्न क्रोकिंग (टर्र टर्र) ध्वनियाँ गाँव में वर्षा की कमी के संबंध में वर्षा के देवता 'इंद्र' को सतर्क करती हैं।
- परंपरा के अनुसार, दो बड़े मेंढकों को पकड़ा जाता है उन्हें हल्दी पानी से नहलाया जाता है और उनके शरीर पर लाल रंग (सिंदूर) लगाया जाता है। तब उन्हें नए कपड़े के टुकड़े के साथ एक लंबे पोल से बांध दिया जाता है और गाँव के चारों ओर पारंपरिक ड्रम और झांझ (करताल) बजाते हुए घुमाया जाता है|
- भारतीय कृषि के लिये मॉनसूनी बारिश महत्त्वपूर्ण है जो देश में रोज़गार का एक प्रमुख स्रोत है।
- स्थानीय रीति-रिवाजों और परंपराओं के आधार पर वर्षा देवताओं को समर्पित अनुष्ठान प्रत्येक राज्य में भिन्न-भिन्न प्रकार से किये जाते हैं।
- उत्तरी पाकिस्तान के स्वात में स्थित बुद्ध की ध्यान की मुद्रा में बैठी हुई प्रतिष्ठित मूर्ति 7वीं शताब्दी की है| इसे दक्षिण एशिया में स्थित सबसे विशाल रॉक मूर्तियों में से एक माना जाता है।
- बुद्ध की यह मूर्ति स्वात की बौद्ध विरासत के केंद्र, जहाँनाबाद में अवस्थित हैं जो कि हिमालय की तलहटी में एक खूबसूरत घाटी है|
- स्वात सदियों से बौद्ध श्रद्धा का केंद्र रहा है| इसे विशेष रूप से हिमालय तीर्थ स्थल के रूप में जाना जाता रहा है।
- वज्रयान शाखा में इसे "पवित्र भूमि" के रूप में मान्यता है| यहीं से उनकी बुद्ध के प्रति आस्था उत्पन्न हुई थी।
- 20 वीं सदी तक वज्रयान बौद्ध इस इलाके मे आते रहे लेकिन 1947 में भारत के बँटवारे के बाद उनका यहाँ आना मुश्किल होता गया|
- स्वात घाटी में 10वीं सदी के आसपास बौद्ध धर्म खत्म हो गया| उसकी जगह हिंदू और इस्लाम धर्म ने ले ली|
- उत्तरी पाकिस्तान में ग्रेनाइट चट्टान के स्तंभ पर कमल की मुद्रा में चित्रित इस पवित्र मूर्ति को इस्लामिक विद्रोहियों द्वारा गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया गया था।
- न्यूजीलैंड के वैज्ञानिकों द्वारा एक ऐसा उपकरण विकसित किया गया है जिसकी सहायता से मनुष्य का 3D रंगीन एक्सरे लिया जा सकता है| इस इमेजिंग तकनीक से चिकित्सकीय निदान के क्षेत्र में काफी मदद मिलने की उम्मीद है।
- मेडिपिक्स (medipix) नामक यह नया उपकरण पारंपरिक श्वेत-श्याम एक्सरे तकनीक पर आधारित है, जिसमें शोधकर्त्ताओं ने कणों की निगरानी करने वाली एक विशेष तकनीक का इस्तेमाल किया। यह विशेष तकनीक CERN द्वारा लार्ज हारड्रोन कोलाइडर (Large Hardron Collider) के लिये विकसित की गई थी, जिसने 2012 में हिग्स बोसन कण की खोज की थी।
- शोधकर्त्ताओं के अनुसार, रंगीन एक्सरे इमेजिंग तकनीक स्पष्ट और अधिक सटीक तस्वीर मुहैया कराएगी जिससे डॉक्टर मरीजों की समस्या की सटीक पहचान कर सकेंगे।