प्रीलिम्स फैक्ट्स : 12 दिसंबर, 2017 | 12 Dec 2017
एक नया पदार्थ 'एक्साइटोनियम'(excitonium)
वैज्ञानिकों ने एक नए प्रकार के पदार्थ की खोज की है, जिसे 'एक्साइटोनियम' कहा जाता है। इसका सिद्धांत अब से लगभग 50 साल पहले हार्वर्ड के एक सैद्धांतिक भौतिक विज्ञानी बर्ट हैलप्परिन (Bert Halperin) द्वारा दिया गया था।
प्रमुख बिंदु
► कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी और इलिनोइस यूनिवर्सिटी के शोधकर्त्ताओं द्वारा एक ट्रांज़िशन मेटल डाइ-कैलकोजेनाइड टाइटेनियम डिसेलेनाइड (dichalcogenide titanium diselenide - 1T-TiSe2) के नॉन-डॉप्ड क्रिस्टल (non-doped crystals) का अध्ययन किया गया ।
► 'एक्साइटोनियम' एक सुपरकंडक्टर की तरह मैक्रोस्कोपिक क्वांटम घटना (macroscopic quantum phenomena) को दर्शाता है।
► यह एसिटोंस (excitons) कण से बना होता है, जो एक बहुत ही विचित्र क्वांटम मैकेनिकल युग्मन (quantum mechanical pairing) में बनते हैं।
चुंबकीय ऊर्जा वाले ब्लैक होल की उपस्थिति
हाल ही में वैज्ञानिकों द्वारा लगभग 8000 प्रकाश वर्ष दूर साइगनस नक्षत्र (Cygnus Constellation) में द्विआधारी स्टार सिस्टम (Binary Star System) के ब्लैक होल भाग और माइक्रोक्वासर V404 साइग्नी (Microquasar V404 Cygni) का अवलोकन प्रस्तुत किया गया।
► वैज्ञानिकों द्वारा यह पाया गया कि ब्लैक होल के संबंध में व्यक्त पूर्व के अनुमानों की तुलना में इसके आसपास की चुंबकीय ऊर्जा लगभग 4,000 गुना कम है।
► यह शोध न केवल ब्लैक होल को बेहतर ढंग से समझने में सहायता करेगी, बल्कि यह अन्य महत्त्वपूर्ण खोजों के संबंध में भी विशेष भूमिका का निर्वाह करेगी।
वी 404 साइग्नी (V404 Cygni)
► V404 साइग्नी एक बहुत दिलचस्प स्टार सिस्टम है। यह साइगनस नक्षत्र में स्थित है।
► यह एक बाइनरी ऑब्जेक्ट है, जो सूरज के द्रव्यमान का 9-10 गुना और एक साथी सितारे जो कि आकर में सूर्य से बड़ा तथा द्रव्यमान में इससे थोडा सा कम होता है के ब्लैक होल क्ले युग्म से बना होता है।
► ये दोनों पदार्थ विशाल गुरुत्वाकर्षण बल के कारण एक दूसरे और ब्लैक होल के चारों ओर घूमते रहते हैं।
► वी 4404 साइग्नी में "वी" का अर्थ है "चर”। ऐसा इसलिये क्योंकि स्टार सिस्टम को पृथ्वी से देखा जाता है, तो ये चमकीले दिखते हैं तथा फिर फीके हो जाते हैं।
► ये स्टार ऊर्जा का विस्फोट भी पैदा करते हैं। ऐसी एक घटना वर्ष 2015 में घटित हुई थी।
ब्लैक होल
ब्लैक होल अंतरिक्ष में उपस्थित ऐसे छिद्र हैं जहाँ गुरुत्वबल इतना अधिक होता है कि यहाँ से प्रकाश का पारगमन नहीं होता। चूँकि इनसे प्रकाश बाहर नहीं निकल सकता, अतः हमें ब्लैक होल दिखाई नहीं देते, वे अदृश्य होते हैं।
► हालाँकि विशेष उपकरणों युक्त अंतरिक्ष टेलीस्कोप की मदद से ब्लैक होल की पहचान की जा सकती है। ये उपकरण यह बताने में भी सक्षम हैं कि ब्लैक होल के निकट स्थित तारे अन्य प्रकार के तारों से किस प्रकार भिन्न व्यवहार करते हैं।
प्रमुख बिंदु
► ब्लैक होल आकार में छोटे अथवा बड़े हो सकते हैं। वैज्ञानिकों का मानना है कि छोटे ब्लैक होल एक अणु के बराबर होते हैं। हालाँकि ये बहुत छोटे होते हैं, परन्तु इनका द्रव्यमान एक बड़े पर्वत के समान होता है।
► दूसरे प्रकार के ब्लैक होल को ‘तारकीय ब्लैक होल’ (Stellar black holes) कहा जाता है। इनका द्रव्यमान सूर्य के द्रव्यमान से 20 गुना अधिक हो सकता है।
► पृथ्वी की आकाशगंगा में अनेक तारकीय ब्लैक होल हो सकते हैं। पृथ्वी की आकाशगंगा का नाम ‘मिल्की वे’ है।
► सबसे बड़े ब्लैक होल को ‘विशालकाय ब्लैक होल’ कहा जाता है। इन ब्लैक होलों का द्रव्यमान लाखों सूर्यों के संयुक्त द्रव्यमान के बराबर होता है।
► वैज्ञानिकों ने इस बात के भी प्रमाण प्राप्त कर लिये हैं कि प्रत्येक बड़ी आकाशगंगा के केंद्र में विशाल ब्लैक होल होता है।
► मिल्की – वे यानि आकाशगंगा के केंद्र में पाए गए ब्लैक होल को सैगीटेरियस ए (Sagittarius A) कहा जाता है।
इनका निर्माण कैसे हुआ?
► वैज्ञानिकों का मानना है कि जब भी ब्रह्मांड की रचना हुई, उसी समय सबसे छोटे ब्लैक होल का भी निर्माण हुआ होगा। जब एक विशाल तारे का केंद्र स्वयं तारे पर गिर जाता है और टूट जाता है तो ‘तारकीय ब्लैक होल’ (Stellar black holes) का निर्माण होता है। इस प्रकार की घटना सुपरनोवा (supernova) के कारण होती है।
► सुपरनोवा विस्फोटक तारा होता है जो अंतरिक्ष में तारे के भाग में विस्फोट कर देता है।
► वैज्ञानिक यह मानते हैं कि जिस समय आकाशगंगाओं का निर्माण हुआ होगा, उसी समय विशालकाय ब्लैक होल का भी निर्माण हुआ था।
हॉर्नबिल महोत्सव
‘हॉर्नबिल महोत्सव’ उत्तर-पूर्वी भारत के नागालैंड राज्य का एक प्रसिद्ध त्यौहार है। यह सांस्कृतिक महोत्सव नृत्य, संगीत और भोजन के रूप में वर्षों से अपनाई गई नगा समुदाय की समृद्ध संस्कृति एवं परंपराओं का एक कलात्मक प्रदर्शन है, जो कि नगा समाज की विविधताओं को प्रदर्शित करता है।
► इसे नागालैंड राज्य के स्थापना दिवस (1 दिसंबर, 1963) के उपलक्ष्य पर मनाया जाता है।
► प्रारंभ में इसे 7 दिनों के लिये आयोजित किया गया, किंतु इसकी बढ़ती सफलता, उपलब्धि एवं पर्यटन को मद्देनज़र बाद में इसे 10 दिनों में परिवर्तित कर दिया गया।
► इस महोत्सव का उद्देश्य नागालैंड की समृद्ध संस्कृति को पुनर्जीवित करने तथा इसकी सुरक्षा करने के साथ-साथ अपनी परंपराओं को प्रदर्शित करना है।
ग्रेट हॉर्नबिल पक्षी (Great Hornbill)
► यह ‘एनिमलीया किंगडम’ के ‘कॉर्डेटा समुदाय’ के ‘एवेस वर्ग’ का एक पक्षी है, जिसे ‘ग्रेट इंडियन हॉर्नबिल’ के नाम से भी जाना जाता है।
► यह मुख्य रूप से आर्द्र सदाबहार और मिश्रित पर्णपाती वनों में पाया जाता है।
► इसे IUCN की रेड डाटा बुक की ‘Near Threatened’ सूची में रखा गया है।
► यह अरुणाचल प्रदेश तथा केरल राज्य का एक ‘राजकीय पक्षी’ (State Bird) भी है।