यूरोपीय निवेश बैंक-इरेडा समझौता
प्रमुख बिंदु
- यूरोपीय निवेश बैंक (EIB) और भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी (IREDA) लिमिटेड ने बिना सरकारी गारंटी वाले 150 मिलियन यूरो के दीर्घकालिक ऋण हेतु समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं।
- यह ऋण 15 साल की अवधि के लिये है जिसमें 3 साल की रियायती अवधि (Grace Period ) शामिल है।
- इसका उपयोग भारत में अक्षय ऊर्जा और ऊर्जा दक्षता परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिये किया जाएगा।
- इस राशि को फोटोवोल्टिक सेल और पवन ऊर्जा संबंधी परियोजनाओं में लगाया जाएगा। इन निधियों से उत्पादित स्वच्छ ऊर्जा से 1.1 मिलियन से भी अधिक परिवारों को लाभ होगा।
यूरोपीय निवेश बैंक (EIB)
- EIB यूरोपीय संघ की दीर्घकालिक ऋण प्रदान करने वाली संस्था है।
- यह संस्था यूरोपीय संघ की नीतियों को लागू करने के लिये यूरोपीय संघ के अन्य संस्थानों के साथ मिलकर काम करती है और बहुपक्षीय वित्तपोषण का भी कार्य करती है।
- इस बैंक की 90% से भी अधिक गतिविधियाँ यूरोप में केंद्रित हैं लेकिन विश्व स्तर पर भी यह एक बड़ा निवेशक है।
- EIB चार प्राथमिकता वाले क्षेत्रों- नवाचार और कौशल, लघु व्यवसायों के लिये वित्त, बुनियादी ढाँचा तथा जलवायु और पर्यावरण पर ध्यान केंद्रित करता है।
भारतीय अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी लिमिटेड (IREDA-इरेडा)
- यह भारत सरकार के ‘नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय’ के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन कार्यरत एक मिनीरत्न (श्रेणी 1) प्रकार की कंपनी है।
- इसका कार्य नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से संबंधित परियोजनाओं को प्रोत्साहित करना तथा इनके विकास हेतु इन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
- इसे ‘कंपनी अधिनियम, 1956’ की धारा 4’ए’ के तहत ‘सार्वजनिक वित्तीय संस्थान’ (Public Financial Institution) के रूप में अधिसूचित किया गया है।
- इसे ‘भारतीय रिज़र्व बैंक’ के नियमों के अंतर्गत ‘गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी’ (Non-Banking Financial Company) के रूप में पंजीकृत किया गया है।
- इसे वर्ष 1987 में ‘गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्था’ के रूप में एक पब्लिक लिमिटेड कंपनी के तौर पर गठित किया गया था।
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